हर साल 27 सितंबर को World Tourism Day मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जीवन में टूरिज्म के महत्व को समझाना है।
United Nation World Tourism Organization (UNWTO) द्वारा 1980 में स्थापित World Tourism Day इस बात की याद दिलाता है कि पर्यटन संस्कृतियों को जोड़ने, शांति को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। World Tourism Day 2024 की थीम “Tourism and Peace” पर केंद्रित है। यह थीम दुनिया भर में बढ़ते संघर्षों और शांति समाधान की तत्काल आवश्यकता के मद्देनज़र बेहद प्रासंगिक है।
World Tourism Day का महत्व
राहुल सांकृत्यायन जो भारत के बेहद प्रसिद्ध और एक ट्रेवल राइटर थे, ने लिखा:
सैर कर दुनिया की गाफिल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगानी जो रही तो नौजवानी फिर कहाँ
राहुल सांकृत्यायन का मानना था की पर्यटन या घूमना फिरना न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा है बल्कि यह दिमाग का विकास भी करता है। आज UN द्वारा मनाया जा रहा World Tourism Day भी ये सन्देश ही देने की कोशिश करता है।
World Tourism Day का उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह केवल सुंदर स्थलों को बढ़ावा देने के बारे में नहीं है बल्कि यह इस बात पर जोर देने के लिए है कि एक ऐसे पर्यटन का विकास होना चाहिए, जो स्थानीय समुदायों और पर्यावरण का सम्मान करता हो। पर्यटन दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है, जिसमें 2019 तक लगभग 333 मिलियन लोग कार्यरत थे, और इसका अर्थव्यवस्थाओं और समाजों पर प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण है।
पर्यटन से काफी विकास होता है क्योंकि यह नौकरी के अवसर उत्पन्न करता है और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देता है। हालांकि, इस विकास के साथ जिम्मेदारी भी आती है। संयुक्त राष्ट्र ने जोर दिया है कि पर्यटन का विकास इस प्रकार किया जाना चाहिए जो केवल आर्थिक प्रोडक्टिविटी नहीं बल्कि लोगों पर निवेश को प्राथमिकता दे। इसका अर्थ है बड़े पैमाने पर पर्यटन की चुनौतियों और स्थानीय समुदायों और वहां के इकोसिस्टम पर टूरिज्म के प्रभाव का समाधान करना।
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Toggleपर्यटन का लोकल कम्युनिटीज पर प्रभाव
जहां एक तरफ टूरिज्म के आर्थिक लाभ बहुत है, वहीं यह स्थानीय समुदायों के लिए चुनौतियाँ भी पैदा करता है। बड़े पैमाने पर टूरिज्म भीड़भाड़ और इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव का कारण बन सकता है। बार्सिलोना और वेनिस जैसे शहरों में स्थानीय आबादी ने अपनी जीवन क्वालिटी की रक्षा के लिए कड़े से कड़े नियमों की मांग की है। इन शहरों में छोटे अवधि के किराए और बड़े क्रूज जहाजों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए गए हैं। इन कदमो का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पर्यटन से होने वाले आर्थिक लाभ कम से कम वहां रहने वाले लोगो की भलाई की कीमत पर न हों।
इसके अलावा टूरिज्म के बढ़ते प्रभाव से लोकल संस्कृति और व्यवसायों भी छिन्न भिन्न हो जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय चेन्स अक्सर छोटे लोकल बिज़नेस का स्थान ले लेती हैं, और पर्यटकों की भारी संख्या से आवास की कीमतें भी बढ़ जाती हैं, जिससे स्थानीय लोगों के लिए अपने शहरों में रहना मुश्किल हो जाता है। जिम्मेदार टूरिज्म का उद्देश्य पर्यटकों को आकर्षित करने और लोकल संस्कृति और सामाजिक संरचना को संरक्षित करने के बीच एक संतुलन खोजना है।
पर्यावरणीय चिंताएं: बड़े पैमाने पर पर्यटन की डार्क साइड
