
Yamuna river water level: दिल्ली में यमुना का जलस्तर फिर बढ़ा, खतरे की घंटी—अधिकारियों ने कहा सतर्क रहें!
Yamuna river water level: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर खतरे का संकेत देने लगी है। रविवार शाम को पुराने रेलवे पुल पर पानी का स्तर चेतावनी के निशान को पार कर 204.60 मीटर तक पहुंच गया। शहर के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर तय किया गया है। अगर जलस्तर 206 मीटर पार करता है तो तुरंत यमुना खादर इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि यमुना का बढ़ता जलस्तर फिलहाल सबसे बड़ी चिंता है, और सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।
कैसे बढ़ रहा है यमुना का जलस्तर?
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यमुना का जलस्तर मुख्य रूप से वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से बढ़ रहा है।
- हथिनीकुंड बैराज से इस सीजन का अब तक का सबसे ज्यादा 1,27,030 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
- वहीं, वजीराबाद बैराज से हर घंटे करीब 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
इसी भारी मात्रा में छोड़े गए पानी की वजह से शुक्रवार को जलस्तर 204.65 मीटर तक पहुंच गया था और शनिवार को यह बढ़कर 205.11 मीटर हो गया था। यानी यह खतरे के निशान से बेहद करीब पहुंच गया।
क्या कहते हैं अधिकारी?
अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर राहत-बचाव दल तुरंत सक्रिय हो जाएंगे।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा—
“हम पूरी तरह सतर्क हैं। हर घंटे की रिपोर्ट ली जा रही है। पानी का बहाव तेज है और अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे। अगर जलस्तर बढ़ता है तो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी है।”
खतरे का स्तर क्यों मायने रखता है?
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 204.50 मीटर तक पहुंचने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है। 205.33 मीटर को खतरे का स्तर माना जाता है। अगर यह स्तर पार हो जाता है तो निचले इलाकों, खासकर यमुना खादर में पानी घुसने का खतरा बढ़ जाता है।
206 मीटर से ऊपर पहुंचते ही हालात बेकाबू हो सकते हैं और तुरंत लोगों की निकासी करनी पड़ती है। यही वजह है कि जैसे ही जलस्तर 204.60 मीटर तक पहुंचा, प्रशासन सतर्क हो गया।
किन इलाकों पर सबसे ज्यादा खतरा?
दिल्ली में कई इलाके ऐसे हैं जो हर बार यमुना के जलस्तर बढ़ने पर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इनमें शामिल हैं—
- यमुना खादर क्षेत्र
- मयूर विहार
- ओखला बैराज के आसपास की बस्तियां
- आईटीओ और इसके आसपास का निचला इलाका
- लोनी और शास्त्री पार्क के पास की कॉलोनियां
इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।
पानी छोड़ने से क्यों बढ़ता है संकट?
हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज का पानी सीधे यमुना में छोड़ा जाता है। जब बारिश ज्यादा होती है और पहाड़ी इलाकों से पानी नीचे आता है, तो बांधों पर दबाव बढ़ जाता है। इसे कम करने के लिए बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है।
इसी कारण अचानक यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ जाता है। यह स्थिति दिल्ली के लिए खतरनाक साबित होती है क्योंकि यहां पहले से ही निचले इलाकों में लाखों लोग रहते हैं।
पिछले साल का अनुभव
याद दिला दें कि पिछले साल भी जुलाई महीने में यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच गया था। तब राजधानी में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। निचले इलाकों में पानी भर गया था, सड़कें डूब गई थीं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा था।
सरकारी दफ्तरों से लेकर आम लोगों के घर तक पानी में डूबे दिखाई दिए थे। इस बार भी हालात ऐसे न हों, इसके लिए प्रशासन पहले से तैयारी में जुटा है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
दिल्ली सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है।
- राहत-बचाव दल को तैयार रखा गया है।
- एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को जरूरत पड़ने पर तैनात किया जाएगा।
- निचले इलाकों में अस्थायी राहत शिविर बनाए जा रहे हैं।
- बिजली और पीने के पानी की आपूर्ति पर भी नजर रखी जा रही है।
लोगों से क्या अपील?
अधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
- प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- नदी किनारे जाने से बचें।
- बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
- जरूरी सामान, दस्तावेज और दवाइयों को पहले से सुरक्षित जगह पर रख लें।
यमुना का जलस्तर एक बार फिर दिल्लीवालों की चिंता बढ़ा रहा है। फिलहाल खतरे का निशान पार नहीं हुआ है लेकिन यह बेहद नजदीक पहुंच चुका है। प्रशासन की तैयारियां जारी हैं और हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है।
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