
India & Canada
India & Canada: भारत और कनाडा के बीच हाल के दिनों में संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है, जो भारत और भारतीय समुदाय को असहज कर रहे हैं। हाल ही में ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों का हमला और फिर टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के कांसुलर कैंप को सुरक्षा न देने का मामला सामने आया है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया टुडे मीडिया आउटलेट के सोशल मीडिया पेज को कनाडा में प्रतिबंधित कर दिया गया, जिसने भारतीय समुदाय और विदेश मंत्रालय को चौंका दिया है।
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Toggleऑस्ट्रेलिया टुडे पर बैन: क्या है मामला?
ऑस्ट्रेलिया टुडे, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का एक लोकप्रिय मीडिया आउटलेट है। इसने हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उनकी प्रेस ब्रीफिंग को कवर किया था, जिसमें उन्होंने कनाडा के साथ संबंधों पर बयान दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे “चौंकाने वाला” कदम बताया। रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हमें पता चला है कि कनाडा में इस प्रमुख मीडिया आउटलेट के सोशल मीडिया हैंडल और पेज ब्लॉक कर दिए गए हैं, जिससे कनाडा में दर्शक इसे नहीं देख पा रहे हैं। यह निर्णय विदेश मंत्री और ऑस्ट्रेलिया की पेनी वोंग की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही घंटों बाद लिया गया।”
टोरंटो में कांसुलर कैंप की सुरक्षा से इनकार
टोरंटो में कांसुलर कैंप को सुरक्षा देने से इनकार करना कनाडा सरकार के भारत के प्रति नकारात्मक रवैये का एक और उदाहरण है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, कांसुलर कैंप भारतीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें दस्तावेजों से जुड़े कार्य संपन्न होते हैं। सुरक्षा न मिलने के कारण टोरंटो में आयोजित होने वाला यह कैंप रद्द करना पड़ा। अब इसकी योजना वैंकूवर में बनाई जा रही है। भारत ने इस कदम को लेकर कनाडा से निराशा जताई और कहा कि यह भारतीय समुदाय के हितों के खिलाफ है।
ब्रैम्पटन में मंदिर पर हमला: भारतीय समुदाय में रोष
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो सरकार के कार्यकाल में भारतीय मंदिरों पर हमले की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले ने भारतीय समुदाय को गहरी चोट पहुंचाई है। विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कनाडा सरकार से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम ब्रैम्पटन में मंदिर पर हुए हमले की निंदा करते हैं। हमने कनाडा सरकार से हिंसा करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया है।”
कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार पर सवाल
भारत सरकार ने जस्टिन ट्रूडो सरकार की इन नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। ब्रैम्पटन में मंदिर पर हमला, टोरंटो में कांसुलर कैंप की सुरक्षा में बाधा, और ऑस्ट्रेलिया टुडे को प्रतिबंधित करना, सभी घटनाएं कनाडा सरकार की ओर से भारत के प्रति दुर्भावनापूर्ण रवैये को दर्शाती हैं। भारतीय समुदाय और विदेश मंत्रालय का मानना है कि कनाडा में भारतीयों के हितों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इस प्रकार के कदम उठाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में और खटास पैदा हो सकती है।
भारत की प्रतिक्रिया: शांति और सहयोग की अपील
इन विवादित कदमों के बावजूद, भारत सरकार ने कनाडा से शांति और सहयोग का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा से अपील की है कि वह भारतीय समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता दे और खालिस्तानी चरमपंथियों पर कठोर कार्रवाई करे। इसके अलावा, भारत ने कनाडा सरकार से इस बात की भी उम्मीद जताई है कि वह कानूनी प्रक्रिया के अनुसार उचित कार्रवाई करेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएगी।
संबंधों में सुधार की आवश्यकता
कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार और भारत के बीच बढ़ते तनाव से भारतीय समुदाय और दोनों देशों के आपसी संबंध प्रभावित हो रहे हैं। ब्रैम्पटन में मंदिर हमला, कांसुलर कैंप की सुरक्षा न देना, और ऑस्ट्रेलिया टुडे का प्रतिबंध सभी ऐसे मुद्दे हैं, जो कनाडा के रुख को भारत के प्रति नकारात्मक बना रहे हैं। भारत सरकार का कहना है कि दोनों देशों को मिलकर सहयोग करना चाहिए ताकि आपसी संबंधों में सुधार हो सके और भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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