दिल्ली एनसीआर में दिवाली के बाद Pollution ने अपने चरम सीमा को पार कर दिया था। जिसके बाद दिल्ली वासियों के लिए सांस लेना भी दूभर हो गया था। फिलहाल AQI में थोड़ा बहुत सुधार देखने को मिला है जो हवा की रफ्तार तेज होने और दिशा बदलने के कारण देखा गया है। जिससे थोड़ी बहुत राहत दिल्ली वासियों को मिली है। आपको बता दे कुछ दिन पहले दिल्ली का AQI बहुत गंभीर श्रेणी में 500 तक पहुंच गया था जिससे Pollution की एक मोटी घनी काली चादर ने दिल्ली एनसीआर को घेर लिया था। पर अब थोड़ी राहत मिली है।
Pollution :क्या कहता है दिल्ली का AQI ?
दिल्ली एनसीआर भले ही Pollution की चपेट से पूरी तरह बाहर न निकली हो लेकिन दिल्ली वासियों को Pollution से थोड़ी बहुत रहता तो जरूर मिली है। हवा की दिशा बदलने और तेज रफ्तार के कारण दिल्ली का AQI जहां पहले 500 तक पहुंच गया था ,वह अभी 300 से 400 के बीच में आ गया है, जो थोड़ी बहुत राहत की बात है। पर अभी जो हालात दिल्ली में प्रदूषण के कारण बनी हुई है वह चिंताजनक है। आपको बता दे पिछले कुछ दिनों तक दिल्ली प्रदूषण की मार से बहुत चिंतित थी। स्कूल, कॉलेजेस सभी प्रदूषण के चलते बंद कर दिए गए थे। और अस्पतालों में बुजुर्गों और बच्चों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। जिसे देखते हुए दिल्ली में एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री काफी बढ़ गई थी। फिलहाल हवा की तेज रफ्तार से Pollution पर थोड़ा बहुत असर जरूर पड़ा है। केंद्रीय Pollution नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी के अनुसार कुछ दिनों पहले दिल्ली का औसत AQI 400 पहुंच गया था, जो अभी घट गया है पर अभी हवा खराब श्रेणी में है जिससे दिल्ली में एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है।
कब मिलेगी Pollution से राहत ?
आपको बता दे कि अगर दिल्ली वासियों को Pollution से राहत चाहिए तो वह बारिश के आने से ही मिल सकती है एक और तमिलनाडु में मंगलवार से ही झमाझम बारिश हो रही है तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली वासियों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है ताकि उन्हें Pollution से छुटकारा मिल सके या थोड़ी बहुत रहता तो मिल ही जाए। हालांकि मौसम विभाग की तरफ से दिल्ली में बारिश को लेकर अभी तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। ऐसे में लोगों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है ताकि दिल्ली की हवा में सुधार आ सके। हालांकि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने केंद्र सरकार से कृत्रिम बारिश (आर्टिफीसियल रेन) कराने के लिए चिट्ठी भी लिखी थी। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले में कोईभी सुनवाई नहीं की गयी है। इस बात की जानकारी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने मीडिया से बात चीत के दौरान दी थी।
क्या है पीएम 2.5 ?
PM 2.5 वायु में उपस्थित सूक्ष्म कणों या बूंदों को कहते हैं जिनका व्यास यानि diameter 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। ये वायु Pollution का एक मुख्य संकेतक है। PM का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर और 2.5 का मतलब आकार है। ये कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें केवल माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है। केंद्रीय Pollution नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, ये कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। तो वही अधिकारियों का कहना है की इस बीच, दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों को गंभीर एक्यूआई के कारण सांस की बीमारियों वाले रोगियों के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित करने का निर्देश दिया था।
आपको बता दे की दिल्ली में Pollution को रोकने के हर मुमकिन प्रयास किये जा रहे है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का कहना था की दिल्ली की भाजपा इकाई अपना काम कर रही है और लोगो को निःशुल्क मास्क बाट रही है। और दिल्ली एनसीआर समेत कई इलाको में के स्कूल में हाइस्कूल और इंटर के अलावा सभी की ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी गयी है। ताकि बच्चो को Pollution से बचाया जा सके।
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