
yusuf pathan instagram post controversy: बंगाल हिंसा के बीच Yusuf Pathan की चाय की चुस्की पर बवाल, बीजेपी ने तृणमूल पर साधा निशाना
yusuf pathan instagram post controversy:पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को लेकर भड़की हिंसा के बीच तृणमूल सांसद और पूर्व क्रिकेटर युसुफ पठान (Yusuf Pathan) एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विवादों में घिर गए हैं। जहां एक ओर जिले में तनाव और हिंसा के चलते तीन लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर युसुफ पठान की इंस्टाग्राम पोस्ट ने राजनीतिक पारा और चढ़ा दिया है।
yusuf pathan instagram post controversy चाय, आराम और “शांति” – इंस्टा पोस्ट से मचा बवाल
युसुफ पठान ने दो दिन पहले इंस्टाग्राम पर तीन तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वे चाय का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा,
“Easy afternoons, good chai, and calm surroundings. Just soaking in the moment.”
इस पोस्ट के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया। कई यूज़र्स ने पूछा कि क्या उन्हें कोई शर्म नहीं है? हिंसा और तनाव के माहौल में ऐसी पोस्ट करना आम जनता को “बेहद असंवेदनशील” लगा।
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बीजेपी का हमला – “बंगाल जल रहा है और सांसद चाय पी रहे हैं”
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मुद्दे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“बंगाल जल रहा है। हाई कोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा और केंद्रीय बल तैनात करने पड़े। लेकिन तृणमूल के सांसद चाय की चुस्की ले रहे हैं जबकि हिन्दुओं की हत्या हो रही है। यही है TMC की असली तस्वीर।”
भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है और सरकार हिंसा को “राज्य संरक्षित” कर रही है।
Bengal is burning
HC has said it can’t keep eyes closed and deployed centra forcesMamata Banerjee is encouraging such state protected violence as Police stays silent!
Meanwhile Yusuf Pathan – MP sips tea and soaks in the moment as Hindus get slaughtered…
This is TMC pic.twitter.com/P1Yr7MYjAM
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) April 13, 2025
हाई कोर्ट का हस्तक्षेप, केंद्रीय बलों की तैनाती
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया। कोर्ट ने टिप्पणी की,
“संवैधानिक न्यायालय आंखें बंद नहीं कर सकता, जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो।”
युसुफ पठान की चुप्पी पर सवाल
युसुफ पठान अब तक इस विवाद पर चुप हैं। उनकी खामोशी और “आराम की तस्वीरें” जनता के गुस्से को और भड़का रही हैं। विरोधी दलों, यहां तक कि वाम दलों के समर्थकों ने भी इस पोस्ट को ‘टोन-डेफ’ यानी समय और परिस्थिति के प्रति असंवेदनशील बताया है।
लोकसभा सीट और राजनीतिक पृष्ठभूमि
युसुफ पठान मुर्शिदाबाद जिले की बहारमपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं, जिसे कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। उन्होंने पिछले चुनाव में पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी को हराकर सबको चौंका दिया था। चुनाव के दौरान भी उनके गुजरात के बड़ौदा से होने पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे।
मुर्शिदाबाद के सुईटी, धुलियां, और शमशेरगंज जैसे इलाकों में हिंसा की खबरें सामने आई हैं। इनमें से कुछ क्षेत्र कांग्रेस और कुछ तृणमूल के सांसदों के अंतर्गत आते हैं। यह दिखाता है कि हिंसा किसी एक पार्टी के क्षेत्र तक सीमित नहीं है, लेकिन सरकार की प्रतिक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।