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भारत-मॉरिशस संबंधों की नई उड़ान-अगालेगा हवाईपट्टी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मॉरीशस प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने गुरुवार को मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर छह सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके साथ ही नई हवाई पट्टी(एयरस्ट्रिप) और सेंट जेम्स जेट्टी का भी संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।

अगालेगा हवाई पट्टी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से किया बहुप्रतीक्षित अगालेगा हवाई पट्टी और एक जेटी लॉन्च। अगालेगा हवाई पट्टी और जेटी, दोनों ही भारत और मॉरीशस को न केवल समुद्री क्षेत्र में और अधिक जागरूक करेंगे बल्कि भारतीय नौसेना के जंगी जहाज़ों के समुद्री मिशन के संचालन में भी सहायक होंगे।

जुगनौथ ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कहा, “हम आज एक नई हवाई पट्टी, एक नई जेटी और कई अन्य विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ अगालेगा द्वीप पर इतिहास बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह आयोजन मॉरीशस और भारत के बीच उल्लेखनीय और अनुकरणीय साझेदारी के लिए एक महान क्षण है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “पिछले 6 महीनों में प्रधान मंत्री जुगनाथ के साथ यह मेरी 5वीं बैठक है। यह भारत और मॉरीशस की मजबूत, जीवंत और अनूठी साझेदारी का प्रमाण है। मॉरीशस हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मॉरीशस हमारे दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। महासागर।”

इस नई हवाई पट्टी में बोइंग पी-8आई मल्टीमिशन हवाई जहाज को लैंड कराने की क्षमता है। वहीं जेटी भारतीय नौसेना के डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट को डॉक कराने में सक्षम है।

हवाई पट्टी 3 किलो मीटर लंबी है और हैवी लिफ्ट सी-17, मीडियम लिफ्ट आईएल-17, और सी-30 हरक्यूलिस को भी संभाल सकती है।

माना जा रहा है कि भारतीय नौसेना के करीब 50 अधिकारी और कर्मचारी इस रणनीतिक द्वीप पर मौजूद हैं और दोनों देश समुद्री क्षेत्र में अपनी साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। यह संबंध ऐसे समय में अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब मालदीव सरकार का रूख भारत विरोधी और चीन समर्थित है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में चीन हिंद महासागर में अधिक सक्रिय रहा है जो भारत के लिए चिंता का विषय है। बहुत सारे साक्ष्य यह कन्फर्म करते हैं कि चाइना के सर्विलांस, रिसर्च और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज क्षेत्र में अक्सर देखें गए हैं।

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