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Kawasi Lakhma: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ED ने लिया रिमांड पर, शराब घोटाले में हुई गिरफ्तारी ।

Kawasi Lakhma

छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री Kawasi Lakhma को ED ने रिमांड पर लिया है।

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छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री Kawasi Lakhma को ED ने रिमांड पर लिया है। उन्हें यह रिमांड शराब घोटाला केस में मिली है। बुधवार को वह रायपुर के ED दफ्तर में पूछताछ के लिए पहुंचे थे जहां पर उनकी गिरफ्तारी हुई। रिमांड के बाद ED के वकील ने यह दावा किया कि कवासी लखमा को प्रति माह 2 करोड रुपए मिलते थे।इससे पहले हर महीने लखमा को 50 लाख रुपए की धनराशि मिलती थी। वकील सौरव पांडे ने यह दावा किया कि 2 साल तक कार्रवाई चली। जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड रुपए का है। जिसका इस्तेमाल सुकमा में बेटे हरीश के घर निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में किया गया।

Kawasi Lakhma: अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी से की गई पूछताछ

Kawasi Lakhma: ED के वकील सौरभ पांडे ने जब अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री के पास हर महीने कमीशन पहुंचता थ। वहीं अरविंद सिंह ने यह कहा कि शराब कर्टल से हर महीने लखमा को 50 लाख रुपए पहुचाये जाते थे।
दूसरी और अरुण पति त्रिपाठी का बयान आया कि 50 लाख रुपए के ऊपर भी 1.5 करोड रुपए और दिया जाता था। इस हिसाब से लगभग 2 करोड रुपए पूर्व आबकारी मंत्री को हर महीने कमीशन मिलते थे।

कौन करता था पैसों का अरेंजमेंट

Kawasi Lakhma: आबकारी डिपार्टमेंट में काम करने वाले ऑफिसर इकबाल खान और जयंत देवांगन ने यह बताया कि पैसों का अरेंजमेंट वही करते थे और कवासी को भेजते थे। इसके अलावा यह भी पता चला कि कन्हैया लाल कुर्रे के जरिए पैसों के बैग कलेक्ट किए जाते थे। आपको बता दे कवासी ने अपने बयान में यह स्वयं स्वीकार किया है कि अरुण पति त्रिपाठी साइन करवाता था।

Kawasi Lakhma: सबूत बनाने के बाद हुई गिरफ्तारी

Kawasi Lakhma: लखमा के वकील फैजल रिजवी का कहना है की गिरफ्तारी सबूत बनाने के बाद की गई है। अगर दो करोड रुपए मिलने की बात भी कर रहे हैं तो बताएं कि कवासी के घर से क्या मिला। छापेमारी में कहीं से ₹20000 तक नहीं मिले। अगर कोई जांच में सहयोग कर रहा है पूछताछ के लिए हर बार पहुंच रहा है तो उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं थ। गिरफ्तार करने की मंशा कुछ और लग रही है।

Kawasi Lakhma: कवासी पर क्या आरोप लगा है

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में जांच करने के बाद ED ने ACB में FIR दर्ज किया। इस FIR में 2000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है जांच के दौरान यह पता चला कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेज। आबकारी विभाग के MD अरुण पति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था।

Kawasi Lakhma: घोटाले की कुल रकम कितनी

निदेशालय की ओर से कवासी के खिलाफ एक्शन को लेकर यह कहा गया की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। वही इस घोटाले की रकम 2161 करोड रुपए बताई जा रही है। जांच में यह पता चला है कि लखमा को शराब घोटाले से POC से हर महीने कमीशन की प्राप्ति हो रही थी।

Kawasi Lakhma: ED ने किया खुलासा

28 दिसंबर 2024 को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर पर छापेमारी की थी। टीम रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले पहुंची थी जहां पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकाल कर तलाशी भी ली ग। इसके अलावा कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित और सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश लखमा और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर भी दबिश दी गई थी ।

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