एक स्कूल परिसर में स्थित मस्जिद में हुए धमाके से 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए
Indonesia mosque blast: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। एक स्कूल परिसर में स्थित मस्जिद में हुए धमाके से 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। चश्मदीदों के मुताबिक, नमाज़ चल ही रही थी जब अचानक तेज धमाके की आवाज़ आई, दीवारें हिलने लगीं और पूरा इलाका अफरातफरी में बदल गया।
Indonesia mosque blast: कहां और कैसे हुई घटना
यह घटना उत्तरी जकार्ता के केलापा गेडिंग (Kelapa Gading) इलाके में हुई। जिस मस्जिद में धमाका हुआ, वह SMA 27 नामक हाई स्कूल के कैंपस में स्थित है। यह इलाका आमतौर पर शांत और रिहायशी माना जाता है। शुक्रवार को मस्जिद में छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों सहित बड़ी संख्या में लोग नमाज़ के लिए जुटे थे।
इंडोनेशियाई पुलिस के मुताबिक, धमाका ठीक उस वक्त हुआ जब इमाम खुतबा (प्रवचन) दे रहे थे। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि मस्जिद की खिड़कियां चटक गईं, छत का कुछ हिस्सा गिर पड़ा और दर्जनों लोग मलबे में घायल हो गए।
Indonesia mosque blast: अस्पतालों में भर्ती, कई छात्र भी घायल
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि कम से कम 54 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 20 छात्र शामिल हैं। तीन घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
AP और Reuters की रिपोर्ट्स के अनुसार, घायलों को जकार्ता के Koja Hospital और Siloam Hospital में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल में घायलों के परिजनों की भारी भीड़ जमा हो गई है। कई लोगों को मामूली चोटें आई हैं जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
Indonesia mosque blast: धमाके की वजह क्या थी?
धमाके की असली वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। शुरुआती जांच में पुलिस को मस्जिद के लाउडस्पीकर सिस्टम के पास से धमाके के अवशेष मिले हैं।
पुलिस प्रमुख असीप एदी सुहरी (Asep Edi Suheri) ने बताया कि “यह संभावना है कि धमाका किसी विद्युत खराबी या स्पीकर सिस्टम के भीतर तकनीकी फॉल्ट की वजह से हुआ हो।”
हालांकि, पुलिस ने किसी भी आतंकी हमले या साजिश से फिलहाल इनकार नहीं किया है और मामले की विस्तृत जांच चल रही है।
बम निरोधक दस्ता (Bomb Disposal Squad) को भी मौके पर बुलाया गया, जिसने इलाके को सील कर मलबे की जांच की।
Indonesia mosque blast: चश्मदीदों ने क्या बताया?
एक छात्र ने बताया “हम नमाज़ पढ़ रहे थे, अचानक बहुत तेज आवाज़ आई। मस्जिद की दीवारें हिल गईं और सब लोग चीखने लगे। कुछ लोग गिर पड़े, चारों तरफ धुआं और धूल फैल गई।”
दूसरे स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि धमाके के बाद चारों ओर भगदड़ मच गई। कई लोग barefoot मस्जिद से भागे, बच्चे और महिलाएं रो रहे थे।
Indonesia mosque blast: सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना इंडोनेशिया की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जकार्ता में धार्मिक स्थलों पर पहले भी छिटपुट हिंसक घटनाएं होती रही हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने कट्टरपंथी गतिविधियों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया है, लेकिन इस घटना ने फिर से सुरक्षा-व्यवस्था की कमियों को उजागर कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल परिसरों में स्थित धार्मिक स्थलों की सुरक्षा जांच अक्सर नजरअंदाज की जाती है, जिससे इस तरह की दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
Indonesia mosque blast: सरकार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इंडोनेशिया के धार्मिक मामलों के मंत्री याकुत कॉलिल कौमास (Yaqut Cholil Qoumas) ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा “हमारे देश में सभी धर्मों के लोग शांति और भाईचारे से रहते हैं। इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरी जांच कराई जाएगी ताकि सच सामने आए।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों ने इस हादसे पर चिंता जताई है। भारत, मलेशिया और बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों ने इंडोनेशिया सरकार को सहायता की पेशकश की है।
Indonesia mosque blast: जांच जारी, सबूत जुटा रही पुलिस
पुलिस ने मस्जिद परिसर से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, तारों के टुकड़े और मलबे के नमूने जब्त किए हैं। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि धमाके का दायरा बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन जिस वक्त यह हुआ, उस वक्त भीड़ होने के कारण नुकसान अधिक हुआ। सुरक्षा बलों ने आसपास के सभी स्कूलों और मस्जिदों को एहतियात के तौर पर खाली करा दिया है।
