उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बलिया के चितबड़ागांव बासुदेवा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद बयान देकर सुर्खियां बटोरी। महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति स्थापना के लिए आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में उन्होंने हनुमान जी को राजभर समाज से जोड़ते हुए कहा कि पातालपुरी से भगवान राम और लक्ष्मण को बचाने की हिम्मत केवल राजभर समाज में जन्मे हनुमान जी ने दिखाई।
मंच से दिया बयान
ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “जब राम-लक्ष्मण को अहिरावण पातालपुरी ले गया था, तब उन्हें बचाने की हिम्मत किसी ने नहीं की। उस समय केवल राजभर समाज में जन्मे हनुमान जी ने उन्हें पातालपुरी से बाहर निकाला।” उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी के इस साहस का उदाहरण आज भी गांवों में बच्चों की कहावतों में मिलता है, जहां उन्हें “भरबानर” कहा जाता है।
कार्यक्रम में चंदा देने की अपील
मंत्री राजभर ने महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति स्थापना के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग करने की अपील की। उन्होंने मंच से कहा, “मूर्ति स्थापना का काम शुरू हो चुका है। जो 50 रुपए या उससे अधिक दान दे सकते हैं, वे हाथ ऊपर उठाएं। मैं यहां इतिहास को याद करने और गरीबों के लिए मकान, पीने का पानी और मुफ्त बिजली देने का वादा करने आया हूं।”
विवाद और चर्चा
उनके इस बयान पर राजनीतिक गलियारों और जनता के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं हो रही हैं। कुछ लोगों ने इसे सामाजिक समूहों को जोड़ने की कोशिश बताया, जबकि अन्य इसे ऐतिहासिक तथ्यों से परे और विवादित करार दे रहे हैं।
मूर्ति स्थापना का उद्देश्य
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति स्थापना को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य समाज के गौरवशाली इतिहास को याद करना और नई पीढ़ी को इसके प्रति जागरूक करना है।मंत्री ओमप्रकाश राजभर का यह बयान न केवल चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में बहस भी छेड़ चुका है। उनकी इस पहल और बयान का क्या असर होगा, यह देखना बाकी है, लेकिन इतना निश्चित है कि यह लंबे समय तक चर्चा में बना रहेगा।
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