IND vs PAK Hockey: भारत की जूनियर हॉकी टीम ने बुधवार को पाकिस्तान को 5-3 से हराकर पुरुष जूनियर एशिया कप 2024 का खिताब अपने नाम किया। यह भारत की इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पांचवीं जीत थी, और भारतीय टीम ने यह जीत एक ऐतिहासिक हैट्रिक की तरह हासिल की है। इससे पहले भारत ने 2004, 2008, 2015, और 2023 में भी इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था। इस शानदार जीत में भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी अरिजीत सिंह हुंदल ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और कुल चार गोल दागे, जिनमें तीन पेनाल्टी कॉर्नर गोल शामिल थे। यह जीत भारतीय हॉकी की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सामने आई है, और यह भी साबित करता है कि भारतीय हॉकी टीम अब विश्व स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।
FULL-TIME! 🏑🔥
Team India reigns supreme as the Men’s Junior Asia Cup 2024 champions! 💪A stellar performance with Araijeet Singh Hundal stealing the show. 👏
The trophy comes home!
What a moment for Indian hockey! 🇮🇳🏆India 🇮🇳 5-3 Pakistan 🇵🇰
Hannan Shahid 3’…— Hockey India (@TheHockeyIndia) December 4, 2024
भारत की जीत की अहमियत
भारत की इस जीत को सिर्फ एक टूर्नामेंट की जीत नहीं माना जा सकता। यह इस बात का संकेत है कि भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में जो सुधार किया है, वह अब परिणामों के रूप में दिखने लगा है। इस खिताबी जीत के साथ ही भारत ने अपनी जूनियर हॉकी की शक्ति को साबित किया है। खासकर जब से भारतीय टीम के कोच पीआर श्रीजेश ने अपनी जिम्मेदारी संभाली है, तब से भारतीय हॉकी में काफी सुधार देखने को मिला है। श्रीजेश के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने अपनी रणनीति और खेल को और अधिक मजबूत किया है।
अरिजीत सिंह हुंदल का शानदार प्रदर्शन
भारतीय टीम की जीत में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी थे अरिजीत सिंह हुंदल। उन्होंने इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में एक शानदार हैट्रिक बनाई और भारतीय टीम को जीत दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई। हुंदल ने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ चार गोल किए, जिनमें तीन पेनाल्टी कॉर्नर गोल और एक मैदानी गोल शामिल था। हुंदल की आक्रामक और सटीक ड्रैग फ्लिक ने पाकिस्तान के गोलकीपर को बार-बार चकमा दिया और भारतीय टीम को बढ़त दिलाई।
पाकिस्तान के खिलाफ उनके गोल न केवल तकनीकी रूप से सही थे, बल्कि दबाव में किए गए थे, जो उनके मानसिक दृढ़ता को भी दर्शाते हैं। उन्होंने चौथे, 18वें और 54वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर गोल किए और 47वें मिनट में एक मैदानी गोल भी किया। यह प्रदर्शन भारतीय हॉकी के भविष्य के लिए एक बहुत सकारात्मक संकेत है।
भारत-पाकिस्तान के बीच रोमांचक मुकाबला
भारत और पाकिस्तान के बीच की प्रतिस्पर्धा हमेशा से ही बेहद रोमांचक और तनावपूर्ण होती है, और इस मैच में भी कुछ अलग नहीं था। पहले क्वार्टर में पाकिस्तान ने जल्दी ही बढ़त बनाई। हन्नान शाहिद ने तीसरे मिनट में मैदानी गोल कर पाकिस्तान को 1-0 की बढ़त दिलाई। हालांकि, एक मिनट बाद ही भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, और अरिजीत सिंह हुंदल ने इसे गोल में बदलकर स्कोर 1-1 कर दिया।
इसके बाद भारत ने दूसरे क्वार्टर में जोरदार प्रदर्शन किया। 18वें मिनट में एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिलने पर हुंदल ने गोल कर भारत को 2-1 की बढ़त दिलाई। एक मिनट बाद ही दिलराज सिंह ने एक शानदार गोल करके भारत को 3-1 की बढ़त दिलाई। हालांकि, पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया और 29वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर सूफियान खान ने गोल कर स्कोर 3-2 किया। इस प्रकार, मध्यांतर तक भारत ने 3-2 की बढ़त बनाई थी।
IND vs PAK Hockey: तीसरे और चौथे क्वार्टर में संघर्ष
मध्यांतर के बाद पाकिस्तान ने अपनी स्थिति सुधारने के लिए लगातार हमले किए। 39वें मिनट में एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे सूफियान खान ने गोल में बदलकर पाकिस्तान को 3-3 की बराबरी दिलाई। अब मैच रोमांचक मोड़ पर था और दोनों टीमें जीत के लिए पूरी ताकत लगा रही थीं।
लेकिन चौथे क्वार्टर में भारतीय टीम ने अपने खेल का असली जादू दिखाया। 47वें मिनट में भारत को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन पाकिस्तानी गोलकीपर मोहम्मद जंजुआ ने इसे बचा लिया। इसके बाद, कुछ ही सेकंडों में हुंदल ने बाएं छोर से मिले क्रास पर गोल कर भारत को 4-3 की बढ़त दिलाई। इसके बाद, भारतीय टीम ने पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखा और 54वें मिनट में हुंदल ने एक और गोल कर भारत की 5-3 की जीत पक्की कर दी।
भारत की जीत का महत्व
इस जीत का महत्व सिर्फ एशिया कप के खिताब तक सीमित नहीं है। यह जीत भारतीय हॉकी के विकास को और गति देती है। टीम ने यह साबित किया कि उसके पास विश्व स्तर के खिलाड़ी और कोचिंग दोनों ही हैं। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत की और भविष्य में भी इन दोनों टीमों के बीच की प्रतियोगिता को और रोमांचक बनाने की उम्मीद जताई।
भारत की यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि यह पीआर श्रीजेश के कोच बनने के बाद पहली बार हुआ है कि भारतीय टीम ने कोई खिताब जीता है। श्रीजेश के मार्गदर्शन में टीम ने न केवल तकनीकी रूप से बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि मानसिक दृढ़ता और टीमवर्क के साथ भी मैच जीते।
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