
Hindu Nav Varsh 2025 अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार पूरा विश्व 1 जनवरी को नया साल मानता है। हालांकि भारत में भी 1 जनवरी से ही नए साल की शुरुआत होती है, और इसे लागू भी 1 जनवरी से ही किया जाता है। लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष की शुरुआत 1 जनवरी से नहीं बल्कि 30 मार्च से होती है। आपको बता दे कि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हर साल चैत्र से शुरू होती है हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं, और इसमें पहला महीना चैत्र का होता है और आखरी महीना फागुन का माना जाता है।
Hindu Nav Varsh 2025: राजा विक्रमादित्य ने की शुरुआत
शायद आपको पता हो कि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने आज से लगभग 2000 साल पहले शुरुआत की थी। सनातन धर्म में चैत मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, और इसी को ध्यान में रखते हुए विक्रमादित्य ने इस पंचांग को संपूर्ण भारतवर्ष में फैलाया। ब्रह्मांड पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना का कार्य शुरू किया था, जो कि विष्णु भगवान द्वारा सोपा गया था।
Hindu Nav Varsh 2025: हिंदू नव वर्ष
प्रत्येक वर्ष हिंदुओं का नया साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस हिसाब से हर साल 30 मार्च को हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है। ब्रह्मा जी द्वारा इसी दिन सृष्टि की रचना शुरू की गई थी, इसीलिए इस दिन को धार्मिक कार्यों को करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। हिंदू परंपरा के अनुसार, नव वर्ष के दिन सबसे पहले भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना करने की परंपरा है, उनके बाद सृष्टि के सभी प्रमुख देवी देवताओं को पूजने का विधान है। वेद शास्त्र और पंचांग का पूजन यह सभी पूजनीय कहलाते हैं इसीलिए इसी दिन इन सब की वंदना करने का सबसे अच्छा दिन है।
Hindu Nav Varsh 2025: हिंदू नव वर्ष 2025
जैसा कि हम जानते हैं, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को न्यू ईयर मनाया जाता है। लेकिन 30 मार्च को हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में रविवार 30 मार्च को नव वर्ष 2082 आरंभ होगा। इस नव वर्ष का आरंभ ग्रह गोचर के शुभ संयोग में होगा। आपको बता दे कि नववर्ष के दिन शाम 6:14 तक रेवती नक्षत्र और उसके बाद अश्विनी नक्षत्र रहेगा। साथ ही मीन लगा एन सुबह 6:26 तक रहेगा और उसके बाद मेष लग्न का आरंभ होगा।
Hindu Nav Varsh 2025: नव वर्ष का असर
मीन राशि में 30 मार्च के दिन पांच ग्रहों की वजह से पांच ग्रह योग बन रहा है। इस दिन मीन राशि में सूर्य, बुध, राहु,शनि और शुक्र गृह विराजमान रहेंगे। वही केतु कन्या राशि में, देवगुरु बृहस्पति रहेंगे और वृष राशि में मंगल रहेंगे और मिथुन राशि में भी मंगल ही रहेंगे।
- संतो के लिए: संतो के लिए नव वर्ष काफी शुभ रहने वाला है। उन सभी की आध्यात्मिक और धर्म में रुचि रहेगी। बुद्ध के प्रभाव के कारण इस वर्ष की स्थिति संतोषजनक रहेगी।
- फसल: चमासी फसलों की बात करें तो उनका स्वामी बुध है। स्वामी बुध के होने के कारण गेहूं, धान , गन्ने आदि की फसल में मुनाफा होगा। वहीं दूसरी तरफ शीतकालीन फसलों का स्वामी चंद्र होने जा रहे हैं। इसी कारण मूंग, बाजरा, सरसों की खेती काफी अच्छी होने वाली है।
- तापमान: बात करें तापमान की तो सूर्य राजा वह मंत्री दोनों रहने वाले हैं। इसी कारण तापमान सामान्य से ऊपर रहने वाला है , इसी कारण गर्मी और सहानिया होगी। लोगों को इस साल गर्मी का भयंकर रूप देखने को मिलेगा। इसी कारण अग्निकांड से धन-जन की हानि के आसार हैं।
- महीनो पर क्या असर: इस साल पेड़ों में कम फल लगने की संभावना काफी ज्यादा है। चैत्र वह वैशाख के महीने में काफी दुर्लभ कष्टकारी वह आसान मास में हवा की गति तेज रहेगी। सावन के महीने में अनाजों में तेजी देखने को मिलेगी। अश्विनी मास में सामान्य व कार्तिक में मंडी का दौर रहेगा। अग्रहण, पोष, माघ, और फागुन के महीने में काफी आज शांति होगी और शासकीय विरोध झेलने पड़ेंगे।
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