
Yadav Narrators Missing in Etawah यादव कथावाचक लापता, जांच टीम को घर पर लटके मिले ताले
Yadav Narrators Missing in Etawah: जातीय पहचान के आधार पर कथावाचकों की पिटाई के मामले ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। पिटाई के शिकार दोनों यादव कथावाचक – मुकुट मणि यादव और संत यादव – अब अचानक लापता हो गए हैं। इस मामले की जांच कर रही टीम जब दोनों के घर पहुंची, तो वहां ताले लटके मिले और दोनों के मोबाइल भी बंद मिले।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पीड़ितों के सुरक्षा और न्याय को लेकर भी चिंता पैदा कर रही है।
क्या है पूरा मामला? (Caste-based attack in Etawah)
कुछ दिन पहले इटावा जिले में जातीय पहचान पूछकर कथावाचकों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। जानकारी के अनुसार, दोनों कथावाचक यादव समुदाय से आते हैं और धार्मिक कथा का आयोजन कर रहे थे, जब कुछ लोगों ने पहले उनकी जाति पूछी और फिर गाली-गलौज करते हुए उन्हें पीटा।
इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
Yadav Narrators Missing in Etawah: जांच के दौरान कथावाचक लापता, पुलिस परेशान
पुलिस और प्रशासन ने जब पीड़ितों के बयान दर्ज करने और उन्हें सुरक्षा देने के लिए उनके घर पहुंचने की कोशिश की, तो दोनों कथावाचक घर पर नहीं मिले। न ही घर के आसपास कोई जानकारी मिल सकी और न ही मोबाइल नंबर पर संपर्क हो सका।
पुलिस के अनुसार:
“जब हमारी टीम उनके पते पर पहुंची, तो घर पर ताला लगा मिला। हमने आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन किसी को पता नहीं है कि वे कहां गए। मोबाइल नंबर बंद हैं।”
इस घटना ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि अब यह केवल हमला नहीं, संभावित दबाव और धमकी का मामला भी बनता नजर आ रहा है।
Yadav Narrators Missing in Etawah: सवाल उठ रहे हैं – क्या कथावाचकों को डराया गया?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कई सवाल सामने आ रहे हैं:
- क्या कथावाचकों को किसी ने डराकर छुपने पर मजबूर कर दिया?
- क्या उन्हें जान का खतरा है?
- क्या प्रशासन से न्याय नहीं मिलने का डर है?
पीड़ितों के गायब होने से मामले में साजिश की भी आशंका बढ़ गई है।
Yadav Narrators Missing in Etawah: स्थानीय लोगों और समाजसेवियों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में गुस्सा है।
सामाजिक कार्यकर्ता रवि यादव ने कहा:
“यह शर्मनाक है कि पीड़ित न्याय मांगने के बजाय गायब हो गए हैं। क्या हमारे समाज में अब इतनी जगह भी नहीं बची जहां एक साधारण कथावाचक बिना जाति पूछे धर्म की बात कर सके?”
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि कथावाचकों को पहले भी धमकी मिल रही थी।
Yadav Narrators Missing in Etawah: प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल
अब यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या प्रशासन ने पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी?
अगर कथावाचकों को कोई खतरा था, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित क्यों नहीं की गई?
Etawah SP का कहना है:
“हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। टीम लगातार प्रयास कर रही है कि दोनों कथावाचक सुरक्षित मिलें। जल्द ही बयान दर्ज किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
Yadav Narrators Missing in Etawah: सांप्रदायिक और जातीय सद्भाव पर खतरा
इस घटना ने एक बार फिर जातीय हिंसा और भेदभाव को उजागर कर दिया है। धर्म से जुड़ी गतिविधियों में भी जातीय पहचान के आधार पर हमला होना एक बेहद खतरनाक संकेत है।
Aarambh News की अपील
Aarambh News प्रशासन से मांग करता है कि कथावाचकों की सुरक्षा और न्याय की गारंटी दी जाए। साथ ही समाज को भी चाहिए कि धर्म और जाति के नाम पर हिंसा को नकारे और एकजुट होकर खड़ा हो।
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