
भारत की होली: कहीं लठ, कहीं फूल, कहीं रंगों की धूल!
Holi : होली एक रंगों का त्यौहार है, इस दिन देश के विभिन्न विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीके से होली मनाई जाती है। होली एक ऐसा त्यौहार है जहां छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुरे उत्सुकता से यह त्यौहार मनाते हैं। इस दिन लोग दूसरे पर गुलाल और रंग लगाते हैं। होली के दिन घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं। इस दिन घरों में गुजिया, पकोड़े और ऐसे ही अन्य पकवान बनाए जाते हैं। देश में कहीं लठमार होली खेली जाती है तो कहीं फूलों की होली ऐसे में चले जानते हैं भारत के सभी राज्यों में किस तरीके की होली खेली जाती है।
वृंदावन की होली
वृंदावन की होली लोगों में अति प्रिय है। वृंदावन में लोग बांके बिहारी के दर्शन करने तो जाते ही हैं पर होली में वहां का दृश्य देखने लायक होता है। वृंदावन में हर जगह गुलाल और विभिन्न रंगों से होली खेली जाती है । ऐसी मान्यता है कि वृंदावन में होली के दौरान स्वयं भगवान कृष्ण भक्तों के बीच होली खेलने पहुंचते हैं। वृंदावन में होली की शुरुआत फूलों की होली खेल कर मनाई जाती है, और इसका समापन रंगों की होली से होता है।
दिल्ली की होली
दिल्ली देश की राजधानी है, और यहां की होली सबसे अलग होती है। क्योंकि राजधानी होने के कारण देश के अलग-अलग राज्यों के लोग यहां बसे हुए हैं, इस कारण यहां किसी एक तरीके की होली नहीं खेली जाती बल्कि पूरे देश की होली एक ही राज्य में अलग-अलग तरीके से खेली जाती है। दिल्ली में हर कोई अपने अलग अंदाज से होली खेलता है। यहां बच्चे गुब्बारे में पानी भरकर चुप-चुप कर लोगों को मारते हैं और रंगों से भारी बाल्टिया लोगों पर फेंकते हैं।
बरसाने की होली
जब बरसाने की होली का नाम सुना जाता है तो दिमाग में सबसे पहले लठमार होली ही आती है। लठमार होली काफी लोगों के बीच लोकप्रिय है। होली के पर्व पर नंदगांव के हुरियारे अपनी दाल लेकर बरसाना जाते हैं और बरसाना की गोपियों लत लेकर होली खेलती है। गोपियों और हुरियारे के अलावा गांव के और लोग भी इसी तरीके से होली खेलते हैं और आसपास खड़े होकर इस पर्व को देखते हैं। आपको बता दे हुरियारे उन लोगों को कहा जाता है जो सिर्फ होली खेलने ही बरसाने आते हैं।
हरियाणा की होली
बात करते हैं हरियाणा की होली की तो हरियाणा में कोल्हाडे वाली होली खेली जाती है। इस तरीके की होली में गांव की महिलाएं चुनिया को मोड मोड कर एक रस्सी बना लेती है और लड़कों को मारती है। इसके बाद लड़के अपने बचाव के लिए महिलाओं पर पानी फेंकते हैं। इसके बाद गांव के लड़के महिलाओं के लिए शाम के समय कुछ मीठा लेकर आते हैं।
इस प्रकार की होली ज्यादातर भाभी और देवर के बीच खेली जाती है। इसके अलावा हरियाणा में धूलड़ी होली भी मनाई जाती है, इसमें भी भाभी देवर का सबसे बड़ा योगदान है। इस तरीके की होली में भाभियों अपने देवर का मजाक उड़ाती हैं और उन्हें परेशान करती है।
पंजाब की होली
पंजाब में सिख समुदाय के लोग होली को होला मोहल्ला के नाम से मनाते हैं। यह त्यौहार उनके बीच एक वीरता का संदेश है जिसमें लोग घुड़सवारी करते हैं तलवारबाजी करते हैं और मार्शल आर्ट भी करते हैं।
राजस्थान की होली
राजस्थान के जयपुर और उदयपुर के साथ बीकानेर में भी एक खास तरीके की होली मनाई जाती है जिसमें एक पुराने ट्रेडिशनल तरीके के कपड़े पहन कर ढोल नगाड़े की धुन पर नाचते हैं और गाते हैं। इसके अलावा बीकानेर में लोग बाल्टी में पानी भरकर एक दूसरे पर पानी फेंकते हैं।
उत्तराखंड की होली
उत्तराखंड में होली तीन प्रारूप में मनाई जाती है। बैठक की होली, खड़ी होली, महिला होली। उत्तराखंड की होली में सिर्फ अबीर गुलाल का टीका ही नहीं लगते बल्कि वरुण बैठकी होली और खड़ी होली भी होती है। बेड की होली में सभी लोग एक जगह बैठकर होली के गीत गाते हैं। खड़ी होली में सभी लोग एक गोल घेरा बनाकर ट्रेडिशनल डांस जिसको चांचरी कहा जाता है, करते हैं। इसके अलावा महिला होली में सभी महिलाएं गांव के सभी घरों में जा जाकर गीत गति हैं। आपको बता दे उत्तराखंड में होली का त्योहार सिर्फ एक या दो दिन का नहीं होता बल्कि बसंत पंचमी के दिन से ही होलिया प्रत्येक शाम गांव के हर घर जाकर गीत गाते हैं।
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