
भारत ने पहली बार S-400 Air Defence System किया इस्तेमाल, पाकिस्तान की साजिश नाकाम
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने पहली बार S-400 air defence system का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान द्वारा किए गए एक बड़े हवाई हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों में स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, जिसे भारतीय वायुसेना ने S-400 missile system के ज़रिए विफल कर दिया।
क्या है S-400 Air Defence System?
S-400 Triumph, रूस द्वारा विकसित एक आधुनिक और शक्तिशाली air defence system है, जिसे रूस की Almaz-Antey कंपनी ने बनाया है। इसे दुनिया के सबसे घातक missile defence systems में से एक माना जाता है। यह सिस्टम एक साथ कई हवाई खतरों जैसे fighter jets, drones, cruise missiles, और यहां तक कि ballistic missiles को भी ट्रैक कर उन्हें नष्ट कर सकता है।
इस सिस्टम को भारत में ‘S-400 सुदर्शन चक्र’ नाम दिया गया है। यह नाम भगवान विष्णु के पौराणिक सुदर्शन चक्र से प्रेरित है, जो तेज, सटीक और अजेय माना जाता है। जैसे सुदर्शन चक्र न्याय और सुरक्षा का प्रतीक है, वैसे ही S-400 को आधुनिक भारत की रक्षा के लिए एक अपराजेय शस्त्र माना जा रहा है।
कितनी दूरी तक कर सकता है हमला?
S-400 range की बात करें तो यह सिस्टम 400 किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद हवाई खतरों को मार गिरा सकता है। इसका रडार सिस्टम 600 किलोमीटर दूर तक किसी भी उड़ती हुई वस्तु को पहचान सकता है। यह सिस्टम एक साथ 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और उनमें से 36 पर एकसाथ निशाना साध सकता है।
कैसे करता है काम?
S-400 एक बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली है। इसमें अलग-अलग रेंज की मिसाइलें होती हैं – 40km, 120km, 250km और 400km – जो विभिन्न प्रकार के खतरों पर अलग-अलग दूरी से हमला कर सकती हैं। जब दुश्मन का कोई विमान या मिसाइल भारतीय सीमा में प्रवेश करता है, तो S-400 का रडार उसे तुरंत पहचान लेता है और संबंधित मिसाइल प्रणाली को सक्रिय कर देता है।
यह सिस्टम बेहद तेज है और किसी भी खतरे को कुछ ही सेकंड में नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह एक पल में निर्णय ले सके और लक्ष्य को चूकने का कोई मौका न छोड़े।
पाकिस्तान की साजिश कैसे हुई नाकाम?
पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के 15 शहरों में सैन्य ठिकानों पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने समय रहते इस साजिश की जानकारी वायुसेना को दी और Indian Air Force ने S-400 प्रणाली को सक्रिय कर दिया। इससे पहले कि कोई भी मिसाइल या ड्रोन भारतीय सीमा में गहराई तक घुस पाता, S-400 ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया।
भारत और रूस के बीच S-400 डील
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 billion USD का एक बड़ा समझौता किया था, जिसके तहत भारत को S-400 की पांच रेजिमेंट मिलनी थीं। इनकी डिलीवरी 2021 के अंत में शुरू हुई और अब तक अधिकांश यूनिट भारत को मिल चुकी हैं। यह डील अमेरिका की आपत्तियों के बावजूद पूरी की गई थी, क्योंकि यह भारत की सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद अहम थी।
भारत के लिए क्यों जरूरी है S-400?
भारत की भौगोलिक स्थिति और चीन-पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों को देखते हुए देश को एक मजबूत air defence shield की आवश्यकता है। S-400 सिस्टम भारत को दुश्मनों के aerial threats से सुरक्षित रखने में सक्षम है। खासकर अब जबकि ड्रोन और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसे खतरों की संभावना बढ़ रही है, ऐसे में यह प्रणाली भारतीय वायुसेना को एक अत्याधुनिक और बहुस्तरीय सुरक्षा कवच प्रदान करती है।
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