
World Day Against Child Labour 2025 : बच्चों को सपना देखने दो, काम करने नहीं
World Day Against Child Labour 2025 : हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया जाता है। दिवस को ” world Day Against Child Labour” भी कहा जाता है। दुनिया भर में यह दिवस इसीलिए मनाया जाता है ताकि नाबालिक बच्चे जो काम करते हैं उनको रोका जाए।
यह दिवस बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए और बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के नए अवसर देने के लिए मनाया जाता है।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2025
विश्व में कई सारे ऐसे बच्चे होते हैं जो बहुत कम उम्र से ही अपने परिवार का बोझ अपने सर पर ले लेते हैं। गरीबों के कारण वह बचपन से ही पैसे कमाने लगते हैं, जिस कारण उनके स्वास्थ्य और दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ऐसे बच्चों को शिक्षा का अवसर भी प्राप्त नहीं हो पता। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस हर साल 12 जून को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य यह है की वह बच्चे जो कम उम्र से ही पढ़ना लिखना छोड़कर लेबर का काम करने लगते हैं उनके लिए कुछ किया जाए।
यह दिवस बाल श्रम को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने और सक्रियता को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का इतिहास!
प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2002 मे अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन( ILO) द्वारा की गई। , तब से लेकर आज तक 2 जून को यह दिवस मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल श्रम की भयावता को स्वीकार करते हुए सर्व संबंधित से एक प्रस्ताव पारित कर 2021 को बाल श्रम उन्मूलन का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है।
ILO द्वारा 1999 में ” worst forms of child labour convention’ को अपनाया।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने का उद्देश्य
इस दिवस को उन बच्चों के लिए मनाया जाता है जिनको बहुत कम उम्र से ही स्कूल छोड़ना पड़ता है और लेबर वाले काम करने पड़ते हैं।
छोटी उम्र से ही बच्चों को लेबरिंग जैसा काम करवाना उनकी मानसिक, शारीरिक स्थिति को खराब करता है।
ILO के अनुसार 5 से लेकर 17 वर्ष की उम्र के बच्चे जब कार्य करने लगते हैं तब उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति को बाल श्रम कहा जाता है।
2025 की थीम
प्रत्येक वर्ष विश्व बाल निषेध दिवस की एक थीम रखी जाती है, जिसके तहत ही यह दिवस मनाया जाता है। हर साल की तरह 2025 में भी एक थीम रखी गई है।
2025 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम है ” प्रगति स्पष्ट है , लेकिन अभी और काम करना बाकी है: लिए प्रयासों में तेजी लाएं!
भारत में बाल श्रम की स्थिति
भारत में बाल श्रम की स्थिति काफी बेकार है, शहर जैसे पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश और मुंबई में बाल श्रम की संख्या सबसे ज्यादा है।
ILO और अन्य संगठनों की माने तो भारत में 10.1 मिलियन बच्चे बहुत कम उम्र से शिक्षा और अपनी सेहत का ख्याल ना रखते हुए पैसे कमाने के लिए काम करते हैं।
बाल श्रम के सुझाव
अगर बाल श्रम को पूरी तरीके से खत्म करना है तो उन बच्चों के लिए सरकार की तरफ से कुछ योगदान होना जरूरी है जैसे–
- बच्चों और उनके माता-पिता को शिक्षा के बारे में जागृत करवाना।
- अगर बच्चे गरीब परिवार से हैं तो उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करवाना।
- लोगों को बाल श्रम के लिए जागृत करना और रेलिया निकलवाना।
- जो लोग नाबालिक बच्चों को अपने दफ्तर व दुकानों पर काम देते हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करवाना।
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