Hassan Nasrallah: Hezbollah Secretary-general की इस्राइली हवाई हमलो में मौत, इजराइल का जश्न!

Hassan Nasrallah: इजरायली सैन्य बलों ने शुक्रवार, 27 सितंबर, 2024 को बेरूत में एक हवाई हमले के दौरान Hezbollah Secretary-general Hassan Nasrallah के मारे जाने की घोषणा की। यह टार्गेटेड हमला दहिये में हुआ, जो कि दक्षिण बेरूत में हिज़्बुल्लाह का गढ़ है। Hezbollah Secretary-general की मौत तब हुई जब वह कथित तौर पर अपने मुख्यालय में एक बैठक कर रहा था।

Hassan Nasrallah
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Hassan Nasrallah तीन दशक से अधिक समय तक ईरान-समर्थित आतंकी संगठन Hezbollah का नेतृत्व कर रहा था। Hassan Nasrallah की मौत इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

Hassan Nasrallah की मौत की इजरायल द्वारा पुष्टि

इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने आधिकारिक रूप से शनिवार को नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की। IDF प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नदव शोषनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी घोषणा की। शोषनी ने पोस्ट किया, “हसन नसरल्लाह मर चुका है,” और आगे पुष्टि की कि हिज़्बुल्लाह नेता को “समाप्त” कर दिया गया है। एक अन्य IDF प्रवक्ता, कैप्टन डेविड अव्राहम, ने एएफपी को इस रिपोर्ट यह बताते हुए पुष्टि की कि यह ऑपरेशन बेरूत में हिज़्बुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को सफलतापूर्वक टारगेट करके किया गया था।

इस हमले की तैयारी काफी दिनों से चल रही थी और यह हमला एक रणनीतिक समय पर किया गया। इजरायली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी के अनुसार, “यह हमला लंबे समय से तैयार हो रहा था और सही समय पर बहुत सटीकता के साथ अंजाम दिया गया,” उन्होंने कहा। साथ ही, हलेवी ने यह भी बताया कि इजरायली सेना अब अपने अगले चरण के ऑपरेशन की तैयारी कर रही है।

Hassan Nasrallah की भूमिका और विरासत

Hassan Nasrallah की मौत हिज़्बुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका है। 1992 में संगठन का नेतृत्व संभालने के बाद, नसरल्लाह ने हिज़्बुल्लाह की सैन्य और राजनीतिक गतिविधियों को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस आतंकवादी संगठन की कार्यवाहियां अक्सर इजरायल के खिलाफ होती हैं। नसरल्लाह के नेतृत्व में हिज़्बुल्लाह मध्य पूर्व में सबसे ताकतवर नॉन-स्टेट ताकतों में से एक बन गया। इस संगठन को ईरान का बड़ा समर्थन था।

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अपने कार्यकाल के दौरान नसरल्लाह ने कई हमले इजरायली सैन्य और नागरिक ठिकानों पर करवाए। Hassan Nasrallah के नेतृत्व में हिज़्बुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में खुद को स्थापित किया, विशेष रूप से 2006 के लेबनान युद्ध के दौरान। इजरायली बलों ने Hassan Nasrallah पर आतंकवादी गतिविधियों का आरोप लगाया। IDF ने एक बयान में कहा “Hassan Nasrallah 32 साल के Hezbollah Secretary-general के कार्यकाल के दौरान कई इजरायली नागरिकों और सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार थे,”।

हिज़्बुल्लाह के रॉकेट हमले के बाद इजरायली प्रतिक्रिया

हिज़्बुल्लाह के उत्तरी इजरायल में कई रॉकेट हमलों के बाद हिज़्बुल्लाह के कमांड सेंटर पर यह हवाई हमला किया गया था। हिज़्बुल्लाह ने किब्बुत्ज़ कबरी को फादी-1 रॉकेटों से निशाना बनाया, जिसका दावा था कि यह इजरायल की बर्बर आक्रामकता के खिलाफ लेबनान की रक्षा में किया गया था। IDF की प्रतिक्रिया हिज़्बुल्लाह की क्षमता को निष्प्रभावी करने के लिए एक बड़े सैन्य अभियान का हिस्सा थी जिसमें नसरल्लाह की मौत हो गयी।

नसरल्लाह की बेटी ज़ैनब भी हवाई हमलों में मारी गईं है हालांकि हिज़्बुल्लाह या लेबनानी मीडिया से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। हिज़्बुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे के कमांडर अली करकी भी इसी हमले में मारे गए।

लेबनान में हाई अलर्ट

इस्राइली हमलो के और भी तेज होने की आशंका के बीच लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दक्षिणी बेरूत में अस्पतालों को खाली करने का आदेश दिया। इस चल रहे संघर्ष से यह क्षेत्र पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुका है, जिसमें 700 से अधिक लेबनानी नागरिक मारे गए हैं और 118,000 लोग विस्थापित हो गए हैं।

Hassan Nasrallah
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Hassan Nasrallah की मौत के बावजूद, स्थिति बहुत अस्थिर बनी हुई है, और इस बात का डर है कि यह संघर्ष बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है। IDF ने संकेत दिया है कि वे पूरी तरह सतर्क हैं और हिज़्बुल्लाह या अन्य तत्वों से किसी भी और खतरे का जवाब देने के लिए तैयार हैं। “यह हमारी लड़ाई का अंत नहीं है। जो भी इजरायली नागरिकों को धमकी देगा, हम उसका पता करेंगे और उसे समाप्त करेंगे,” लेफ्टिनेंट जनरल हलेवी ने कहा।

हिज़्बुल्लाह का भविष्य

Hassan Nasrallah की मौत के बाद हिज़्बुल्लाह का भविष्य अनिश्चित है। अपने जोशीले और उत्तेजक भाषणों के लिए प्रसिद्ध, Hassan Nasrallah और लेबनान के शिया समुदाय में एक सम्मानित व्यक्ति थे। Hassan Nasrallah की मौत हिज़्बुल्लाह के नेतृत्व में एक गैप पैदा करती है। अब यह सवाल उठता है कि इस संगठन के भविष्य के कदम क्या होंगे।

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