
Gujarat Bridge Collapse महिसागर नदी पर बना गंभीर ब्रिज ढहने से मचा हाहाकार
Gujarat Bridge Collapse: गुजरात के मध्य हिस्से को सौराष्ट्र से जोड़ने वाला एक अहम संपर्क माध्यम महिसागर नदी पर बना गंभीर ब्रिज मंगलवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना। यह पुल पिछले 45 वर्षों से इस क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए आवागमन का मुख्य जरिया था। लेकिन अचानक हुए इस Gujarat Bridge Collapse हादसे में पुल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया जिससे चार वाहन नदी में गिर गए।
हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन लोगों को स्थानीय ग्रामीणों और बचाव टीमों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह दुर्घटना न सिर्फ लोगों के लिए एक त्रासदी है बल्कि देशभर में जर्जर हो चुके पुराने पुलों की स्थिति पर एक गंभीर सवाल भी उठाती है।
Gujarat Bridge Collapse हादसे का विवरण:
मंगलवार सुबह करीब 6:30 बजे गंभीर ब्रिज पर से गुजर रहे दो ट्रक, एक बोलेरो और एक अन्य वाहन अचानक पुल के टूटने से सीधे महिसागर नदी में गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुल पर अचानक कंपन हुआ और कुछ ही सेकंड में उसका एक हिस्सा ध्वस्त हो गया।
तेज आवाज के साथ पुल के खंडहर नदी में समा गए और इसके साथ ही वाहनों की चीख पुकार से वातावरण दहल उठा। 6 पादरा, 2 वडोदरा अस्पताल में भर्ती इस हादसे में 8 लोग घायल हुए हैं। 6 लोगों को पादरा अस्पताल और 2 को वडोदरा के सयाजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। इस घटना की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई।
उन्होंने प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। लोगों का कहना था कि 45 साल पुराने इस पुल की मरम्मत के लिए प्रशासन को कई बार सूचित किया जा चुका है। प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण आज यह हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस हादसे के लिए पूरी तरह से प्रशासन ही जिम्मेदार है।
स्थानीय निवासी और किसान जो पास के खेतों में काम कर रहे थे तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े और नदी में गिरे लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे। कुछ लोगों ने तत्काल प्रशासन और पुलिस को सूचना दी। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया लेकिन दो लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
इससे पहले हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे विधायक सुनील शेलके ने दावा किया था कि 6 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि CM देवेंद्र फडणवीस और पुणे जोन 2 के DCP ने 2 लोगों की मौत की पुष्टि की है। 2 लोगों की मौत हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब कई लोग नदी के तेज बहाव को देखने के लिए खड़े थे।
हादसे वाली जगह पुणे से 30 किमी दूर वीकेंड मनाने पहुंचते हैं लोग। पुणे से कुंडमाला की दूरी 30 किमी है। यह जगह मुंबई के रास्ते में एक्सप्रेसवे में एंट्री करने से पहले स्थित है। वीकेंड पर यहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। पुल जर्जर था, क्षमता से ज्यादा लोग, गाड़ियों की आवाजाही भी थी। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह पुल पहले से ही बहुत खराब और जर्जर स्थिति में था। हादसे के समय पुल पर क्षमता से अधिक पर्यटक मौजूद थे। लोग टू-व्हीलर और मोटरसाइकिल ले जा रहे थे। इसी वजह से पुल भार सहन नहीं कर सका।
Gujarat Bridge Collapse रेस्क्यू ऑपरेशन:
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस बल, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। गोताखोरों की टीम ने नदी में डूबे वाहनों और लोगों की तलाश शुरू की। कुछ ही समय में बोलेरो और एक ट्रक को सतह पर लाया गया लेकिन बाकी वाहनों को निकालने में काफी समय लग गया। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होते-होते दोपहर हो गई। राहत की बात यह रही कि जिन तीन लोगों को बचाया गया, उनकी हालत स्थिर बताई गई है और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा भी की है।
ब्रिज की स्थिति और पूर्व चेतावनी:
गंभीर ब्रिज का निर्माण करीब 45 साल पहले किया गया था। यह पुल नडियाद और बोरसद को जोड़ता है और इस पर रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। कई वर्षों से स्थानीय निवासियों द्वारा इस पुल की जर्जर स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही थी। कई बार प्रशासन से मरम्मत की मांग की गई थी लेकिन इसकी अनदेखी की गई। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले वर्ष पुल के एक कोने पर दरारें देखी गई थीं, जिसके बाद इंजीनियरों ने मामूली मरम्मत कर उसे फिर से चालू कर दिया था। परंतु बड़ी मरम्मत या पुनर्निर्माण की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
हादसे के तुरंत बाद जिला कलेक्टर, एसपी और लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। कलेक्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रारंभिक जांच से लगता है कि पुल की संरचनात्मक मजबूती कमजोर हो गई थी, जिसकी वजह से यह ढह गया। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। PWD के इंजीनियरों ने मौके पर पहुंचकर ब्रिज की शेष संरचना का निरीक्षण किया और उसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारण स्पष्ट होंगे।
Gujarat Bridge Collapse स्थानीय लोगों में आक्रोश:
इस हादसे के बाद आसपास के गांवों में भारी आक्रोश फैल गया। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने चेतावनी को गंभीरता से लिया होता और ब्रिज की मरम्मत करवाई होती, तो यह जानलेवा हादसा टल सकता था। कुछ ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया।
Gujarat Bridge Collapse राजनीतिक प्रतिक्रिया:
घटना के बाद राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया। विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार की नीतियों और निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए। उन्होंने मांग की कि पूरे राज्य में पुराने पुलों की संरचनात्मक जांच करवाई जाए और जो भी पुल जर्जर हालत में हैं उन्हें तुरंत बंद कर पुनर्निर्माण कराया जाए। राज्य के मुख्यमंत्री ने भी हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा और घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की।
Gujarat Bridge Collapse सुरक्षा उपायों की आवश्यकता:
यह हादसा एक चेतावनी है कि देशभर में वर्षों पुराने पुलों की सुरक्षा का फिर से आकलन किया जाए। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में हजारों ऐसे पुल हैं जो 30-50 साल पुराने हैं और उनकी नियमित जांच या देखरेख नहीं होती। अगर समय रहते उनकी मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो इस तरह की घटनाएं बार-बार हो सकती हैं।
महिसागर नदी पर गंभीर ब्रिज का टूटना न केवल एक दुखद दुर्घटना है बल्कि हमारी अवसंरचनाओं की उपेक्षा का उदाहरण भी है। यह हादसा भविष्य के लिए चेतावनी है कि अब और देरी न करते हुए पुराने पुलों की स्थिति पर ठोस निर्णय लेना आवश्यक है। सरकार को चाहिए कि वह पूरे राज्य और देशभर में पुलों की संरचनात्मक जांच कराए, सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे और ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कार्य योजना बनाए। इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विकास की राह में केवल नई योजनाएं ही नहीं, बल्कि पुरानी संरचनाओं का संरक्षण और समय पर रखरखाव भी उतना ही आवश्यक है।
हम उन सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं जिन्होंने इस दुखद हादसे में अपने प्रियजनों को खोया है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और घायल लोगों को शीघ्र स्वस्थ करें।
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