भद्राकाल : इसका आगमन हर वर्ष अलग-अलग समय पर होता है , इसका कारण यह है कि चंद्रमा की स्थिति हर वक्त अलग-अलग रहती है। आमतौर पर होली का दहन के दिन भद्राकाल सूर्यास्त से पहले होता है, हालांकि इस समय बहुत ज्यादा बड़ा नहीं होता कुछ चंद घंटे का ही होता है।
भद्राकाल
होली रंगों का त्यौहार है। होली से ठीक 1 दिन पहले होली का दहन किया जाता है। होलिका दहन की परंपरा पुराने से चली आ रही है, जिसका उद्देश्य सिर्फ एक ही है की बुराई पर अच्छाई की जीत। होलिका दहन के लिए सही मुहूर्त का देखा जाना काफी मायने रखता है, होलिका दहन के समय भद्राकाल का होना अशुभ होता है। भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की परंपरा नहीं है। भद्राकाल के बाद ही होलिका दहन को शुभ माना जाता है।
चलिए जानते हैं , भद्रा काल के दौरान किन चीजों का ध्यान रखना अति आवश्यक है।
Holika Dahan: पौराणिक कथाओं में छिपे रहस्य
कब से शुरू है भद्राकाल?
14 मार्च को देशभर में होली का उत्सव मनाया जाएगा। होली से ठीक 1 दिन पहले होली का दहन की परंपरा है। इस साल होली का दहन 13 मार्च को किया जाएगा, इस दिन सुबह से लेकर शाम तक भद्र रहेगा।
6: 57 से रात 10:22 तक भद्र मुख है। भद्राकाल के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता इसीलिए होली का दहन के लिए 13 मार्च रात 10: 22 मिनट के बाद ही शुभ समय है, इसके बाद ही आप होली का दहन कर सकेंगे।
- होलिका दहन के दिन गलती से भी यह चीज ना करें!
- होलिका दहन के दिन भद्राकाल है इसीलिए इस दिन कोई भी शुभ कार्य जैसे पूजा पाठ, गृह प्रवेश, शादी मुंडन जैसे शुभ कार्य बिल्कुल भी ना करें।
- अगर आप व्यापारी हैं या कारोबारी है तो आज के इस दिन कहीं भी इन्वेस्टमेंट या डील फाइनल ना करें।
- भद्राकाल के दौरान किसी से धन ना तो ले और ना ही ले। अगर आप किसी को धन देते हैं तो आपका धन फंस सकता है।
- इस दौरान कुछ भी नया ना खरीदें खास तौर पर नई भूमि, नया वाहन या नया घर।
- अगर आप इस दिन कहीं यात्रा के लिए निकल रहे हैं तो तुरंत अपने प्लेन को बदल दे। क्योंकि पुराणों के अनुसार भद्राकाल के दौरान कहीं यात्रा पर जाने से हादसा होने की संभावनाएं हैं।
होलिका दहन के दिन यह जरूर करें
- भद्राकाल के दौरान आप भले ही कोई शुभ काम ना कर पाए ,पर
आप अपने कुल देवी देवताओं की पूजा जरूर करें। - भद्रक के दौरान आप मित्रों का जाप कर सकते हैं। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है।
- इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा आराधना और उनके मित्रों के उच्चारण से आपको विशेष लाभ हो सकता है।
- होलिका दहन के समय घर की महिला जैसे बहने और मौसी को उपहार देने की मान्यता है।
- अगर आपके जीवन में कई सारे कष्ट हैं तो भद्राकाल के दौरान शनि देव के मित्रों का उच्चारण जरूर करें।
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