Reciprocal Tariff: विश्व में सबसे बड़े ट्रेड वॉर का शंखनाद बज चुका है और इस बीच बुधवार को अमेरिका में संसद को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने को लेकर बड़ी बात कह दी। उन्होंने अपने संबोधन में दो बार भारत का नाम लिया और कहा कि चीन, मैक्सिको और कनाडा के साथ भारत भी अमेरिका पर टैरिफ लगाता है, जो ठीक नहीं है। आधिकारिक रूप से टैरिफ लागू करने की तारीख भी तय हो चुकी है, जो 2 अप्रैल 2025 है। ट्रंप बार-बार रिसिप्रोकल टैरिफ की बात करते हैं जिससे दुनिया में हलचल मच चुकी है। आईए जानते हैं क्या होता है रिसिप्रोकल टैरिफ?
स्पीच में भारत को लेकर ट्रंप ने क्या कहा
Reciprocal Tariff के बारे में विस्तार से बताने से पहले आपको यह बताते चलें कि कल डोनाल्ड ट्रंप ने संबोधन के दौरान अपनी स्पीच में क्या-क्या कहा? जो भारत से संबंधित था। आपको बता दे ट्रंप ने अपनी स्पीच में भारत का जिक्र दो बार किया। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत हम पर 100 फ़ीसदी टैरिफ लगता है। जो की ठीक नहीं है। उन्होंने टैरिफ की औपचारिक घोषणा करते हुए यह भी कहा कि अब जो भी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएगा हम भी उस पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे। साथ ही अमेरिका ने उन देशों के नाम भी गिनाये है जो अमेरिका पर टैरिफ लगाते हैं और कहा कि औसतन यूरोपीय यूनियन, चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा हम पर भारी मात्रा में टैरिफ लगाते हैं। क्या आपने उनके बारे में सुना है? और भी देश हमसे ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं जितना हम उनसे वसूलते होते हैं उसकी तुलना में, ये ठीक नहीं है।
2 अप्रैल की तारीख तय
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी स्पीच में कहा “अमेरिका पर टैरिफ लगाने वाले देशों पर 2 अप्रैल 2025 से अमेरिका भी उतना ही टैरिफ लगाएगा। न ही कम और ना ही ज्यादा। आगे उन्होंने कहा हमारा प्लान पहले Reciprocal Tariff को 1 अप्रैल से लागू करने का था। लेकिन मैं यह बिल्कुल नहीं चाहता इसे एक अप्रैल फूल डे से जोड़कर लोगों को आलोचना करने का अवसर दिया जाए।” ट्रंप ने कहा कि अगर आप अमेरिका में उतना उत्पादन नहीं बना पाते हैं तो आपको टैरिफ देना होगा और कुछ मामलों में बड़ी मात्रा में टैरिफ लागू किया जाएगा।
इस फैसले से US को होगा फायदा
ट्रम्प ने कहां की कई सारे ऐसे देश हैं जो दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल करते आ रहे हैं और अब हम भी उनके साथ वैसा ही करेंगे। उन्होंने सख्ती दिखते हुए कहा कि अगर यह देश हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए नों-मॉनेट्री टैरिफ लगाते हैं तो हम भी अपने बाजार से उन्हें बाहर रखने के लिए उनकी ही नीति अपनाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार इस कदम को उठाने से अमेरिका को खरबो डॉलर का प्रोडक्शन करने में सहायता मिलेगी और रोजगार भी बढ़ेगा।
जानिए क्या है Reciprocal Tariff ?
यदि विश्व में ट्रेड वॉर शुरू हो चुका है तो इस बीच यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर जिस Reciprocal Tariff या पारस्परिक टैरिफ क्या है जिस पर ट्रम्प इतना जोर दे रहे हैं वह आखिर क्या है? आपको बता दे टैरिफ उन करो यानी टैक्सेस को कहा जाता है जो किसी देश द्वारा दूसरे देश से आयातित वस्तुओं पर लगाए जाते हैं। यानी जो देश अमेरिकी समान पर जितना ज्यादा टैक्स लगाएगा। अमेरिका भी उस देश के समान पर उठाना ही टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान रिसिप्रोकल टैरिफ का जिक्र किया था और कहा था “जैसे को तैसा”, एक टैरिफ के बदले दूसरा टैरिफ, वही सटीक अमाउंट।
उदाहरण से समझे
Reciprocal Tariff को सरल भाषा में “जैसे को तैसा” नीति भी कहा जाता है। इसे एक अच्छे उदाहरण से समझते हैं… अगर कोई देश अमरीकी उत्पादन पर 10 फ़ीसदी आयात शुल्क लगाता है तो अमेरिका भी उस देश से आने वाले आयातित सामान पर 10 फ़ीसदी का ही टैरिफ लगाने वाला है। आपको बता दे टैरिफ की सहायता से सरकारों की आय में बढ़ोतरी होती है और इसके जरिए डोमेस्टिक प्रोडक्शन को भी बढ़ावा मिलता है। Reciprocal Tariff व्यापार में समानता के उद्देश्य से लागू किया जाता है। लेकिन इसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं जो सीधे देश की आर्थिक स्तिथि को अपना निशाना बनाते हैं।