
मजदूरों को रेस्क्यू करती ऑपरेशन टीम
Uttarakhand avalanche: भारत-चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के चमोली जिले के आखिरी गांव माणा में ग्लेशियर टूटने से भीषण हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान भीषण हादसे का शिकार 57 मजदूर हो गए हैं। हिमस्खलन होने के कारण 57 मजदूर बर्फ की मोटी चादर के नीचे दब गए हैं। हालांकि 47 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है। बचाव कार्य अभी भी जारी है। अन्य फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम ऑपरेशन कर रही है। लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सेना का Mi-17 हेलीकॉप्टर स्टैंड बाय पर है। जैसे ही मौसम ठीक होने की सूचना मिलती है रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज हो जाएगा।
Uttarakhand avalanche: शुक्रवार को हुआ हिमस्खलन
ये हादसा चमोली में शुक्रवार सुबह 7:15 बजे हुआ। आपको बता दे मजदूर 8 कंटेनर और एक शेड में थे। घटना बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर दूर चमोली के माणा गांव में हुई है। यहां बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन यानी (BRO) की टीम चमोली बद्रीनाथ हाईवे पर बर्फ हटाने के कार्य में डटी हुई है। सेना के अनुसार जैसे ही घटना की जानकारी प्राप्त हुई क्विक रिस्पांस टीम के 100 से अधिक जवान तत्काल रेस्क्यू के लिए निकल पड़े। इसमें डॉक्टर एंबुलेंस और स्टाफ भी शामिल था। जैसे ही चमोली में बर्फीला तूफान आया तुरंत केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले का संज्ञान लिया। हालांकि भीषण बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत आ रही है। पूरा हाईवे बर्फ की मोटी चादर के नीचे ढक गया है। एनडीआरएफ को घटनास्थल पहुंचने में दिक्कत आई।
Uttarakhand avalanche: रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हादसे में 57 मजदूर मलबे में दब गए जिनमें से 47 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। भीषण बर्फबारी और हिमस्खलन के मध्य सेना और इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस यानी आइटीबीपी का बचाव अभियान जारी है। हालांकि बर्फबारी के चलते शुक्रवार शाम को आईटीपीबी की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया था। पूरे हाईवे पर बर्फ की मोटी चादर बिछी होने के कारण टीम को आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही थी। जिस कारण जवान माणा गांव में वापस अपने कैंप में लौट गए।
Uttarakhand avalanche: मुख्यमंत्री धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो पर
इस घटना में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार भी पूरे एक्शन में है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति का मुआयना करने के लिए डिजास्टर ऑपरेशन सेंटर पहुंच गए। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चमोली हादसे को लेकर मुख्यमंत्री से जानकारी प्राप्त की। आईटीबीपी और गढ़वाल स्काउट की टीम भी मौके पर उपस्थित है। लगातार भीषण बर्फबारी के कारण हाइवे बंद है और हाईवे पर जगह-जगह मलवा गिरता जा रहा है।
Uttarakhand avalanche: उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर
उत्तराखंड सरकार द्वारा घटना से प्रभावितों के परिजनों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। यह नंबर हैं 8218867005,9058441404 इसके अलावा फोन नंबर 0135-2664315 और टोल फ्री 1070 भी शामिल है।
Uttarakhand avalanche: पहले ही एवलांच का था अलर्ट
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के रिटायर्ड ग्लेशियोलॉजिस्ट डॉक्टर डीपी डोभाल ने बताया कि तापमान बढ़ने से बर्फ पीछे खिसकने लगते हैं। इस दौरान बर्फ पिघलने से बर्फ के हिस्से टूटने लगते हैं और वह मजबूत हो जाते हैं। इसमें सिर्फ बर्फ ही नहीं बल्कि मलवा और पत्थर भी टूट कर नीचे की तरफ गिरने लग जाता है। अगर ग्लेशियर का हिस्सा पानी में गिरता है तो उससे और अधिक नुकसान हो जाता है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने दो दिन पहले ही हिमस्खलन की आशंका को लेकर राज्य सरकार को अलर्ट किया था। आइटीबीपी को भी अलर्ट किया गया था। शनिवार तक इसी तरह से मौसम रहने का दावा किया जा रहा है। आगे भी ऐसी घटना हो सकती है। ऐसे में रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी जैसे जिलों में अलर्ट जारी है और सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है। जहां ग्लेशियर टूटा वहां 2 दिनों से लगातार भीषण बर्फबारी और बारिश हो रही है।
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