एक 20 वर्षीय चिकित्सा आकांक्षी का शव कोटा में उसके कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया।
नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) परीक्षा को क्रैक करने के अपने तीसरे प्रयास से कुछ दिन पहले एक 20 वर्षीय मेडिकल उम्मीदवार अपने कमरे में लटका हुआ पाया गया था। घटनास्थल पर मिले एक नोट में लिखा थाः “सॉरी पापा, मैं इस साल भी ऐसा नहीं कर सका।”
छात्र की पहचान भरत कुमार राजपूत के रूप में हुई है, जो राजस्थान का रहने वाला था। मंगलवार की सुबह वह छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। पिछले 48 घंटों में कोटा में आत्महत्या का यह दूसरा संदिग्ध मामला है।
राजपूत ने पहले दो बार एन.ई.ई.टी. परीक्षा दी थी और 5 मई को तीसरी बार उपस्थित होने वाले थे।
वह राजीव गांधी नगर इलाके में पेइंग गेस्ट के रूप में रह रहा था और पिछले एक साल से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने कहा कि उसका भतीजा रोहित उसके साथ कमरा साझा करता था और नीट परीक्षा की तैयारी भी कर रहा था।
मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे रोहित कुछ देर के लिए कमरे से बाहर चला गया। लौटने के बाद उन्हें अपने चाचा का मृत शरीर मिला।
जवाहर नगर के सब इंस्पेक्टर गोपाल सिंह ने बताया कि सुबह करीब 11.15 बजे जब रोहित लौटा तो उसने देखा कि कमरा अंदर से बंद था, इसलिए उसने एक खिड़की से झाँककर देखा कि भरत छत के पंखे से चादर के साथ लटका हुआ था।
पुलिस ने कमरे से एक नोट बरामद किया, जिसमें लिखा था, ‘सॉरी पापा, मैं साल भी नहीं कर सकता’ (सॉरी पापा, मैं इस साल भी ऐसा नहीं कर सका)
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि उसके तीसरे प्रयास में खराब प्रदर्शन के दबाव ने राजपूत को ऐसा कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया होगा।
शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल की शव-गृह में भेज दिया गया है।
यह घटना हरियाणा के एक अन्य नीट उम्मीदवार सुमित पांचाल की हाल ही में आत्महत्या के बाद की है।