
इन गलतियों की वजह से हो सकती है PCOS और PCOD: जानिए उपाए ।
आजकल की महिलाओं की लाइफ स्टाइल इतनी बिजी हो गई है की उनको अपने खान-पान का ध्यान नहीं रहता
जिसके कारण वह बहुत सारी परेशानियों से जूझ रही होती है।
आजकल की महिलाओं और लड़कियों में पीसीओडी और PCOS की समस्या काफी नज़र आ रही है। जिसके वजह से उनको कई तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार पीसीओडी और PCOS गंभीर समस्या बन सकती है। अब सोचने वाली यह है कि क्या लाइफस्टाइल बदलने से और खान-पान पर ध्यान देने से क्या पीसीओडी और PCOS जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है या नहीं?
पीसीओडी क्या होता है
आजकल बिजी लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी की वजह से दस में से सात महिलाएं पीसीओडी से जूझ रही है। कई महिलाओं को पीसीओडी और pcos में फर्क तक नहीं पता हालांकि यह दोनों हार्मोनल दिक्कतें हैं पर pcos ज्यादा गंभीर मानी जाती है।
यह दोनों ही समस्या महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस के कारण होती है , पीसीओडी जिससे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज भी कहा जाता है , यह एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जो महिलाओं में होने वाली समस्या है। ये महिलाओं की ओवरसीज को प्रभावित करती है। इस समस्या में महिलाओं को पीरियड्स टाइम पर नहीं आते है, जिसके चलते उनको आगे जाकर बंजपन का सामना करना पड़ सकता है .
पीसीओडी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होता है शरीर में प्रजनन हार्मोन के संतुलन से पैदा होने वाली मेडिकल कंडीशन को कहते हैं PCOS , इसमें महिलाओं की ओवरसीज में सिस्ट भी हो जाता है । पस के चलते अंडरशय आमतौर पर बड़ा हो जाता है और इसमें हाइड्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचता है।
पीसीओडी के करण
aur ज्यादातर खराब लाइफस्टाइल की वजह से होता है । जंक फूड, जरूर से ज्यादा खाना खाना, तनाव में होना या हार्मोनल में गड़बड़ी होना यह सभी पीसीओडी के कारण बन सकते हैं। हालांकि सही खानपान व्यायाम से इसको ठीक किया जा सकता है
पीसीओडी के लक्षण
इसमें महिलाओं को पेट दर्द का बाल झड़ने के साथ- साथ पेट और जान के बीच में कालापन उभरना मुंहासे या चेहरे पर बाल आना शामिल है. आजकल दुनिया भर में 10 में से 8 महिलाएं इस परेशानी से जूझ रही है. पीसीओडी एक मेडिकल कंडीशन है जिसे पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहते है ।
Pcos Kya hota Hai
Pcos मैं मासिक चक्र असंतुलित हो जाता । पीसीओडी एक मेडिकल कंडीशन है जिसे पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहते है ।
pcos में पीड़ित महिलाओं के ऑफिस में सिस्ट हो जाता है लेकिन हार्मोनल असंतुलन इसमें चिंता का बड़ा विषय हो जाता है इससे एक तरीके का मेटाबॉलिक सिंड्रोम भी कहा जा सकता है .
Pcos के लक्षण
डॉ नीमा शर्मा का कहना है कि, pcos से पीड़ित महिलाओं को व्यायाम करना चाहिए , सिर्फ उन्हीं को नहीं बल्कि सभी औरतों को करना चाहिए चाहे वह इन बीमारियों से पीड़ित हो चाहे ना हो.
यह चीज करने से pcod और pcos से बचा जा सकता है
- योगाभ्यास : रोजाना योग करने से सभी बीमारियों से लंबे समय तक बचा जा सकता है चाहे वह कितनी भी गंभीर क्यों ना हो.
- आयुर्वेदिक चीज अपनाये : आयुर्वेदिक और हर्बल जड़ी बूटियां का सहारा ले
- खान पान : pcod और pcos जैसी बीमारियों में खानपान की बड़ी भूमिका है , बाहर का जंक फूड खाने से बच्चे मैदा खाने से बचा और हरी सब्जियों और फल फ्रूट ज्यादा खाएं।
पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं में एक प्रकार का इन्फ्लेमेशन होता है जो ओवरसीज को एंड्रोजेंस बनाने के लिए उत्पन्न होता है , इसीलिए अपने भोजन में हरी सब्जियों में वह फल , चेरी ब्लूबेरी स्ट्रॉबेरी जैसे एंट्री इन्फ्लेमेटरी फूड आइटम्स शामिल करें. - प्रोस्टेट फूड से बचे
- रिफाइन ,कार्बोहाइड्रेट ,शुगर और प्रोस्टेट रेड मीट खाने से बचे
शराब और धूम्रपान से बचे - तनाव से दूर रहे
- कई बार तनाव की कारण इंसान कई बीमारियों को आमंत्रित कर देता है इसीलिए तनाव से जितना दूर हो सके रहे मेडिटेशन पर ध्यान दें.
- वेट कंट्रोल
ध्यान रहे कि अपने वजन को हमेशा नियंत्रण में रखें अपना वजन ना ज्यादा होने दे ना ही कम होने दे
Pcos मैं अधिक वजन वाली महिलाओं को ज्यादा खतरा है.
जरूरी बात
पस की वजह से बांझपन, मधुमेह और हृदय रोग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो की बहुत ज्यादा खतरनाक है.
इसीलिए यह सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है कि अपनी हेल्थ पर ध्यान दें और लाइफस्टाइल को सुधारे ।
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