
Yamuna River water level: दिल्ली में यमुना उफान पर, बाढ़ का खतरा गहराया – निचले इलाकों में अलर्ट
Yamuna River water level: राजधानी दिल्ली एक बार फिर बाढ़ के खतरे से जूझ रही है। सोमवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। स्थिति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है। खासकर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है।
यमुना खतरे के निशान के करीब
सोमवार दोपहर 12 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज – ओआरबी) पर 204.87 मीटर दर्ज किया गया। यह आधिकारिक चेतावनी स्तर 204.5 मीटर से ऊपर और खतरे के निशान 205.33 मीटर के बहुत करीब है। अधिकारियों का कहना है कि अगर पानी का बहाव इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो मंगलवार शाम तक यमुना 206 मीटर की निकासी सीमा पार कर सकती है।
यानी राजधानी के कई निचले इलाके पानी में डूब सकते हैं। इसको देखते हुए सरकार और प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी
स्थिति और गंभीर इसलिए हो गई है क्योंकि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह 3,19,367 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इतना ज्यादा पानी दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे का वक्त लेता है। यानी मंगलवार शाम से इसका असर राजधानी में साफ दिखेगा।
पुराने रेलवे पुल को एहतियातन 2 सितंबर से बंद करने का फैसला किया गया है, ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो। सरकार ने ट्रैफिक को डायवर्ट करने की भी तैयारी कर ली है।
लोगों की बढ़ी चिंता – “कल सुबह घरों में घुस जाएगा पानी”
यमुना किनारे रह रहे लोगों के बीच डर साफ दिख रहा है। निगम बोध घाट के पास रहने वाले अभिनंदन ने कहा,
“इतना पानी छोड़ दिया गया है, लेकिन प्रशासन ने हमें अब तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी है। हमें लगता है कि कल सुबह तक पानी घरों में घुस जाएगा। कमर तक पानी आना तय है। ऐसे में बिजली भी काट दी जाएगी और हमें घर छोड़कर बाहर जाना पड़ेगा।”
वहीं, घाटों पर रह रहे दूसरे लोगों का कहना है कि प्रशासन को पहले से ही हमें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी करनी चाहिए थी।
मुख्यमंत्री का बयान – “राजधानी सुरक्षित, लेकिन सतर्क रहें”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के लोगों से अपील की है कि घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा,
“दिल्ली खतरे में नहीं है। हमने सभी एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है।”
मुख्यमंत्री के बयान से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन यमुना का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे राजधानी में बाढ़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
पुराने रेलवे पुल से खतरा ज्यादा
दिल्ली का पुराना रेलवे पुल हमेशा से बाढ़ के समय संवेदनशील माना जाता रहा है। प्रशासन ने इसे मंगलवार शाम से बंद करने का ऐलान किया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर पानी का दबाव बढ़ता है तो पुल के आसपास हालात बिगड़ सकते हैं।
पिछले साल भी बना था बाढ़ का संकट
गौरतलब है कि पिछले साल भी दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति बनी थी। उस समय भी हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने राजधानी के कई हिस्सों को डुबो दिया था। खासकर यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, लोहे का पुल और मजनू का टीला इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था।
इस बार भी तस्वीर कुछ वैसी ही दिख रही है। स्थानीय लोगों को डर है कि अगर जलस्तर 206 मीटर से ऊपर गया तो हालात पिछले साल से भी ज्यादा खराब हो सकते हैं।
प्रशासन की तैयारी पर उठ रहे सवाल
यमुना किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि सरकार ने अलर्ट तो जारी कर दिया, लेकिन जमीनी तैयारी अब भी अधूरी है। राहत कैंप और सुरक्षित ठिकानों की जानकारी लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पा रही है।
संजीव कुमार, जो निगम बोध घाट पर रहते हैं, ने कहा –
“इतना पानी छोड़े जाने के बाद भी प्रशासन ने हमें सही जानकारी नहीं दी। अगर कल सुबह तक पानी आ गया तो हमें रातोंरात घर छोड़ना पड़ेगा।”
अगले 24 घंटे बेहद अहम
अधिकारियों का कहना है कि अगले 24 घंटे राजधानी दिल्ली के लिए बेहद अहम होंगे। अगर हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी मंगलवार शाम तक दिल्ली पहुंच गया तो कई निचले इलाकों में जलभराव तय है। प्रशासन ने गश्त तेज कर दी है और राहत टीमों को तैनात कर दिया गया है।
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