
जानिए असली और मिलावटी शहद में अंतर, खरीदते वक़्त इन बातों का रखे ध्यान!
शहद : जैसे की आप सभी जानते हैं शहद का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह न केवल स्वाद मैं अच्छा होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। शहद में प्राकृतिक मिठास, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ साथ रोगों से भी बचता हैं।
दुनिया में चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा प्राक्रतिक शहद का उत्पादक तुर्की है। लेकिन हालही मैं आई खबरों ने सभी को हैरान कर दिया है।
शहद में चीनी समेत कई नुकसानदायक पदार्थ
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के शहद में चीनी समेत कई नुकसानदायक पदार्थों की मिलावट की जा रही है। स्थानीय पुलिस द्वारा कुछ महीनों में ढाई करोड़ यूरो की कीमत का मिलावटी शहद जब्त करा गया है।
सिर्फ टर्की मैं ही ये मिलावट का खेल नहीं है। भारत मे भी बड़े पैमाने पैर शहद मैं मिलावट होती है। एक जानी मानी संस्था (CSE) ने साल २०२० में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके मुताबिक, देश के कई बड़े ब्रांड में मिलावट पाई गयी है।
प्राकृतिक शहद हमें जितना फ़ायदा देता है मिलावटी शहद उतना ही नुक्सान देता है।
आइये जानते हैं, मिलावटी शहद हमारी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक है ?
एक्सपर्ट : मिलावटी शहद आमतौर पर ओपन रूप, रंग और सुवाद में आम तोर पर नेचुरल शहद की तरह ही होता है। मिलावटखोर ज़्यादा मुनाफा कमाने के लिए इस तरह की मिलावट करते हैं। इसमें चीनी की मिलावट बहुत आम है। इसके अलावा ग्लूकोज सिरप, पानी , गुड़, या स्टार्च सिरप मिलते हैं।
मिलावटी शहद खाने से ब्लड शुगर बढ़ जाता है, जिससे डायबिटीज और मोटापा हो सकता है। साथ ही इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। मिलावटी शहद से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला ऑर्गेन लीवर है ,उसके बाद किडनी , हार्ट और फिर ब्रेन है।
भारत में शहद में कितनी मिलावट की जाती है ?
भारत सबसे ज्यादा शहद उत्पादन करने वाले टॉप पांच देशों में शामिल है। देश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए साल 2000 में ‘नेशनल बी बोर्ड’ का गठन किया गया था। हालांकि यहां भी शहद में मिलावट की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं।
‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट‘ (CSE) ने दिसंबर 2020 में देश में कई ब्रांडेड शहद की जांच की थी। इसमें कई मशहूर ब्रांड्स के शहद टेस्ट में फेल हो पाए गए थे। CSE की जांच में कंपनियों के शहद में 77% मिलावट पाई गई थी।
असली शहद और मिलावटी शहद की पहचान कैसे करे ?
असली शहद गाढ़ा होता है और धीरे-धीरे बहता है, जबकि मिलावटी शहद पतला होता है और जल्दी बहता है। असली शहद में एक अलग तरह की मिठास होती है। मिलावटी शहद अक्सर सामान्य या बहुत ज्यादा मीठा होता है। असली शहद में एक मीठी और फूलों की सुगंध होती है।
शहद लेते समय किन बातों का ख़ास ध्यान रखे ?
शहद खरीदारी करते समय सावधानी बरतना जरूरी है। इससे आप शुद्ध और अच्छी क्वालिटी वाला शहद खरीद सकेंगे। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसेकि
- शहद के लेबल पर दिए गए डिटेल्स को ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें चीनी, कॉर्न सिरप या कोई अन्य मिलावट लिखी हो तो उसे न खरीदें।
- भारत में बिकने वाले शहद पर FSSAI का लोगो होना चाहिए, जो निर्धारित मानकों का पालन करने का संकेत देता है।
- शहद का रंग फूल के प्रकार और स्रोत के आधार पर हल्का पीला से गहरा भूरा हो सकता है। रंग में बहुत ज्यादा चमक मिलावट का संकेत हो सकता है।
- शुद्ध शहद गाढ़ा और चिपचिपा होता है। अगर यह बहुत पतला या पानी जैसा लगे तो इसमें मिलावट हो सकती है।
- शुद्ध शहद में फूलों की हल्की सुगंध होती है, जिससे वह बनता है। अगर उसमें कोई गंध न हो या अननेचुरल गंध आए तो वह मिलावटी हो सकता है।
- बहुत सस्ता शहद खरीदने से बचें। इसकी क्वालिटी संदिग्ध हो सकती है क्योंकि शुद्ध शहद बनाने में अच्छी लागत आती है।
जानिए डाइटीशियन अनु अग्रवाल की राय
डाइटीशियन अनु अग्रवाल बताती हैं कि स्थानीय मधुमक्खी पालकों से शहद खरीदना एक अच्छा विकल्प है। हालांकि इसे खरीदते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
मिलावटी शहद की शिकायत कहा और कैसे की जा सकती है ?
अगर आपको किसी दुकान या ब्रांड के शहद में मिलावट काे लेकर डाउट है तो आप FSSAI के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इसके अलावा हर राज्य में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) का एक अलग विभाग होता है। इसके लिए आप अपने राज्य के FDA ऑफिस में जाकर या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिला प्रशासन या पुलिस से भी इसकी शिकायत कर सकते हैं। आरोप सही पाए जाने के बाद कंपनी और दुकान पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
1 thought on “जानिए असली और मिलावटी शहद में अंतर, खरीदते वक़्त इन बातों का रखे ध्यान!”