गुजरात के पोरबंदर एयरपोर्ट पर रविवार, 5 जनवरी को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें भारतीय तट रक्षक (कोस्ट गार्ड) का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में तीन क्रू सदस्य, जिनमें दो पायलट भी शामिल थे, की जान चली गई। यह घटना पोरबंदर के एसपी भागीरथसिंह जडेजा के अनुसार दोपहर 12:10 बजे के आसपास घटी। हेलीकॉप्टर का नाम “Advanced Light Helicopter” (ALH) था, जो एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था।
आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से और समझते हैं कि यह हादसा कैसे हुआ और इससे जुड़ी अहम जानकारी।
गुजरात दुर्घटना का विवरण:
रविवार दोपहर को पोरबंदर के तट रक्षक हवाई अड्डे के पास यह हादसा हुआ। भारतीय तट रक्षक का यह हेलीकॉप्टर नियमित प्रशिक्षण के लिए उड़ान भर रहा था। विमान में कुल तीन क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें दो पायलट और एक अन्य अधिकारी शामिल थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, हेलीकॉप्टर को उड़ान के दौरान तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण यह पोरबंदर एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हेलीकॉप्टर तट रक्षक एयर एन्क्लेव के पास गिरा, जहां इसे एक गंभीर दुर्घटना का सामना करना पड़ा। हेलीकॉप्टर के मलबे से तीनों क्रू सदस्य को बाहर निकाला गया और तत्काल पोरबंदर के एक अस्पताल में भेजा गया। हालांकि, हेलीकॉप्टर में लगी गंभीर जलन और चोटों के कारण तीनों क्रू सदस्य अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी जान गंवा बैठे।
कोस्ट गार्ड के बयान और जांच:
भारतीय तट रक्षक ने दुर्घटना के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें इस हादसे में तीन क्रू सदस्य की मौत की पुष्टि की गई। तट रक्षक अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है और इसकी वजह का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक विस्तृत जांच समिति बनाई गई है, जो तकनीकी खामी, पायलट की गलती, या अन्य किसी कारण पर ध्यान केंद्रित करेगी।
कोस्ट गार्ड ने यह भी कहा कि पायलट और अन्य क्रू सदस्य अत्यधिक अनुभवी थे और उनकी जान गंवाने की खबर पूरी तट रक्षक बिरादरी के लिए एक बड़ा झटका है।
सुरक्षा की चिंता और पिछली दुर्घटना:
यह दुर्घटना तट रक्षक के हेलीकॉप्टरों के लिए एक और झटका है। पिछले साल, सितंबर 2024 में एक और ध्रुव एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH Mk-III) पोरबंदर के पास अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस समय भी हेलीकॉप्टर के पायलट की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद, तट रक्षक ने अपने सभी ALH हेलीकॉप्टरों की एक सुरक्षा निरीक्षण प्रक्रिया शुरू की थी।
कोस्ट गार्ड ने विशेष रूप से हेलीकॉप्टर के उड़ान नियंत्रण प्रणाली और ट्रांसमिशन सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया था ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
ALH हेलीकॉप्टर के बारे में:
भारतीय तट रक्षक के पास कुल 16 ALH हेलीकॉप्टर हैं, जो हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और निर्मित किए गए हैं। ALH हेलीकॉप्टर भारतीय सशस्त्र बलों और तट रक्षक के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो निगरानी, राहत कार्य, खोज और बचाव, और सामरिक मिशनों में इस्तेमाल किया जाता है।
यह हेलीकॉप्टर हल्के, बहुउद्देशीय और उच्च तकनीकी विशेषताओं से लैस है, जो विभिन्न प्रकार के मिशनों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। हालांकि, इस प्रकार की घटनाएं सुरक्षा और विमानन प्रौद्योगिकी के मामलों में गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
तट रक्षक और नागरिकों के लिए सुरक्षा की चुनौतियां:
कोस्ट गार्ड की भूमिका भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा, खोज और बचाव कार्यों में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। तट रक्षक के हेलीकॉप्टरों का उपयोग समुद्र में दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की मदद करने, मछुआरों के बचाव, और समुद्री सुरक्षा के लिए नियमित निगरानी के लिए किया जाता है।
इन हेलीकॉप्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन्हें अक्सर मुश्किल और खतरनाक परिस्थितियों में उड़ाया जाता है। ऐसे में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए तट रक्षक को तकनीकी सुधार, प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
3 thoughts on “गुजरात के पोरबंदर एयरपोर्ट पर कोस्ट गार्ड हेलीकॉप्टर दुर्घटना: तीन क्रू सदस्य की मौत”