Z-Morh टनल के ज़रिये भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में एक नया कदम उठाया जारहा है। 2012 में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने इस परियोजना का सुभारम्भ किया था जिसका उद्घाटन 2025 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया है। सोमवार को जम्मू -कश्मीर के गांदरबल जिले में टनल का उद्घाटन किया गया। कहा जा रहा है की ये टनल लद्दाख को सालभर सड़क मार्ग से जोड़ने के उद्देश्य से तैयार की गई है , जो देश के पॉलिटकल कनेक्टिविटी और ट्रोसैसम की डेवलपमेंट का महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सर्दियों में भरी स्नोफॉल की वजह से वो हर साल पूरी तरह बंद हो जाती थी।
Z-Morh टनल परियोजना देश की इंजीनियरिंग कौशल और प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपयोग का बेहतरीन उदाहरण है। इसके उद्घाटन के साथ, कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच पूरे साल यातायात बना रहेगा, जो इन क्षेत्रों में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को नई ऊंचाई देगा। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यटकों को भी सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
Z-Morh टनल: एक आधुनिक सुरंग का परिचय
करीब 12 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में कई अनूठी विशेषताएं हैं। सुरंग की मुख्य लंबाई 6.4 किलोमीटर है, जिसमें एक मुख्य सुरंग और एक निकास सुरंग शामिल है। इस परियोजना की कुल लागत 2,700 करोड़ रुपये से अधिक है। यह समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे एक तकनीकी चमत्कार बनाता है।
यह सुरंग लद्दाख को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। सोनमर्ग, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, अब पूरे वर्ष खुला रहेगा। यह सुरंग सोनमर्ग को गगनगीर से जोड़ती है और सर्दियों में भारी बर्फबारी के दौरान भी सड़क मार्ग खुला रखने में मदद करेगी।
कनेक्टिविटी और पर्यटन के लिए वरदान
Z-Morh सुरंग के निर्माण से पर्यटन उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा। पहले सोनमर्ग क्षेत्र सर्दियों के दौरान बर्फबारी से कट जाता था, जिससे स्थानीय व्यवसाय ठप हो जाते थे। अब, हर मौसम में सड़क संपर्क से क्षेत्र का सर्दियों का पर्यटन भी फल-फूल सकेगा।
इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। इस सुरंग के जरिए ट्रैफिक और माल परिवहन भी सुगम हो जाएगा, जो कश्मीर और लद्दाख के व्यापारिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की अनूठी विशेषता
Z-Morh टनल केवल एक साधारण सुरंग नहीं है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक से लैस है। इसमें इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) का उपयोग किया गया है, जो यातायात को नियंत्रित और सुरक्षित बनाएगा। यह प्रणाली वाहनों की गति, ट्रैफिक की भीड़ और किसी भी संभावित दुर्घटना के बारे में तुरंत सूचना देती है।
इसके अतिरिक्त, सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक डेडिकेटेड एस्केप टनल भी बनाई गई है, जो आपात स्थितियों में उपयोग की जाएगी। इससे यात्रियों की सुरक्षा और आपातकालीन निकासी के लिए बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। परियोजना के निर्माण में पर्यावरणीय संतुलन का भी ध्यान रखा गया है। सुरंग के निर्माण के दौरान निकाले गए मलबे का उपयोग सड़क किनारे की सुविधाओं और क्षेत्रीय विकास के लिए किया गया है।
रक्षा और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण
Z-Morh टनल केवल यातायात और पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लद्दाख क्षेत्र भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इस सुरंग के खुलने से सेना और अन्य सुरक्षा बलों की आवाजाही सुगम होगी।
प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। खासतौर पर पुंछ जिले, जो भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास है, में सुरक्षा बलों ने कड़ी निगरानी रखी। यहां हाल के दिनों में कई आतंकवादी गतिविधियां दर्ज की गई हैं, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था। मुख्य मार्गों पर विशेष नाके लगाए गए थे और वाहनों की गहन जांच की गई।
एक और मील का पत्थर
Z-Morh टनल के उद्घाटन के साथ भारत ने सुरंग निर्माण और सड़क संपर्क परियोजनाओं में अपनी क्षमता का एक और सबूत पेश किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशभर में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। यह सुरंग केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि विकास, सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है।
इस परियोजना से न केवल लद्दाख और कश्मीर के निवासियों को फायदा होगा, बल्कि यह भारत के पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, “यह सुरंग हमारी विकास यात्रा में एक और मील का पत्थर है। इससे क्षेत्रीय संतुलन को बढ़ावा मिलेगा और हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।”
निष्कर्ष
Z-Morh टनल के उद्घाटन से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में यातायात और पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत हुई है। यह सुरंग न केवल कश्मीर घाटी के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी कि कैसे अत्याधुनिक तकनीक और ठोस योजना से विकास के सपनों को साकार किया जा सकता है।
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