Earthquake: आज सुबह-सुबह 6:35 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जिसकी तीव्रता 7.1 बताई जा रही है। भूकंप के झटके दिल्ली, बिहार और बंगाल में महसूस किए गए हैं। इसके अलावा चीन में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। जिस कारण 9 लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं इसका असर नेपाल और भूटान सहित सिक्किम और उत्तराखंड में भी देखा गया है। इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
चीन में Earthquake से नौ लोगों की मौत
इस भू Earthquake की तीव्रता 7.1 बताई जा रही है। चीन में यह भू Earthquake बहुत ही तेज था जिस कारण 9 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि घायल होने वाले लोगों की संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल भारत में इस भूकंप के कारण किसी जान माल की हानि की सूचना सामने नहीं आई है।
2024 में चीन में आया था खतरनाक Earthquake
22 जनवरी 2024 में चीन के शिनजियांग में 7.2 की तीव्रता वाला Earthquake आया था। यह भूकंप दक्षिणी शिनजियांग में आया था जिसका केंद्र 22 किलोमीटर नीचे था। जिस कारण कई मकान गिर गई थी और बहुत ही जान माल की हानि हुई थी। इस दौरान लोगों की मौत भी हो गई थी। और इस भूकंप का सबसे ज्यादा असर चीन के उरूम की, कोरला, काशनगर, यिनिंग में हुआ था।
जानिए क्यों आता है Earthquake
पृथ्वी के अंदर मौजूद प्लेटें घूमती रहती हैं। और जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन प्रारंभ हो जाता है। और लगातार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और ज़्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेटें टूटने लगती हैं। जब ये प्लेटें अपनी जगह से धीरे धीरे खिसकने लगती हैं, तो Earthquake के झटके महसूस किए जाते हैं ।
धरती के नीचे मौजूद चट्टानें दबाव की स्थिति में रहती हैं। जब यह दबाव एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो चट्टानें अचानक से टूटने लगती हैं।
हिमालय में हिमखंडों में आइसोस्टेटिक एडजस्टमेंट की एक प्रक्रिया होती है, जिसका एक खास भार पृथ्वी पर पड़ता है। इस भार के कारण भी भूकंप की गति को बढ़ सकती है।
एक्सपर्ट का दावा – आते रहेंगे Earthquake के झटके
भूगोल के एक्सपर्ट डॉ राजेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा यानी दरार देखी गई है। इस भ्रंश रेखा की शुरुआत राजस्थान के पूर्व तट से होती है और धर्मशाला में जाकर मिलती है। इसमें राजस्थान के कुछ मुख्य इलाके जैसे अजमेर, जयपुर और भरतपुर जैसे इलाके शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अरावली पर्वत में पाई गई इस भ्रंश रेखा में हलचल होना प्रारंभ हो गया है। ऐसे में इस प्रकार के Earthquake के झटके महसूस होते ही रहेंगे और भ्रंश रेखा जिन राज्यों से सटा हुआ है उन राज्यों में तेज भूकंप के झटके देखे जाते रहेंगे।
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