अशोक तंवर ने Hariyana vidhansabha chunav 2024 से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी की है। जानें उनके इस फैसले के पीछे की वजह और इसका चुनावी समीकरण पर क्या असर पड़ेगा।
Hariyana vidhansabha chunav 2024: अशोक तंवर ने भाजपा छोड़ी, कांग्रेस में की वापसी
Hariyana vidhansabha chunav 2024 के दौरान भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक तंवर ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए हैं। महेंद्रगढ़ में आयोजित एक चुनावी सभा में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में तंवर ने कांग्रेस का दामन थामा। इसके अलावा, इस मौके पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे।
कांग्रेस में वापसी की आधिकारिक घोषणा
महेंद्रगढ़ में कांग्रेस की रैली के दौरान, अशोक तंवर ने कांग्रेस में लौटने की घोषणा की। उन्होंने राहुल गांधी को प्रणाम किया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर भी हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर यह खबर साझा करते हुए लिखा कि तंवर का कांग्रेस में वापस आना दलित समुदाय की हक की लड़ाई को और मजबूत करेगा। इसके साथ ही, कांग्रेस ने तंवर का पुनः स्वागत किया और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
Hariyana vidhansabha chunav 2024: अचानक आया राजनीतिक बदलाव
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस में शामिल होने से ठीक कुछ घंटे पहले, अशोक तंवर भाजपा के लिए प्रचार कर रहे थे। उन्होंने जींद के सफीदों में भाजपा उम्मीदवार रामकुमार गौतम के समर्थन में रैली को संबोधित किया था। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर भाजपा के लिए समर्थन जुटाने की अपील की। उन्होंने दावा किया था कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनेगी। हालांकि, इसके कुछ ही घंटे बाद तंवर ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी कर ली, जिससे भाजपा को एक बड़ा झटका लगा।
इसके पहले, अशोक तंवर ने इस साल जनवरी में भाजपा का दामन थामा था। लेकिन अब, केवल आठ महीने बाद, उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली है।
2019 में छोड़ी थी कांग्रेस
2019 में, अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने टिकट आवंटन में अनदेखी का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली। इसके बाद, वे तृणमूल कांग्रेस (TMC) और आम आदमी पार्टी (AAP) में भी शामिल हुए। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, उन्होंने भाजपा का दामन थामा और सिरसा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कुमारी सैलजा से हार का सामना करना पड़ा।
Hariyana vidhansabha chunav 2024: अशोक तंवर की राजनीतिक यात्रा
अशोक तंवर का राजनीतिक करियर काफी प्रभावशाली रहा है। वे हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 में सिरसा से सांसद बने थे। इसके साथ ही, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले तंवर भारतीय युवा कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने। तंवर ने अपने कार्यकाल में दलित समुदाय के बीच अपनी पहचान बनाई, लेकिन बाद में कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने कई राजनीतिक दलों का हिस्सा बने रहे।
भाजपा के लिए बड़ा झटका
अशोक तंवर का कांग्रेस में लौटना भाजपा के लिए चुनावी समय में एक बड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर जब हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कुछ ही दिन दूर है। यह दलबदल भाजपा की चुनावी रणनीति पर गंभीर असर डाल सकता है। शनिवार, 5 अक्टूबर को हरियाणा में मतदान होना है, और तंवर का कांग्रेस में इस समय लौटना भाजपा के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी से पार्टी को दलित समुदाय का समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा, कांग्रेस ने तंवर की वापसी को अपनी लड़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है। दूसरी ओर, भाजपा के लिए यह एक गंभीर झटका है, खासकर तब जब तंवर पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
अंततः, हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों पर यह घटनाक्रम कैसा असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी।
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