सावधान! Cyclone Montha की दस्तक – 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तट की ओर बढ़ रहा है तूफान
Cyclone Montha: पूर्वी भारत के तटीय इलाकों पर इस वक्त खतरे की घंटी बज चुकी है। बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान “मोंथा” (Cyclone Montha) अब और तेज़ हो चुका है और आज शाम या रात तक यह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास समुद्री तट से टकराने वाला है। इस समय हवा की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ रही है।
मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि मोंथा अब एक “गंभीर चक्रवात” बन चुका है। इसके असर से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं का खतरा मंडरा रहा है।
समुद्र हुआ उफान पर, तटवर्ती इलाकों से लोगों को हटाया जा रहा
पुरी, काकीनाडा और मछलीपट्टनम जैसे तटीय इलाकों में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। ओडिशा के पुरी में समुद्री तट को पूरी तरह खाली कराया जा रहा है। पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें लोगों से समुद्र के पास न जाने की अपील कर रही हैं।
आंध्र प्रदेश के कोठापट्टनम और उप्पदा के गांवों को भी खाली कराया गया है। स्थानीय प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज रहा है। एनडीआरएफ की 11 और एसडीआरएफ की 12 टीमें पूरे प्रदेश में अलर्ट पर हैं।
एक अधिकारी ने बताया —“हमने गांव-गांव जाकर मछुआरों और परिवारों को सुरक्षित जगहों पर भेजना शुरू कर दिया है। रात में हवाओं की रफ्तार बढ़ेगी, इसलिए किसी को भी घर पर रुकने की सलाह नहीं दी जा रही।”
कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
IMD के मुताबिक, तूफान के असर से आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के तटीय जिलों में अगले 24 घंटे तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
चेन्नई, तिरुवल्लूर और नेल्लोर जैसे इलाकों में सुबह से ही तेज बारिश हो रही है।
ओडिशा के गंजम, गजपति और कोरापुट जिलों में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है।
भुवनेश्वर IMD की प्रमुख मनोरमा मोहंती ने कहा की “मोंथा का असर 2 से 3 दिन तक रहेगा। समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और कुछ निचले इलाके पानी में डूब सकते हैं। लोगों से अपील है कि वे घरों के अंदर रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें।”
क्या है ‘मोंथा’?
‘मोंथा’ नाम यमन (Yemen) ने सुझाया है। इसका मतलब होता है “फूल”। लेकिन फिलहाल यह फूल नहीं, एक तूफान बन चुका है जो भारत के तटीय इलाकों की परीक्षा लेने वाला है।
तूफान का रास्ता
आईएमडी हैदराबाद के अधिकारी जीएनआरएस श्रीनिवास राव ने बताया कि यह चक्रवात मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच से गुजरेगा, और काकीनाडा के आसपास लैंडफॉल करेगा।
लैंडफॉल के समय हवाओं की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है।
इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर पड़ते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ेगा, जहां भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना बनी रहेगी।
प्रशासन की तैयारी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने खुद स्थिति की निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तटीय इलाकों के सभी लोगों को तुरंत राहत केंद्रों में पहुंचाया जाए।
राहत शिविरों में साफ पानी, सूखा भोजन और बिजली की व्यवस्था की गई है।
ओडिशा सरकार ने भी 123 फायर यूनिट्स तैनात की हैं और 8 जिलों को रेड जोन घोषित किया है।
गंजम और गजपति जिलों में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए अतिरिक्त बचाव टीमें भेजी गई हैं।
भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड भी पूरी तरह तैयार हैं।
भारी बारिश से सड़कें टूटीं, यातायात ठप
काकीनाडा और उप्पदा के बीच लगातार हो रही बारिश के कारण करीब 8 किलोमीटर सड़क का हिस्सा टूट गया है।
अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर उस सड़क को बंद कर दिया है।
रेलवे ने भी कई ट्रेनों को रद्द किया है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा बनी रहे।
क्या करें और क्या न करें
अगर आप ऐसे इलाके में हैं जहां तूफान या भारी बारिश की संभावना है, तो यह सावधानियां ज़रूर बरतें —
- घर से बाहर न निकलें, जब तक प्रशासन अनुमति न दे।
- मोबाइल और जरूरी दस्तावेज़ सुरक्षित रखें।
- बैटरी, टॉर्च और पानी पहले से जमा रखें।
- खिड़कियों और दरवाज़ों को मजबूत करें।
- अगर आप मछुआरे हैं, तो समुद्र में बिलकुल न जाएँ।
- बिजली के उपकरणों से दूरी बनाए रखें और पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
- प्रशासन या रेडियो की सूचना लगातार सुनते रहें।
एक नाविक की मौत, कई जगह जलभराव
केरल के अलप्पुझा जिले में तेज हवाओं के कारण एक नाव पलट गई, जिसमें एक मछुआरे की मौत हो गई।
कई जिलों में बारिश से जलभराव की स्थिति बन गई है।
सरकार ने कहा है कि राहत कार्यों में किसी तरह की देरी नहीं होगी।
उम्मीद की किरण
हालांकि तूफान के आने से दहशत है, लेकिन एक राहत की बात यह है कि प्रशासन इस बार पूरी तैयारी में है।
एनडीआरएफ और राज्य टीमें पहले से तैनात हैं, स्कूल-कॉलेज बंद किए जा चुके हैं और लोगों को पहले ही सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।
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