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Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2025: जीवन, राजनीति, उपलब्धियाँ, मृत्यु और अधिक

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2025: जीवन, राजनीति, उपलब्धियाँ, मृत्यु और अधिक

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2025: जीवन, राजनीति, उपलब्धियाँ, मृत्यु और अधिक

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2025: लाल बहादुर शास्त्री, स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे। उनकी पुण्यतिथि 11 जनवरी को मनाई जाती है। शास्त्री जी ने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया, बल्कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उनके द्वारा दिया गया “जय जवान जय किसान” का नारा आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है। आइए जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री के जीवन, उनके कार्यकाल और उनके योगदान के बारे में।

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के मुग़लसराय में हुआ था। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था। शास्त्री जी का पालन-पोषण एक सामान्य परिवार में हुआ, लेकिन उनकी शिक्षा और संघर्ष ने उन्हें राजनीति के उच्चतम शिखर तक पहुंचाया।

लाल बहादुर शास्त्री ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मिर्जापुर और वाराणसी में प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने काशी विद्यापीठ से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और यहीं से उन्हें ‘शास्त्री’ उपाधि मिली, जो उनके नाम का हिस्सा बन गई।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

शास्त्री जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक से प्रेरित होकर शामिल हुए। वे 1920 के दशक में गांधी जी के असहमति आंदोलन और असहमति आंदोलनों का हिस्सा बने। उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा जेल में भी डाला गया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने उद्देश्यों से समझौता नहीं किया।

राजनीति में प्रवेश और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

शास्त्री जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा और जल्द ही वे कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता बन गए। उन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएँ बनाई और समाज में समानता और न्याय की दिशा में काम किया।

प्रधानमंत्री बनने का सफर

1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। उनका प्रधानमंत्री बनने का मार्ग आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी निष्ठा, समर्पण और कार्यक्षमता से इस पद को उच्च मानक पर रखा।

“जय जवान जय किसान” का नारा

लाल बहादुर शास्त्री का सबसे प्रसिद्ध योगदान उनके द्वारा दिया गया “जय जवान जय किसान” का नारा था। यह नारा भारतीय सैनिकों और किसानों की महत्वता को उजागर करता है, जो देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण थे। इस नारे ने देशवासियों को प्रेरित किया और उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया।

भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 और शास्त्री जी की भूमिका

लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में युद्ध हुआ। इस युद्ध में शास्त्री जी ने नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए भारतीय सेना को प्रोत्साहित किया और पाकिस्तान के साथ समझौता करने में सफलता प्राप्त की। ताशकंद समझौते में उनकी अहम भूमिका रही, जिसे शास्त्री जी ने भारतीय हितों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किया।

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2025: मृत्यु और रहस्यमय पहलू

11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया। उनका निधन एक रहस्य बना हुआ है, क्योंकि ताशकंद समझौते के बाद उनकी मृत्यु पर कई तरह के सवाल उठे। शास्त्री जी की मृत्यु को लेकर कई अटकलें लगाई जाती हैं, लेकिन आज तक इस पर पूरी तरह से स्पष्टता नहीं आई है।

शास्त्री जी की उपलब्धियाँ

  1. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल: शास्त्री जी ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनसे भारतीय राजनीति की दिशा बदल गई।
  2. “जय जवान जय किसान” का नारा: यह नारा भारतीय सैनिकों और किसानों की सम्मान में दिया गया, जिसने देशवासियों को एकजुट किया।
  3. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965: शास्त्री जी ने भारतीय सेना का नेतृत्व किया और पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद ताशकंद समझौता किया।
  4. आर्थिक सुधार: उन्होंने भारतीय कृषि और उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएँ बनाई।

शास्त्री जी का योगदान और उनकी विरासत

लाल बहादुर शास्त्री की राजनीति में ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ संकल्प की मिसाल प्रस्तुत की। उनकी नीतियाँ आज भी भारतीय राजनीति और समाज के लिए मार्गदर्शन का काम करती हैं। उनकी पुण्यतिथि पर हमें उनके योगदान को याद करना चाहिए और उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

स्मारक और श्रद्धांजलि: लाल बहादुर शास्त्री का स्मारक विजय घाट, नई दिल्ली में स्थित है, जहां लोग उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन और उनकी कार्यशैली एक प्रेरणा है। उनकी नीतियाँ और निर्णय न केवल उनके समय में बल्कि आज भी भारतीय राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन।

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