Durga Navami 2024: Durga Navami, जिसे महा नवमी के नाम से भी जाना जाता है, सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह नौ दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि उत्सव का अंतिम दिन होता है, जो माता दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। वर्ष 2024 में दुर्गा अष्टमी और महा नवमी दोनों एक साथ 11 अक्टूबर को मनाई जाएंगी।
सनातन धर्म में Durga Navami का महत्व
Durga Navami, नवरात्रि के नौवें दिन मनाई जाती है, और यह दिन मां दुर्गा के नौवें रूप, सिद्धिदात्री देवी की पूजा के लिए समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है, जहां नौ कन्याओं को मां दुर्गा का रूप मानकर पूजा की जाती है। इसके साथ ही हवन अनुष्ठान भी किया जाता है, जिससे भक्तों को उत्तम स्वास्थ्य, समृद्धि और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Durga Navami 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
Durga Navami 2024 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस अवधि के भीतर पूजा और हवन के शुभ मुहूर्त में अनुष्ठान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
Durga Navami 2024 के दिन के प्रमुख शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- चर – सामान्य मुहूर्त: सुबह 06:20 एएम से 07:47 एएम
- लाभ – उन्नति मुहूर्त: सुबह 07:47 एएम से 09:14 एएम
- अमृत – सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 09:14 एएम से 10:41 एएम
- शुभ – उत्तम मुहूर्त: दोपहर 12:08 पीएम से 01:34 पीएम
- चर – सामान्य मुहूर्त: शाम 04:28 पीएम से 05:55 पीएम
Durga Navami 2024 हवन पूजन का शुभ मुहूर्त
दुर्गा नवमी पर हवन पूजन करने का विशेष महत्व है। यह अनुष्ठान देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है और इसे करने से भक्तों के जीवन में उत्पन्न सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। वर्ष 2024 में हवन का शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे से शाम 5:55 बजे तक रहेगा। 12 अक्टूबर को, सुबह 10:58 बजे तक का समय हवन के लिए उपयुक्त रहेगा।
Durga Navami कन्या पूजन का महत्व
सनातन धर्म में कन्या पूजन को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन नौ कन्याओं को माता का रूप मानकर पूजा की जाती है। उन्हें भोजन कराया जाता है और उनके पैर धोकर आशीर्वाद लिया जाता है। यह अनुष्ठान भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है और माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 2024:
- सुबह 06:20 एएम से 10:41 एएम के बीच कन्या पूजन का सबसे उत्तम समय है।
- दोपहर में 12:09 पीएम से 01:34 पीएम के बीच भी कन्या पूजन किया जा सकता है।
Durga Navami पूजा विधि
Durga Navami के दिन, मां सिद्धिदात्री की पूजा विशेष रूप से की जाती है। पूजा की विधि में सबसे पहले माता की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित किया जाता है। इसके बाद निम्नलिखित चरणों में पूजा की जाती है:
- आचमन और ध्यान: पूजा की शुरुआत आचमन (जल का पान) और माता का ध्यान करने से होती है।
- संकल्प: माता की आराधना करते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है, जो मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की महिमा का बखान करता है।
- हवन: नवमी के दिन हवन का आयोजन किया जाता है। इसमें लकड़ी, घी, चावल, तिल और हवन सामग्री से अग्नि में आहुतियां दी जाती हैं।
- आरती और प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में मां दुर्गा की आरती की जाती है और प्रसाद के रूप में फल, मिठाई या पंचमेवा भक्तों में बांटा जाता है।
हवन सामग्री
हवन के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है, जो इस अनुष्ठान को शुद्ध और प्रभावशाली बनाती हैं। हवन सामग्री में आम की लकड़ी, तिल, जौ, घी, कर्पूर, गुग्गुल और हवन कुंड प्रमुख होते हैं। साथ ही, भक्त इस अवसर पर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हुए आहुतियां देते हैं, जिससे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
कन्या पूजन कैसे करें?
कन्या पूजन के दौरान नौ छोटी कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है। इन कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। पूजा विधि में सबसे पहले कन्याओं के पैर धोए जाते हैं, फिर उन्हें तिलक लगाकर और फूल माला पहनाकर भोजन कराया जाता है। कन्या पूजन के अंत में उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र, मिठाई, फल, और दक्षिणा दी जाती है।
कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना भी अनिवार्य होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कन्याओं का आशीर्वाद मां दुर्गा के आशीर्वाद के समान होता है। इस अनुष्ठान से भक्तों को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नवमी के दिन व्रत पारण
नवमी के दिन, भक्त अपने व्रत का समापन करते हैं। जिन भक्तों ने नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक व्रत रखा होता है, वे इस दिन विधिपूर्वक व्रत का पारण करते हैं। पारण का समय नवमी पूजा और हवन के बाद होता है। इस दिन अन्न और धन का दान भी किया जाता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
Durga Navami, शारदीय नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण दिन है, जब मां दुर्गा की आराधना और पूजा विधिपूर्वक की जाती है। इस दिन कन्या पूजन और हवन का विशेष महत्व होता है, जो भक्तों को समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्रदान करता है।
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