
Ayodhya Pran Prathistha 2025: रामलला से राजा राम तक,अयोध्या में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का महापर्व!
Ayodhya Pran Prathistha 2025: 22 जनवरी 2024 में रामनगरी पर रामलाल के बाल स्वरूप को मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजमान किया गया था। आज 2025 में जब मंदिर निर्माण अपने अंतिम चरण पर है तब राम दरबार में एक बार फिर से भक्ति, भव्यता और आस्था नजर आ रही है। एक बार फिर भगवान श्री राम की दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। 2024 में रामनगरी में श्री राम के बाल स्वरूप को विराजमान किया गया था, और अब 2025 में श्रीराम लला को राजा के रूप में विराजमान किया जाएगा।
यह आयोजन 3 जून से 5 जून तक चलेगा, जिसमें भगवान राम को राजा राम के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा।
विस्तार से जानिए
3 जून 2025 से शुरू होने जा रही है श्री राम जन्मभूमि में रामलाल के राजा रूप को प्रतिष्ठित करने तैयारी। पहले रामलाल के बाल स्वरूप को मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजमान किया गया था और अब उनके राजा रामस्वरूप को विराजमान किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण कार्य बस अपने अंतिम चरण में ही है और इसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न राम जी के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी को भी स्थापित किया जाएगा। यह समझ सिर्फ एक प्राण प्रतिष्ठा का कार्य कम नहीं है बल्कि एक तरीके से मंदिर निर्माण का समापन भी है। इसके बाद अयोध्या का राम मंदिर पूरी तरीके से तैयार हो जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
यह समझ पूरे तीन दिनों तक चलेगा। इसकी शुरुआत 3 जून की सुबह 6:30 से शुरू होगी और 5 जून को समाप्त होगी। 5 जून, यानी गंगा दशहरा के दिन मुख्य प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 11:25 से 11:40 तक रहेगा, यह शुभ मुहूर्त अयोध्या के आचार्य द्वारा ही निर्धारित किया गया है। रामलाल के अलावा अन्य देवताओं की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
आठ मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा
मंदिर का निर्माण अपने चरम सीमा पर है, ऐसे में मंदिर में राम जी, माता सीता, भाई लक्ष्मण, भरत ,शत्रुघ्न और हनुमान जी की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया जाएगा।
मंदिर के पर कोटे में बने आठ सहायक मंदिरों में भी देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जिन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी , इन सभी विद्रोह की प्रतिष्ठा चंदौली के प्रकांड पंडित जयप्रकाश तिवारी के नेतृत्व में तथा अन्य 101 वैदिक आचार्य के नेतृत्व में की जाएगी। उनमें शामिल है–
- ईशान कोण में शिवलिंग
- अग्नि कोण में गणेशजी
- दक्षिण में हनुमानजी
- नैरित्य कोण में सूर्यदेव
- वायव्य कोण में मां भगवती
- उत्तर दिशा में अन्नपूर्णा माता
- दक्षिण-पश्चिम में शेषावतार
- और मुख्य मंदिर के पहले तल पर राजा राम दरबार
कौन है मुख्य यजमान?
इस पूरे आयोजन में मुख्यमंत्री सीएम योगी मुख्य अतिथि रहेंगे। और बात करें मुख्य यजमान की तो पिछली बार की तरह इस बार भी फिर से डॉक्टर अनिल मिश्र सपत्नीक मुख्य यजमान रहेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था
22 जनवरी 2025 को भगवान लाल लाल की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में 8000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। उसे समय मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री मोदी थे हालांकि इस बार मुख्य अतिथि योगी आदित्यनाथ रहेंगे। इस बार अयोध्या में श्रद्धालुओं की फिर से भारी भीड़ देखने को मिल सकती है। इतनी ज्यादा भीड़ को मध्य नजर रखते हुए प्रशासन ने फूल प्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की है। SSP डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि सभी कार्यक्रम स्थलों पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और श्रद्धालुओं की सुविधा पर भी पूरा ध्यान रखा गया है।
कैसा होगा राम दरबार?
राम मंदिर के पहले तल पर तैयार राजा राम का दरबार पूरी तरीके से भाव और आकर्षक होने वाला है, दरबार पारंपरिक शिल्प कला का एक बहुत अच्छा उदाहरण है। यहां सभी विद्रोह को सुंदर ढंग से सजाया गया है और मंदिर को रोशनी से चमकाया गया है। मंदिर की रचना नगर शैली में की गई है, मंदिर की लंबाई 380 फीट है, और चौड़ाई 225 फीट है, वही बात करें ऊंचाई की तो 161 फीट की ऊंचाई है, जिसमें कुल 395 खंबे हैं और 44 दरवाजे हैं।
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