पार्टी ने मुझे टिकट दिया था, लेकिन मैंने उसे लौटा दिया है। पार्टी मुझे फंड नहीं दे पा रही। मैंने प्रचार में पूरी ताकत लगाई। लोगों से मदद लेने की कोशिश की, हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। मैंने लीडरशिप से फंड के लिए अपील की थी। जवाब मिला कि मैं खुद अपने लिए रिसोर्स जुटाऊं। बिना फंड के प्रचार करना मुमकिन नहीं है। इसलिए मैंने टिकट वापस कर दिया।
ओडिशा की पुरी सीट से कांग्रेस कैंडिडेट सुचरिता मोहंती ने 3 मई की रात करीब सवा 10 बजे पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को मेल किया, इसमें लिखा कि मैं चुनाव नहीं लड़ पाऊंगी। इसके बाद पार्टी ने उनकी जगह जय नारायण पटनायक को टिकट दे दिया। पुरी में 25 मई को वोटिंग है। ऐसे में नए कैंडिडेट को प्रचार के लिए सिर्फ 20 दिन मिलेंगे।
इस सीट से BJP ने संबित पात्रा को लगातार दूसरी बार टिकट दिया है। बीजू जनता दल की ओर से मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे अरुप पटनायक चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस की पिछली कैंडिडेट सुचरिता के पिता ब्रजमोहन मोहंती कांग्रेस के बड़े नेता थे। ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। एक्सपर्ट मान रहे थे कि सुचरिता के चुनाव लड़ने से BJP को नुकसान हो सकता है।
BJD बोली- संबित पात्रा बाहरी, हारने के बाद दिल्ली चले गए थे
ओडिशा में BJD के एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर गौरव पात्रा कहते हैं, ‘पुरी जिला BJD का गढ़ है। पिछली बार संबित पात्रा आए थे तो लोग उन्हें पहचान भी नहीं रहे थे। वे ढोंगी हैं, जितनी बात करते हैं, उतना काम नहीं करते।’
वे आगे कहते हैं, ‘जगन्नाथ मंदिर में कॉरिडोर बन रहा था, तब पात्रा उसका विरोध कर रहे थे। कह रहे थे कि ये पुराना मंदिर है, इसमें तोड़फोड़ ठीक नहीं। उन्हें लग रहा था कि मंदिर तो BJP का मुद्दा है। अगर BJD जगन्नाथ मंदिर में काम कराएगी, तो BJP के हाथ से मुद्दा चला जाएगा।’
स्थानीय बनाम बाहरी के सवाल पर गौरव कहते हैं, ‘संबित पात्रा हमारे जिले के नहीं हैं। पिछली बार वे आए। हार गए तो दिल्ली चले गए। अब फिर 6 महीने से आना-जाना बढ़ा दिया है। पुरी के लोगों ने थोड़े वोट नहीं दिए थे, वे बहुत कम वोटों से हारे थे। उन्हें पुरी की पॉलिटिक्स करनी थी, तो यहां रहना चाहिए था।
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