लोकल लोगों पर इसके प्रभाव से परे, टूरिज्म के महत्वपूर्ण पर्यावरणीय परिणाम भी होते हैं। पर्यटक के लिए सुविधाओं का निर्माण अक्सर नेचुरल हैबिटैट के विनाश की ओर ले जाता है। टूरिज्म उद्योग को पानी और भूमि जैसी प्राकृतिक संसाधनों के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा की भी जरुरत होती है। सॉलिड कचरा, सीवेज, शोर और वायु प्रदूषण जैसे प्रदूषण भी प्रमुख समस्याएं हैं। UNWTO के अनुसार, टूरिज्म दुनिया के कार्बन उत्सर्जन का 5% से अधिक योगदान देता है, और यह अनुपात और भी बढ़ने की उम्मीद है।
टूरिज्म क्षेत्र वर्ल्ड जलवायु संकट में बहुत योगदान करता है। इसलिए यह अत्यावश्यक है कि हम अपने टूरिज्म के तरीकों पर पुनर्विचार करें।
जिम्मेदार टूरिज्म
डॉक्यूमेंट्री “द लास्ट टूरिस्ट” के निर्माता ब्रूस पून टिप कहते हैं, “यात्रा एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं।” यह भावना इस बात की पुष्टि करती है कि पर्यटकों को अपनी पसंद और उनके दुनिया पर प्रभाव के प्रति अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। जिम्मेदार पर्यटन का मतलब है महत्वपूर्ण सवाल पूछना: हम यात्रा पर जो पैसा खर्च करते हैं उससे किसे लाभ होता है? क्या हम स्थानीय समुदायों का सपोर्ट कर रहे हैं या अंतरराष्ट्रीय चेन्स का? हम प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन में अपने योगदान को कैसे कम कर सकते हैं?
World Tourism Day सभी को “जागरूक टूरिस्ट” बनने के लिए प्रोत्साहित करता है। जागरूक टूरिस्ट्स अपनी यात्राओं से वहां के लोगो पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करते हैं।
टूरिज्म शान्ति के लिए
World Tourism Day 2024 का विषय, Tourism and Peace,” टूरिज्म की उस भूमिका के बारे में करता है जिसमे पर्यटन संस्कृतियों के बीच समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है। पर्यटन विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को एक साथ लाता है, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है और एक दूसरे के बारे में बनाई गयी भ्रांतियों को चुनौती देता है। एक ऐसे दुनिया में जो अक्सर किसी न किसी विवाद से विभाजित होती ही रहती है पर्यटन सहानुभूति और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने वाला एक पुल साबित हो सकता है।
पोप फ्रांसिस ने लंबे समय से “आमना सामना करने की संस्कृति” की वकालत की है, जहां लोग भाईचारे और एकजुटता की भावना में एक दूसरे से मिलते हैं। पर्यटन विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों के बीच संवाद और समझ को प्रोत्साहित करके शांति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पर्यटन का भविष्य
टूरिज्म सकारात्मक बदलाव के लिए एक शक्तिशाली जरिया हो सकता है। UNWTO सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
World Tourism Day 2024, की मेजबानी जॉर्जिया करेगा। World Tourism Day 2024 शांति पर ध्यान केंद्रित करेगा, और इस बात पर जोर देगा कि पर्यटन को युद्ध समाधान और वर्ल्ड सामंजस्य में कैसे योगदान देना चाहिए। सांस्कृतिक आदान-प्रदान के द्वारा पर्यटन एक अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य का मार्ग साफ़ कर सकता है।
जैसा कि हम World Tourism Day मना रहे हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पर्यटन केवल एक छुट्टी में करने वाली गतिविधि नहीं है। यह एक शक्तिशाली टूल है जो हमारी दुनिया को बेहतर तरीके से आकार दे सकता है – यदि हम इसे जिम्मेदारी से उपयोग करें।
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