
Healthcare of Children: आजकल के समय में बच्चों में मोटापा ज्यादा देखने को मिल रहा है। बहुत छोटी सी उम्र में ही बच्चों का वजन उनकी उम्र से ज्यादा बढ़ रहा है, इस कारण बच्चों को कई बीमारियां घेर सकती है। कई लोगों को कहना है कि बच्चों में बढ़ता हुआ मोटापा एक नई बीमारी है, हालांकि यह कोई नई बीमारी नहीं बल्कि बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल है।
अगर मां-बाप अपने बच्चों के लाइफस्टाइल पर ध्यान दें तो उनका बचपन ही नहीं बल्कि आने वाला कल भी स्वस्थ रहता है। अगर आप बहुत छोटी सी उम्र में ही मोटापे के घेरे में आ जाते हैं तो आने वाले समय में आपको ओबेसिटी डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी अपने चपेट में ले सकती है।
Healthcare of Children: हेअल्थी लाइफस्टाइल
अगर मां-बाप अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें और एक हेल्थी लाइफस्टाइल बच्चों को प्रदान करें, तो इससे बच्चों का वजन नियंत्रण में रहता है। पौष्टिक और कम फैट वाले आहार लेने से आप अपने बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने से बचा सकते हैं। आईए जानते हैं अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर कैसे ध्यान दें।
Healthcare of Children: हेल्दी बैलेंस डाइट
- हरी सब्जियां और फल: अपने बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां और फल ज्यादा रखें। बाहर का खिलाने से बेहतर है कि उनका घर का ही अनाज खिलाएं।
- ज्यादा पानी पिलाए: अपने बच्चों को हमेशा हाइड्रेटेड रखें। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा एनर्जी ड्रिंक और फलों का जूस पिलाए। आप उनको ऐसे फल भी खिला सकते हैं जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो, जैसे तरबूज और लीची।
- नो स्क्रीन: आजकल के बच्चे हमेशा खाना खाते समय टीवी या फोन देखना पसंद करते हैं। आप कोशिश करें कि हमेशा खाना खाते समय आपका बच्चा एकदम अलर्ट मोड में हो और किसी भी तरीके की स्क्रीन के सामने ना बैठा हो।
जंक फूड न दे: आजकल के बच्चे कुरकुरे चिप्स कोल्ड ड्रिंक और कई अन्य प्रकार के जंक फूड जैसे बर्गर पिज़्ज़ा खाना काफी पसंद करते हैं। आपको बता दे की कभी कभार तो आप खिला सकते हैं ,लेकिन महीने में एक बार से ज्यादा खाना आपके बाप के बच्चों के लिए हानिकारक है। आपको बता दे कि बाहर बनने वाले बर्गर और पिज़्ज़ा में जो सामग्री डाली जाती है, वह खराब और लो क्वालिटी की हो सकती है। ऐसे में सिर्फ आपका और आपके बच्चे का वजन बढ़ेगा और कोई पोषण नहीं मिलेगा।
Healthcare of Children: बच्चों को आउटडोर गेम खेलना सिखाए
आजकल हम सभी देखते हैं की, बच्चे ज्यादातर घर में बैठकर खेलना पसंद करते हैं, या फिर मोबाइल फोंस और लैपटॉप में गेम्स खेलते हैं। अपना सारा समय इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर विताकर, बच्चे आलसी और अनहेल्दी हो जाते हैं। बच्चों के दिमाग पर स्क्रीन का असर आपकी सोच से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ज्यादा मात्रा में फोन और टेलीविजन का उपयोग करने से आपके बच्चों के आंखों पर असर पड़ेगा और मानसिक स्थिति भी कमजोर हो जाएगी।
अगर आप अपने बच्चों को घर से बाहर खेलने पर प्रोत्साहित करें तो ऐसा करने से आपके बच्चों के हेल्थ में इजाफा होगा, बच्चों को मोटापा नहीं होगा, और उनका का दिमाग भी अच्छी तरीके से विकसित होगा। इसीलिए अपने बच्चों को दौड़ना, कूदना, तैरना और साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करें।
Healthcare of Children: नियम अनुसार अपना टाइम टेबल बनाएं
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, पेरेंट्स अपनी लाइफ पर कितने व्यस्त हो जाते हैं कि उनको अपने बच्चों का ध्यान ही नहीं रहता। कई सारे ऐसे पेरेंट्स भी हैं जिनको अपने बच्चों का टाइम टेबल ही नहीं पता, कि वह कब सोते हैं कब उठते हैं। आजकल के बच्चे काफी जिद्दी होते हैं, इसीलिए यह देखा जाता है कि कई बार मां-बाप अपने बच्चों को चुप करने के लिए मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं, ऐसा करने से बच्चों को धीरे-धीरे इस चीज की आदत लगने लगती है। इसके बाद बच्चे ज्यादा समय मोबाइल फोंस में बिताने लगते हैं और टीवी देखने लगते हैं।
अपने बच्चों को मोटिवेट करें अच्छी आदतें सीखने के लिए। बच्चों को सही समय पर खाना खाना सिखाएं, सही समय पर सोना और सही समय पर उठाना सिखाएं। अपने बच्चों की पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दें, याद रहे की फिजिकल एक्टिविटी के साथ मेंटल एक्टिविटी भी काफी जरूरी है।
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