
Death In Space: अंतरिक्ष से संबंधित कई सारे सवाल हम सबके मन में होते हैं की क्या धरती के बाहर भी जीवन संभव है? क्या सच में धरती जैसा ही अंतरिक्ष में कोई दूसरा ग्रह है? और वहां एलियंस रहते हैं? तरह-तरह की बातें और सवाल हमारे मन में अंतरिक्ष को लेकर रहते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई मनुष्य अंतरिक्ष में फस जाए या अंतरिक्ष में किसी मनुष्य की मृत्यु हो जाए तो उसके शरीर का क्या होगा? नासा ने इन सभी सवालों के जवाब डिटेल में दिए हैं। आईए जानते हैं।
Death In Space: मनुष्य से पहले यह जीव गए थे अंतरिक्ष में
इसमें कोई शक नहीं है कि इंसान को अंतरिक्ष में भेजना एक असाधारण रूप से मुश्किल और खतरनाक कार्य है। मनुष्य का अंतरिक्ष से संबंध की बात करें तो लगभग 8 दशक पहले मनुष्य ने पहली बार धरती के बाहर कदम रखा था और वह थे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग। वे अपोलो 11 मिशन के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मिशन के तहत गए थे। उनकी यह अंतरिक्ष यात्रा सफल हुई। मनुष्य से पहले चूहे तो कभी कुत्तों को अंतरिक्ष में भेजा गया था। क्योंकि एकदम से मनुष्य की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता है।
Death In Space: अंतरिक्ष यात्रा के दौरान जान गवाने वाले लोग
अंतरिक्ष से संबंधित मिशन में अब तक तमाम प्रयोग में 20 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 1986 से 2003 की नासा अंतरिक्ष शटल त्रासदी में 14 लोगों की मृत्यु हुई थी। जबकि 1971 के सोयुज 11 मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्री और 1967 में अपोलो 1 लॉन्च पैड की आग लगने के कारण तीन अंतरिक्ष यात्री मौत को भेंट चढ़ गए थे।
Death In Space: यदि किसी की चांद या पृथ्वी की कक्षा में मृत्यु हो जाए
एक अंतरिक्ष चिकित्सा, चिकित्सक के रूप में जो अंतरिक्ष यात्रियों को स्वस्थ रखने के नए-नए तरीके खोजने के लिए काम कर रहा है। अगर किसी इंसान की मृत्यु मिशन के दौरान पृथ्वी की कक्षा में हो जाती है तो चालक दल कुछ ही घंटे के अंदर एक कैप्सूल में शरीर को पृथ्वी पर वापस ला सकते हैं। वहीं अगर इंसान की मौत चंद्रमा पर हो जाए तो चालक दल को कुछ दिन लग सकते है शव को पृथ्वी पर लाने में। हालांकि नासा के पास ऐसे आयोजनों के लिए पहले से ही एक विस्तृत प्रोटोकॉल उपस्थित है। तुरंत वापसी के चलते यह संभावना है कि शरीर का संरक्षण नासा की प्रमुख चिंता नहीं होगी। बजाय इसके नंबर एक प्राथमिकता ये सुनिश्चित करना होगा कि बाकि दल सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आ जाए।
Death In Space: अगर किसी की मौत मंगल ग्रह पर हो जाए
अगर किसी यात्री की मौत मंगल ग्रह की 300 मिलियन मील की यात्रा के दौरान हो जाती है तो चीजे काफी अलग होगी। उस हालत में चालक दल मुड़कर वापस पृथ्वी पर नहीं आ पाएगा। बजाय इसके मिशन के अंत में, जो कुछ साल बाद पूरा होगा चालक दल को डेड बॉडी के साथ ही अंतरिक्ष पर रहना पड़ेगा। मिशन पूरा होने के बाद ही दल पृथ्वी पर लौटेगा।
Death In Space: डेड बॉडी का क्या होगा?
मिशन के तहत चालक दल संभवत डेड बॉडी को अलग कक्ष या एक खास बॉडी बैग में संरक्षित करके रखेगा। हालांकि अंतरिक्ष यान के अंदर स्थिर तापमान, आर्द्रता सैद्धांतिक रूप से शव को संरक्षित रखने में सहायता करेगी लेकिन सभी परिदृश्य तभी संभव हो पाएंगे जब व्यक्ति की मौत अंतरिक्ष स्टेशन या फिर अंतरिक्ष यान में हुई हो।
Death In Space: अगर कोई बिना स्पेस सूट के अंतरिक्ष में यात्रा करें तो क्या होगा?
अगर आपके मन में भी यह सवाल उठता है कि अगर कोई अंतरिक्ष यात्री बिना स्पेस सूट के अंतरिक्ष यात्रा करें तो क्या होगा? ऐसी स्थिति में अगर यात्री अंतरिक्ष में बिना स्पेस सूट के कदम रखेगा तो तुरंत ही उसकी मौत हो जाएगी। क्योंकि दबाव कम होने और अंतरिक्ष के वातावरण के संपर्क में आने से अंतरिक्ष यात्री के लिए सांस लेना नामुमकिन हो जाएगा और खून और शरीर के दूसरे तरल पदार्थ उबलने शुरू हो जाएंगे। जिससे यात्री की तुरंत ही मौत हो जाएगी।
Death In Space: अगर कोई चंद्रमा या मंगल पर बिना स्पेस सूट के जाए तो क्या होगा?
अगर कोई अंतरिक्ष यात्री बिना स्पेस सूट के मंगल ग्रह या चंद्रमा की यात्रा पर निकल जाए तो क्या होगा? इसका जवाब है चंद्रमा पर लगभग किसी प्रकार का वायुमंडल ही नहीं है। जबकि मंगल ग्रह का वातावरण बहुत पतला है और लगभग वहां कोई ऑक्सीजन नहीं है। तो इसका नतीजा यह होगा कि अंतरिक्ष यात्री की तुरंत ही मौत हो जाएगी। उसके शरीर की नसें और रक्त उबलने लगेंगे। सांस लेना भी संभव नहीं होगा और अत्यधिक खून निकलने से यात्री के तुरंत ही मौत हो जाएगी।
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