
Misbehave In School मानवाधिकार आयोग ने दिखाई सख्ती, स्कूल को चुकाना पड़ा 50 हजार का जुर्माना
Misbehave In School:रीवा के ज्योति किंडर गार्डन स्कूल में एक मासूम बच्चे के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने स्कूल को ₹50,000 रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि यह राशि पीड़ित बच्चे के परिजनों को दी जाए। यह फैसला बच्चों के अधिकारों की रक्षा और स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रीवा जिले के प्रतिष्ठित ज्योति किंडर गार्डन स्कूल की मनमानी अक्सर चर्चा में रहती है, लेकिन अधिकांश अभिभावक डर के कारण खुलकर शिकायत नहीं कर पाते। बीते साल सर्दी के मौसम में स्कूल में पढ़ने वाले एक मासूम बच्चे के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। उस समय परिजनों ने इस घटना की शिकायत मानवाधिकार आयोग से की थी। अब करीब एक साल बाद आयोग ने जांच पूरी करते हुए स्कूल को दोषी माना है और बच्चे के साथ गलत व्यवहार के लिए ₹50,000 का जुर्माना लगाया है।
Misbehave In School वायरल वीडियो ने खोली स्कूल की संवेदनहीनता की पोल
रीवा जिले के प्रतिष्ठित ज्योति किंडर गार्डन स्कूल में एक मासूम बच्चे के साथ हुई लापरवाही और दुर्व्यवहार का मामला अब सबके सामने है। बीते साल ठंड के मौसम में वायरल हुए एक वीडियो में बच्चा रोते हुए कहता है कि उसके कपड़े में गंदगी लग गई थी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। मजबूर होकर उसने अपने गंदे कपड़े खुद ही साफ किए। वीडियो में मासूम की पीड़ा और डर साफ झलकता है। आरोप है कि इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने उसे एक पतले कपड़े में लपेटकर घर भेज दिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ने की भी आशंका जताई गई थी।
गौरतलब है कि जिले के इस नामी स्कूल के खिलाफ अभिभावक खुलकर बोलने से डरते थे, लेकिन इस घटना ने स्कूल की संवेदनहीनता और मनमानी रवैये को उजागर कर दिया है।
भाजपा नेता की पहल, मानवाधिकार आयोग ने स्कूल पर की सख्त कार्रवाई
ज्योति किंडर गार्डन स्कूल में मासूम बच्चे के साथ हुए दुर्व्यवहार का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा नेता गौरव तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से की। शिकायत पर लंबी जांच के बाद आयोग ने स्कूल को दोषी मानते हुए ₹50,000 का जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया। आयोग का स्पष्ट निर्देश था कि यह राशि पीड़ित बच्चे के परिजनों को दी जाए। अब स्कूल प्रबंधन ने यह जुर्माना भर दिया है। इस कार्रवाई को बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
मासूम छात्र यक्षित उपाध्याय के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में मानवाधिकार आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए स्कूल प्रबंधक को ₹50,000 जुर्माना भरने का आदेश दिया था। आयोग की सख्ती के बाद अब स्कूल प्रबंधक ने यह जुर्माना यक्षित के पिता जयप्रकाश उपाध्याय के बैंक खाते में जमा कर दिया है।
आयोग ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए स्कूल की संवेदनहीनता पर नाराज़गी जताई थी और साफ कहा था कि बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। यह कार्रवाई न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए राहत का कारण बनी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि बच्चों के अधिकारों की अनदेखी करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Misbehave In School: मध्य प्रदेश में पहली बार स्कूल को बच्चों से दुर्व्यवहार पर मिला दंड
मासूम यक्षित का एक वीडियो बीती ठंड में वायरल हुआ था, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। वीडियो में यक्षित गंदे कपड़ों में नज़र आ रहा था और बताया गया कि वॉशरूम में उसने अपने कपड़े खुद साफ किए। स्कूल स्टाफ की ओर से उसकी कोई मदद नहीं की गई। इतना ही नहीं, स्कूल प्रबंधन ने संवेदनहीनता दिखाते हुए उसे एक पतले कपड़े में लपेटकर घर भेज दिया था। इस अमानवीय व्यवहार को लेकर मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए स्कूल पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया।
यह मामला मध्य प्रदेश के शिक्षा इतिहास में एक महत्वपूर्ण मिसाल बन गया है। पहली बार किसी स्कूल को बच्चों के प्रति संवेदनहीन रवैये और दुर्व्यवहार के लिए दंडित किया गया है। रीवा के प्रतिष्ठित ज्योति किंडर गार्डन स्कूल में मासूम यक्षित के साथ हुई अमानवीय हरकत के खिलाफ शिकायत भाजपा नेता गौरव तिवारी ने की थी। उनकी पहल पर मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता दिखाते हुए स्कूल पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया।
यह प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जिसमें किसी स्कूल को इस तरह की लापरवाही और क्रूरता के लिए जिम्मेदार ठहराया गया हो। हालांकि, स्कूल प्रबंधन और पीड़ित परिवार ने अब तक इस पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।
1 thought on “Misbehave In School: मानवाधिकार आयोग ने दिखाई सख्ती, स्कूल को चुकाना पड़ा 50 हजार का जुर्माना:”