Site icon Aarambh News

भद्राकाल और होलिका दहन: शुभ-अशुभ का सही समय

भद्राकाल

भद्राकाल और होलिका दहन: शुभ-अशुभ का सही समय

FacebookTelegramWhatsAppXGmailShare

भद्राकाल :  इसका  आगमन हर वर्ष अलग-अलग समय पर होता है , इसका कारण यह है कि चंद्रमा की स्थिति हर वक्त अलग-अलग रहती है। आमतौर पर होली का दहन के दिन भद्राकाल सूर्यास्त से पहले होता है, हालांकि इस समय बहुत ज्यादा बड़ा नहीं होता कुछ चंद घंटे का ही होता है।

भद्राकाल

होली रंगों का त्यौहार है। होली से ठीक 1 दिन पहले होली का दहन किया जाता है। होलिका दहन की परंपरा पुराने से चली आ रही है, जिसका उद्देश्य सिर्फ एक ही है की बुराई पर अच्छाई की जीत। होलिका दहन के लिए सही मुहूर्त का देखा जाना काफी मायने रखता है, होलिका दहन के समय भद्राकाल का होना अशुभ होता है। भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की परंपरा नहीं है। भद्राकाल के बाद ही होलिका दहन को शुभ माना जाता है।
चलिए जानते हैं , भद्रा काल के दौरान किन चीजों का ध्यान रखना अति आवश्यक है।

Holika Dahan: पौराणिक कथाओं में छिपे रहस्य

कब से शुरू है भद्राकाल?

14 मार्च को देशभर में होली का उत्सव मनाया जाएगा। होली से ठीक 1 दिन पहले होली का दहन की परंपरा है। इस साल होली का दहन 13 मार्च को किया जाएगा, इस दिन सुबह से लेकर शाम तक भद्र रहेगा।
6: 57 से रात 10:22 तक भद्र मुख है। भद्राकाल के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता इसीलिए होली का दहन के लिए 13 मार्च रात 10: 22 मिनट के बाद ही शुभ समय है, इसके बाद ही आप होली का दहन कर सकेंगे।

होलिका दहन के दिन यह जरूर करें

यह भी पढ़े

Phalgun Purnima Fast: संपूर्ण जानकारी

Vaastu Shastra के अनुसार होली से पहले घर से हटा दें ये 5 अशुभ चीजें

Pre Holi Skin Tips: होली पर अपनी स्किन का रखें खास ध्यान फॉलो करो हमारी यह टिप्स।

Exit mobile version