World Toilet Day 2025: 19 नवंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस? जानें इतिहास, महत्व और इस साल की थीम
World Toilet Day 2025: स्वच्छता, स्वास्थ्य और गरिमा—ये तीनों किसी भी इंसान की बुनियादी ज़रूरतें हैं। लेकिन दुनिया के करोड़ों लोग आज भी इस बुनियादी अधिकार से वंचित हैं। इसी कमी को दूर करने और लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) मनाया जाता है। यह सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की दिशा में चल रहा एक वैश्विक अभियान है।
विश्व शौचालय दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
विश्व शौचालय दिवस की शुरुआत 2001 में सिंगापुर के सामाजिक कार्यकर्ता जैक सिम (Jack Sim) ने की थी। उन्होंने World Toilet Organization (WTO) की स्थापना की, जिसका लक्ष्य था—टॉयलेट, हाइजीन और सैनिटेशन पर दुनिया में खुले तौर पर बातचीत शुरू करना। उस समय शौचालय को लेकर बात करना भी एक तरह की शर्म मानी जाती थी।
जैक सिम ने इस सोच को बदला। उनकी पहल का असर धीरे-धीरे दुनिया भर में फैलने लगा और साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने आधिकारिक रूप से 19 नवंबर को World Toilet Day घोषित कर दिया।
19 नवंबर ही क्यों चुना गया?
19 नवंबर को इसलिए चुना गया क्योंकि World Toilet Organization की स्थापना भी इसी तारीख को हुई थी। इस दिन को चुनने के पीछे एक संदेश भी छुपा है—
स्वच्छता की लड़ाई एक दिन में नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और जनमानस की सोच बदलने से पूरी होती है।
विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य
इस दिवस का मूल उद्देश्य सिर्फ शौचालय बनवाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि—
- हर व्यक्ति को सुरक्षित और स्वच्छ शौचालय मिले
- महिलाएं असुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर न हों
- बच्चे खराब सैनिटेशन की वजह से डायरिया जैसी बीमारियों का शिकार न बनें
- समाज में हाइजीन शर्म का नहीं, आदत का हिस्सा बने
अक्सर देखा जाता है कि परिवारों में टॉयलेट निर्माण को खर्च समझकर टाला जाता है, जबकि यह स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान को सुरक्षित करने का सबसे आसान तरीका है।
कैसे शुरू हुआ वैश्विक स्वच्छता अभियान?
2001 से 2012 के बीच World Toilet Organization ने दुनिया भर में 200 से अधिक प्रोजेक्ट शुरू किए। इनमें ओपन डिफिकेशन (खुले में शौच), महिलाओं की सुरक्षा, पानी की बचत, और टॉयलेट स्वच्छता को लेकर कई पहल शामिल थीं।
2013 के बाद यह एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन बन गया। आज 150 से अधिक देश इस दिन को मनाते हैं और सैनिटेशन को मानवाधिकार के रूप में आगे बढ़ाते हैं।
World Toilet Day 2025 की थीम
विश्व शौचालय दिवस 2025 का थीम है—“Sanitation In A Changing World” (बदलती दुनिया में स्वच्छता)
“हमें हमेशा शौचालय की आवश्यकता होगी।”
यानी दुनिया कितनी भी आधुनिक क्यों न हो जाए, सुरक्षित शौचालय की ज़रूरत कभी खत्म नहीं होगी। थीम का उद्देश्य है—बदलती आबादी, शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और बढ़ती चुनौतियों के बीच भी स्वच्छता को प्राथमिकता देना।
विश्व शौचालय दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत जैसे देश में स्वच्छ भारत मिशन के बाद लाखों लोगों को घर में शौचालय मिला, लेकिन हाइजीन और मेंटेनेंस आज भी चुनौती है।
दुनिया में—
- करोड़ों लोगों के घर में अब भी शौचालय नहीं है
- लाखों महिलाएं जंगल या खुले क्षेत्रों में जाने को मजबूर हैं
- गंदे शौचालयों के कारण बच्चे गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं
यह दिन याद दिलाता है कि टॉयलेट न होना सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि जोखिम, असमानता और बीमारी का कारण बन सकता है।
विश्व शौचालय दिवस कैसे मनाया जाता है?
दुनिया भर में इस दिन—
- स्वच्छता जागरूकता रैलियां
- स्कूलों में हाइजीन वर्कशॉप
- सरकारी अभियान
- NGOs द्वारा sanitation प्रोजेक्ट
- सोशल मीडिया जागरूकता पोस्ट
जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, ताकि हर व्यक्ति को यह समझाया जा सके कि टॉयलेट कोई लग्ज़री नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।
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