18 अप्रैल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी DRDO ने ओडिशा के तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर से स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। मिसाइल के परीक्षण के दौरान परीक्षण रेंज में अलग-अलग जगहों पर सेंसर तैनात थे, जिसमें रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री ने मिसाइल को मॉनीटर किया।
खूबियां
इस मिसाइल ने परीक्षण के दौरान 864 किमी से 1111 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार हासिल की।
यह मिसाइल हगिंग कैपेबिलिटी से लैस है, जिसमें निशाना लगाने के बाद निष्क्रिय करना बेहद मुश्किल होता है।
ये दो स्टेज की मिसाइल है, जिसमें पहले स्टेज में ठोस और दूसरे स्टेज में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल होता है।
यह मिसाइल 300 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकती है और इसकी अधिकतम रेंज 1500 किमी है।ॉ
ये जमीन से 50 मीटर ऊपर और 4 किमी ऊपर उड़कर टारगेट को ध्वस्त कर सकती है।
समुद्र और जमीन दोनों जगहों से दागा जा सकता है
DRDO ने बताया कि इस मिसाइल की उड़ान को वायुसेना के सुखोई एसयू-30-एमके-1 फाइटर जेट से भी ट्रैक किया गया। मिसाइल ने टेस्ट के सभी मानकों को पूरा किया। परीक्षण के दौरान निर्भय मिसाइल ने 864 किमी. से लेकर 1111 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की। इस मिसाइल में टेरेन हगिंग कैपेबिलिटी भी है। टेरेन हगिंग कैपेबिलिटी उस स्थिति को कहते हैं जिसमें उसपर निशाना लगाकर इसे निष्क्रिय करना बेहद कठिन हो जाता है। इस टेक्नोलाजी के कारण दुश्मन देशों के लिए भारत की ये मिसाइल परेशानी खड़ी करने वाली है। इस मिसाइल की एक खास बात यह है कि इसे समुद्र और जमीन दोनों जगहों से मिसाइल लॉन्चर्स के जरिए दागा जा सकता है।
राजनाथ सिंह ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज़ मिसाइल के सफल उड़ान-परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वदेश संचालित लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास की एक प्रमुख उपलब्धि है।