Himachal Pradesh Snowfall: वर्तमान में, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों, खासकर शिमला और मनाली, में बढ़ती बर्फबारी और कड़ाके की सर्दी ने पर्यटकों को तो आकर्षित किया है, लेकिन साथ ही कई समस्याओं को भी जन्म दिया है। क्रिसमस और न्यू ईयर के अवकाश के दौरान, जब पर्यटक हिमाचल के बर्फीले स्थलों की सुंदरता का आनंद लेने के लिए दौड़े आए, तो वहां की भारी बर्फबारी ने न केवल उनके यात्रा अनुभव को चुनौतीपूर्ण बना दिया, बल्कि जान-माल की हानि भी हुई। पिछले 24 घंटों में हुई बर्फबारी में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और 223 सड़कें, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, पूरी तरह से बंद हो गईं।
भारी बर्फबारी और बंद सड़कें
पिछले कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, लाहौल और स्पीति, शिमला, कुल्लू, मंडी, चंबा और सिरमौर जिलों में भारी बर्फबारी का सामना करना पड़ा है। शिमला और मनाली जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों तक पहुंचने वाले मार्गों की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है। अटल टनल तक फंसे पर्यटकों को बचाने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन टीम को राहत और बचाव कार्य में जुटना पड़ा। वहीं, सड़कों पर फिसलन और हादसों के कारण कई वाहनों के खाई में गिरने और सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं भी सामने आई हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रमुख कनेक्टिविटी बाधित हो गई है। अटारी से लेह, संज से ऑट (कुल्लू), खाब संगम (किन्नौर), ग्रामफू (लाहौल और स्पीति) जैसे मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इन रास्तों पर बर्फ जमने और दुर्घटनाओं के कारण सफर करना अत्यंत खतरनाक साबित हो रहा है।
पर्यटकों के लिए सावधानियां
हालांकि इस सबके बावजूद पर्यटकों का उत्साह कम नहीं हुआ है। हिमाचल प्रदेश में शिमला का कमरा आरक्षण पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़कर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो दर्शाता है कि पर्यटकों के मन में हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता के प्रति एक विशेष आकर्षण है। बावजूद इसके, राज्य प्रशासन ने पर्यटकों से आग्रह किया है कि वे स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और बर्फबारी के दौरान यात्रा से बचें।
राज्य सरकार ने 268 मशीनों, जिनमें दो बर्फ हटाने वाले यंत्र (स्नो ब्लोअर्स) भी शामिल हैं, की तैनाती की है, ताकि बर्फबारी के बावजूद सड़कें खोलने का प्रयास किया जा सके। फिर भी, प्रशासन की ओर से यह चेतावनी दी गई है कि बर्फबारी के दौरान सड़कें खतरनाक हो सकती हैं और वाहन चालक को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
Himachal Pradesh Snowfall का प्रभाव और मौसम का हाल
हिमाचल के विभिन्न स्थानों पर भारी बर्फबारी हो रही है, जिसमें खडराला ने 24 सेंटीमीटर बर्फ गिरने के साथ सबसे अधिक बर्फबारी दर्ज की। इसके बाद, सांगला (16.5 सेंटीमीटर), शिलारो (15.3 सेंटीमीटर), चोपल और जुब्बल (15 सेंटीमीटर प्रत्येक), कल्पा (14 सेंटीमीटर), निचर (10 सेंटीमीटर), शिमला (7 सेंटीमीटर), पूह (6 सेंटीमीटर) और जोट (5 सेंटीमीटर) में बर्फबारी हुई।
मानसून के मौसम के बाद अब इस सीजन की बर्फबारी से पर्यटकों के लिए शिमला, मनाली, कुल्लू और किन्नौर जैसे प्रमुख स्थानों पर वीकेंड ट्रिप्स और छुट्टियां मनाने का अवसर मिला है। हालांकि, बर्फबारी के कारण इन क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है और 356 ट्रांसफॉर्मर फेल हो गए हैं। इसके चलते कई इलाकों में अंधेरा छाया हुआ है और लोगों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य सरकार की तैयारी और बचाव कार्य
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मौसम में बर्फबारी से निपटने के लिए पहले से ही व्यापक तैयारी की थी। राज्य प्रशासन ने हिमाचल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HSDMA) के तहत बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। सोमवार को, 500 से अधिक पर्यटकों को अटल टनल से सुरक्षित निकाला गया और उन्हें राहत दी गई। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता और राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं।
वहीं, राज्य प्रशासन ने अपील की है कि पर्यटक वाहन चलाने से पहले स्थानीय मौसम का पूर्वानुमान और प्रशासन की सलाह जरूर लें। अधिकारियों का कहना है कि बर्फबारी के दौरान विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में ड्राइविंग करना जोखिम भरा हो सकता है और इसे टाला जाना चाहिए।
पर्यटन का बढ़ता आकर्षण
Himachal Pradesh Snowfall के बावजूद, पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। शिमला, मनाली, और अन्य बर्फीले स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता और रोमांटिक माहौल पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। हालांकि बर्फबारी और उसके साथ आने वाली चुनौतियों के बावजूद, यह सुनिश्चित करना कि यात्रा सुरक्षित रहे, प्रशासन और पर्यटकों दोनों की जिम्मेदारी है।
कुल मिलाकर, हिमाचल प्रदेश की बर्फबारी ने जहां एक ओर पर्यटन को आकर्षित किया है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। यह स्थिति हमें यह याद दिलाती है कि किसी भी प्राकृतिक घटना के दौरान हमें सावधान और तैयार रहना चाहिए, ताकि हम अपने अनुभव को सुरक्षित और आनंदमय बना सकें।
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