
Amarnath Yatra 2025: 3 जुलाई से होगी शुरुआत, जानिए दर्शन का शुभ मुहूर्त, रूट और जरूरी जानकारी
Amarnath Yatra 2025: हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं की बहुप्रतीक्षित अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत हो रही है। भगवान शिव के हिमलिंग स्वरूप के दर्शन के लिए यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो जाएगी और रक्षाबंधन (9 अगस्त) तक चलेगी। इस दौरान लाखों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर के बर्फीले पहाड़ों के बीच स्थित अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
अमरनाथ यात्रा की शुरुआत और शुभ मुहूर्त
अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 3 जुलाई 2025 को आषाढ़ शुक्ल अष्टमी तिथि के दिन हो रहा है। इस दिन हस्त नक्षत्र हेगा, जो चंद्रमा से जुड़ा होता है और शुभ माना जाता है। यही नहीं, इस दिन दुर्गा अष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा, जिससे यह दिन और भी पवित्र बन जाता है।
हस्त नक्षत्र समाप्ति समय: दोपहर 1:51 बजे
अष्टमी तिथि समाप्ति: दोपहर 2:08 बजे
इसी समय के बीच श्रद्धालुओं का पहला जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन करेगा। इसके बाद प्रतिदिन श्रद्धालु सुबह *6 बजे से शाम 4 बजे* तक बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
अमरनाथ यात्रा 2025 महत्त्व
अमरनाथ यात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि भक्ति, साहस और विश्वास का संगम* है। हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कठिन यात्रा करते हैं और आध्यात्मिक शांति पाते हैं। अगर आप भी इस बार यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो समय से पंजीकरण कराएं, स्वास्थ्य प्रमाणपत्र लें और यात्रा संबंधी सभी निर्देशों का पालन करें।
पहला जत्था और यात्रा का विधिवत शुभारंभ
2 जुलाई को पहला जत्था जम्मू से रवाना हो चुका है। श्रद्धालु दोपहर तक पहलगाम के नुनवान बेस कैंप और बालटाल बेस कैंप पहुंच जाएंगे। 3 जुलाई को सुबह करीब 7 बजे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बाबा बर्फानी के दर्शन कर यात्रा का विधिवत उद्घाटन करेंगे।
बालटाल रूट से यात्री – 3 जुलाई को सुबह 10 बजे दर्शन कर सकेंगे
पहलगाम रूट से यात्री – 4 जुलाई को दर्शन करेंगे
अमरनाथ यात्रा के दो मुख्य मार्ग
अमरनाथ यात्रा दो रास्तों से की जाती है। दोनों रूट सुंदर होने के साथ-साथ अलग-अलग अनुभव देते हैं।
पहलगाम रूट (पारंपरिक मार्ग)
कुल दूरी: 48 किलोमीटर
यह मार्ग ऐतिहासिक और परंपरागत है
इसमें कई दिन लगते हैं
रास्ते में चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी जैसे पड़ाव आते हैं
बालटाल रूट
कुल दूरी: 14 किलोमीटर
यह रास्ता छोटा है लेकिन काफी कठिन और चढ़ाई भरा
एक ही दिन में गुफा तक जाया और वापस आया जा सकता है
बुजुर्गों और बीमार लोगों को इस रूट से यात्रा नहीं करनी चाहिए
आयु सीमा और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र
सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए उम्र की सीमा तय की है:
- 13 साल से कम और 75 साल से ज्यादा उम्र के लोग यात्रा नहीं कर सकते।
- गर्भवती महिलाओं को भी यात्रा की अनुमति नहीं है।
- सभी यात्रियों के पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है।
- बिना मेडिकल फिटनेस के किसी को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सावन में होगी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
भगवान शिव का प्रिय महीना सावन इस साल 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। माना जा रहा है कि सावन में बाबा बर्फानी के दर्शन का महत्व और बढ़ जाता है। ऐसे में भारी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ धाम की ओर रुख करेंगे।
यात्रा समाप्ति तिथि: 9 अगस्त 2025 (रक्षाबंधन)
अपेक्षित कुल श्रद्धालु: 3.5 लाख से अधिक (सरकारी आंकड़ों के अनुसार)
हेलीकॉप्टर सेवा और अन्य सुविधाएं
अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है, जो खासतौर पर बुजुर्गों और व्यस्त लोगों के लिए लाभकारी होती है।
नीरू (पहलगाम) और बालटाल से हेलीकॉप्टर सेवा
यात्रा की ऑनलाइन बुकिंग अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है
मेडिकल, लॉजिंग, टॉयलेट, इंटरनेट जैसी सुविधाएं भी कैंपों में उपलब्ध कराई गई हैं
जरूरी बातें और सावधानियां
1. रजिस्ट्रेशन जरूरी है – बिना पंजीकरण यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी
2. स्वास्थ्य प्रमाणपत्र साथ रखें – यह प्रमाणित करता है कि आप कठिन यात्रा के लिए फिट हैं
3. बारिश और ठंड से बचाव करें – ऊंचाई पर मौसम अचानक बदल सकता है
4. हल्का और जरूरी सामान ही साथ लें – लंबी चढ़ाई में भारी सामान परेशानी पैदा कर सकता है
5. सरकारी निर्देशों का पालन करें – सुरक्षा और व्यवस्था के लिए जरूरी है
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