Ram Mandir Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठापन की पहली वर्षगांठ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मंदिर सदियों की तपस्या और संघर्ष के बाद अस्तित्व में आया है, और यह हमारे देश की संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक महान धरोहर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “राम लला के अयोध्या में प्रतिष्ठापन की पहली वर्षगांठ पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। यह मंदिर सदियों की बलिदान, तपस्या और संघर्ष के बाद बना है और हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता की महान धरोहर है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य राम मंदिर, एक विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति में एक बड़ी प्रेरणा बनेगा।”
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष से बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर है। मुझे विश्वास है कि यह दिव्य-भव्य राम मंदिर विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में एक… pic.twitter.com/DfgQT1HorT
— Narendra Modi (@narendramodi) January 11, 2025
Ram Mandir Anniversary: भव्य आयोजन की तैयारियां
राम मंदिर के प्रतिष्ठापन की पहली वर्षगांठ पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और जिला प्रशासन द्वारा भव्य आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं। ये आयोजन 13 जनवरी तक जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस विशेष अवसर पर समारोह की शुरुआत करेंगे और ‘अभिषेक’ (धार्मिक अनुष्ठान) करेंगे।
इस अवसर पर राम लला के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया ‘पितांबरी’ वस्त्र भी मंदिर में पेश किया जाएगा। दिल्ली से आए डिजाइनरों की एक टीम ने इस वस्त्र में सोने और चांदी के धागे से जटिल कढ़ाई की है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने पुष्टि की कि यह विशेष वस्त्र शुक्रवार को मंदिर में पहुंच जाएगा।
राम लला का अभिषेक और पंचामृत से स्नान
मुख्य समारोह शनिवार को शुरू होगा, जहां राम लला का पंचामृत और सरयू नदी के पवित्र जल से अभिषेक किया जाएगा। यह वही प्रक्रिया है जो पिछले वर्ष ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के दौरान की गई थी। यह अभिषेक मंदिर के गर्भगृह में राम लला की स्थायी स्थापना की सालगिरह को मनाने के रूप में एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है।
राम मंदिर: आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक स्थल के रूप में नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, धार्मिकता और सभ्यता का प्रतीक बन चुका है। इसके निर्माण में भारतीय समाज की आस्था, समर्पण और संघर्ष की भावना की झलक मिलती है। अयोध्या में स्थित यह मंदिर अब केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आध्यात्मिक केन्द्र बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, राम मंदिर का यह भव्य निर्माण न केवल धार्मिक आस्थाओं को सम्मानित करता है, बल्कि यह भारत के विकास और समृद्धि के संकल्प की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
आध्यात्मिक एकता और राष्ट्रीय गौरव
राम मंदिर का प्रतिष्ठापन भारत की आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं की धरोहर को सहेजने का प्रयास है। इस मंदिर का उद्घाटन और इसके बाद के आयोजन भारत के गौरव को दुनिया भर में प्रदर्शित करने का अवसर देंगे।
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