
फीफा ने पाकिस्तान फुटबॉल संघ (PFF) पर एक बार फिर से निलंबन लगाया
फीफा ने पाकिस्तान फुटबॉल संघ (PFF) पर फिर से निलंबन लगा दिया है, क्योंकि PFF कांग्रेस ने फीफा द्वारा सुझाए गए संवैधानिक संशोधनों को लागू करने से इनकार कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब PFF ने FIFA और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) द्वारा सुझाए गए संशोधन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया, जिनका उद्देश्य PFF में निष्पक्ष और लोकतांत्रिक चुनावों को सुनिश्चित करना था।
फीफा का निलंबन और उसकी शर्तें
फीफा ने अपने बयान में कहा कि यह निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू हो रहा है, और इसका कारण PFF द्वारा संशोधित संविधान को अपनाने में विफलता है। इसमें खास तौर पर चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने का प्रस्ताव था, जिसे PFF कांग्रेस ने मानने से इनकार कर दिया। फीफा ने कहा, “निलंबन केवल तब हटेगा जब PFF कांग्रेस फीफा और AFC द्वारा प्रस्तुत संविधान के संस्करण को स्वीकृति देगी।”
फीफा और AFC ने PFF से संविधान में बदलाव करने की अपील की थी, खासकर उन प्रावधानों में जो चुनाव प्रक्रिया से संबंधित थे। हालांकि, PFF की नई चुनी हुई कांग्रेस ने इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया। इस कारण से पाकिस्तान फुटबॉल संघ पर यह निलंबन फिर से लगाया गया है।
पाकिस्तान फुटबॉल संघ की पिछली निलंबन की स्थिति
यह पहली बार नहीं है जब PFF को फीफा द्वारा निलंबित किया गया हो। अप्रैल 2021 में भी फीफा ने तीसरी पार्टी के हस्तक्षेप के कारण PFF पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो फीफा के नियमों का उल्लंघन था। यह निलंबन जून 2022 में तब हटाया गया था, जब फीफा ने पुष्टि की थी कि PFF की सामान्यीकरण समिति ने अपने कार्यालयों और वित्तीय नियंत्रण को फिर से हासिल कर लिया है।
हालांकि, पिछले कुछ महीनों से, फीफा पाकिस्तान में संविधानिक सुधारों की दिशा में दबाव बना रहा था ताकि सही शासन व्यवस्था और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सकें। लेकिन PFF कांग्रेस ने इन बदलावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप फिर से यह निलंबन लगाया गया।
निलंबन के परिणाम और असर
निलंबन के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय फुटबॉल टीमों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है। इसके अलावा, PFF को फीफा से कोई वित्तीय सहायता भी नहीं मिलेगी जब तक कि यह मुद्दा हल नहीं हो जाता। इस निलंबन का असर पाकिस्तान के फुटबॉल पर लंबे समय तक रहेगा, और यह देश की फुटबॉल गतिविधियों को बाधित करेगा।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए PFF सामान्यीकरण समिति के अध्यक्ष हरून मलिक ने आज राष्ट्रीय सभा की इंटर-प्रांतीय समन्वय (IPC) समिति को सूचित किया था कि FIFA इस गतिरोध के कारण पाकिस्तान को एक शर्तीय निलंबन लगा सकता है। मलिक ने चेतावनी दी कि यदि यह गतिरोध जारी रहा तो पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में हिस्सा लेना और फीफा से वित्तीय सहायता प्राप्त करना दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
मलिक ने कहा, “फीफा चाहता है कि PFF का संविधान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो, लेकिन PFF कांग्रेस के अधिकांश नए सदस्य ने प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकार नहीं किया।”
PFF के चुनाव प्रक्रिया पर भी नजर
मलिक ने समिति को PFF की चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी चुनाव पूरे हो चुके हैं और चुने गए कांग्रेस सदस्य अगले चरण को देखेंगे। यह उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने पहली बार 2023 के ओलंपिक क्वालीफायर में भाग लिया और दूसरे राउंड में प्रवेश किया। इस उपलब्धि पर समिति ने PFF के प्रयासों की सराहना की, जो ओलंपिक स्तर पर फुटबॉल को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं।
क्या अब पाकिस्तान के फुटबॉल के लिए भविष्य है?
PFF पर फीफा का निलंबन पाकिस्तान के फुटबॉल के भविष्य के लिए एक गंभीर झटका है। यह स्थिति पाकिस्तान में फुटबॉल के विकास को प्रभावित कर सकती है, खासकर राष्ट्रीय टीमों के लिए। फीफा का यह कदम न केवल पाकिस्तान की फुटबॉल गतिविधियों पर असर डालता है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप देश को उस वैश्विक मंच पर लौटने में भी कठिनाई हो सकती है, जहां उसे अपनी पहचान बनानी थी।
फीफा का निलंबन पाकिस्तान के फुटबॉल समुदाय के लिए एक अवसर प्रदान करता है कि वे अपने संविधान और चुनाव प्रक्रिया को सही दिशा में लाकर फुटबॉल के विकास को सुनिश्चित करें। हालांकि, इस निलंबन का हल तभी संभव है जब PFF कांग्रेस फीफा द्वारा सुझाए गए संविधान संशोधनों को स्वीकार करती है और चुनाव प्रक्रिया को लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाती है।
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