
आईआईटी प्लेसमेंट में गिरावट: क्या बदली परिस्थितियां?
आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में दाखिला लेना हमेशा से ही बेहतरीन सैलरी पैकेज और लगभग 100% प्लेसमेंट की गारंटी के लिए जाना जाता रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में देश के कई प्रमुख आईआईटी संस्थानों में प्लेसमेंट में गिरावट दर्ज की गई है। इनमें आईआईटी दिल्ली को छोड़कर बाकी सभी प्रमुख संस्थानों ने अपने पिछले रिकॉर्ड से कम प्रदर्शन किया है।
आईआईटी प्लेसमेंट का हालिया ट्रेंड
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 से लेकर 2023-24 तक के प्लेसमेंट डेटा में गिरावट देखने को मिली है। खासतौर पर आईआईटी कानपुर, खड़गपुर, और रुड़की जैसे संस्थानों में 5% से 16% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
आईआईटी दिल्ली
आईआईटी दिल्ली ने साल 2018-19 में 85% का प्लेसमेंट रिकॉर्ड बनाया था, जिसे उसने कोविड महामारी को छोड़कर, लगभग बनाए रखा है।
आईआईटी बॉम्बे
आईआईटी बॉम्बे का प्लेसमेंट रिकॉर्ड 2022-23 में 82.16% था, जो 2023-24 में घटकर 74.53% हो गया। हालांकि, संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि यह आंकड़ा केवल ऑन-कैंपस प्लेसमेंट को दर्शाता है और इससे कोई ठोस निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
आईआईटी गुवाहाटी
आईआईटी गुवाहाटी का प्लेसमेंट रिकॉर्ड 2022 में 83% था, जो 2023 में घटकर 80% रह गया।
आईआईटी कानपुर और खड़गपुर
आईआईटी कानपुर और खड़गपुर में प्लेसमेंट में कमी का मुख्य कारण बैच साइज का बढ़ना और कंपनियों की घटती रुचि को बताया गया है।
प्लेसमेंट में गिरावट के कारण
- कोविड-19 महामारी: महामारी के बाद की स्थितियों ने नौकरियों की संख्या और कंपनियों की भर्ती क्षमता पर असर डाला है।
- टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में मंदी: सॉफ्टवेयर और तकनीकी क्षेत्र में हाल की गिरावट ने भी प्लेसमेंट को प्रभावित किया है।
- बैच साइज में वृद्धि: छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ प्लेसमेंट की प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है।
औसत सैलरी पैकेज में उतार-चढ़ाव
आईआईटी कानपुर
2020-21 में औसत सैलरी पैकेज 22.1 लाख रुपये था, जो 2022-23 में बढ़कर 25.9 लाख रुपये हुआ, लेकिन 2023-24 में यह घटकर 23.7 लाख रुपये रह गया।
आईआईटी खड़गपुर
2020-21 में औसत पैकेज 14 लाख रुपये था, जो 2022-23 में 18 लाख रुपये हुआ, लेकिन 2023-24 में घटकर 17 लाख रुपये रह गया।
आईआईटी बॉम्बे
आईआईटी बॉम्बे का औसत पैकेज 2020-21 में 21.5 लाख रुपये था, जो 2022-23 में मामूली बढ़त के साथ 21.82 लाख रुपये हुआ।
क्या है भविष्य?
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 तक स्थितियां सामान्य हो सकती हैं। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियां टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर सेक्टर में कितनी रिकवरी करती हैं और छात्रों के लिए नए अवसर कैसे पैदा करती हैं।
आईआईटी का नाम आज भी उच्च शिक्षा और प्लेसमेंट के मामले में अग्रणी है। लेकिन बदलती परिस्थितियों ने प्लेसमेंट पर असर डाला है। जहां एक ओर छात्रों की संख्या बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर इंडस्ट्री की मांग में कमी आई है। इसके बावजूद, आईआईटी के छात्रों का कौशल और प्रतिभा उन्हें भविष्य में भी बेहतरीन अवसर दिलाने में सक्षम है।