
पद्मश्री वैज्ञानिक Dr. Subbanna Ayyappan की रहस्यमयी मौत, कावेरी नदी में मिला शव
भारत के प्रसिद्ध मत्स्य वैज्ञानिक और Padma Shri awardee Dr. Subbanna Ayyappan का शव Karnataka के Cauvery River में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। यह घटना 10 मई को उस समय सामने आई, जब Shrirangapattana स्थित Sai Ashram के पास एक अज्ञात शव बरामद किया गया। बाद में पुष्टि हुई कि यह शव ICAR (Indian Council of Agricultural Research) के पूर्व महानिदेशक और Blue Revolution in India के मुख्य सूत्रधार डॉ. अय्यप्पन का है।
डॉ. अय्यप्पन की रहस्यमयी मौत से वैज्ञानिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
7 मई से थे लापता, परिवार ने दर्ज कराई थी शिकायत
Mandya District Police के अनुसार, 70 वर्षीय डॉ. अय्यप्पन 7 मई 2025 को अपने Mysuru स्थित घर से बिना कोई जानकारी दिए निकल गए थे। वे मैसूर के Vishweshwar Nagar Industrial Area में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। जब तीन दिन तक उनका कोई पता नहीं चला तो उनके परिवार ने Vidyaranayapuram Police Station में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
इसके बाद 10 मई को स्थानीय लोगों ने Cauvery नदी में एक शव तैरता हुआ देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को पास ही डॉ. अय्यप्पन का स्कूटर भी लावारिस हालत में मिला। बाद में परिवार ने शव की पहचान की पुष्टि की।
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— Aarambh News Official (@aarambhnewsoffi) May 13, 2025
प्रारंभिक जांच: आत्महत्या की आशंका, लेकिन खुलासे बाकी
Shrirangapattana Police Station ने मामले को दर्ज कर लिया है और mysterious death की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में ऐसा लगता है कि उन्होंने नदी में छलांग लगाई हो सकती है, लेकिन official cause of death की पुष्टि विस्तृत जांच और post-mortem report के बाद ही की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं – चाहे वह आत्महत्या हो, दुर्घटना या कुछ और।”
भारत की ‘नीली क्रांति’ के जनक
डॉ. सुब्बान्ना अय्यप्पन को भारत में Blue Revolution यानी नीली क्रांति के प्रमुख वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत में fisheries sector को न केवल वैज्ञानिक दिशा दी, बल्कि rural livelihoods को भी सशक्त बनाया। उनके द्वारा विकसित की गई तकनीकों और रणनीतियों ने देश भर में aquaculture और inland fisheries को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनके उल्लेखनीय योगदानों के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2022 में Padma Shri से सम्मानित किया था।
शिक्षा और पेशेवर करियर
डॉ. अय्यप्पन का जन्म 10 दिसंबर 1955 को कर्नाटक के Yelandur, Chamarajanagar में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा और शोध कार्य के जरिए भारत के मत्स्य विज्ञान क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ा:
- Bachelor of Fisheries Science (BFS): 1975
- Master of Fisheries Science (MFS): 1977, Mangaluru
- PhD: 1998, University of Agricultural Sciences, Bengaluru
उन्होंने कई राष्ट्रीय संस्थानों में नेतृत्व किया:
- CIFA Bhubaneswar – निदेशक
- CIFE Mumbai – निदेशक
- NFDB Hyderabad – संस्थापक CEO
- DARE (Department of Agricultural Research and Education) – सचिव
- NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) – चेयरमैन
- CAU Imphal – कुलपति
वैज्ञानिक जगत और परिवार में शोक की लहर
डॉ. अय्यप्पन के निधन से Indian scientific community को बड़ा झटका लगा है। उनके साथ काम कर चुके कई वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों ने इस क्षति को अपूरणीय बताया है। वे अपने पीछे पत्नी और दो बेटियाँ छोड़ गए हैं।
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