
Global Day Of Parents 2025: मां-बाप कोई बोझ नहीं, वरदान हैं ,प्लेफुल पैरेंटिंग' का करें वादा!
Global Day Of Parents 2025: हर वर्ष 1 जून को माता-पिता का वैश्विक दिवस यानी “global day of parents” मनाया जाता है। माता-पिता का वैश्विक दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किया गया था, इसका उद्देश्य है कि माता-पिता के बलिदान और उनके द्वारा किए गए निस्वार्थ योगदान को सरहाया जाए और सम्मानित किया जाए।
global day of parents 2025
प्रत्येक वर्ष 1 जून को दुनिया भर के कई देशों में वैश्विक माता-पिता दिवस मनाया जाता है। यह दिवस माता-पिता के त्याग बलिदान और योगदान को दर्शाता है, आज के इस जमाने में जहां बच्चे मां-बाप को इज्जत नहीं देते वह वृद्ध आश्रम में भेजते हैं उसको मध्य नजर रखकर 1 जून को माता-पिता द्वारा की गई निस्वार्थ बलिदान को सम्मान देने के लिए यह दिन मनाया जाता है। वैश्विक माता-पिता दिवस सभी बच्चों को एक मौका देता है कि वह दिल से अपने माता-पिता को धन्यवाद दी और उनके किए गए निस्वार्थ योगदान को दिल से याद करें।
वैश्विक माता-पिता दिवस का इतिहास
वैश्विक माता-पिता दिवस या ग्लोबल पेरेंट्स दिवस मनाने की शुरुआत 1994 में हुई थी। तब से लेकर हर साल 1 जून को अंतरराष्ट्रीय परिवार वर्ष के रूप में इस दिन की घोषणा हुई।
माता-पिता अपने बच्चों को एक स्वस्थ शरीर और बेहतर जिंदगी प्रदान करते हैं। जब तक बच्चा किसी योग्य नहीं हो जाता माता-पिता अपने बच्चों के बोझ को अपने कंधों में खुशी-खुशी लेकर घूमते हैं,बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए माता-पिता दोनों का होना अत्यंत आवश्यक है।
अगर माता-पिता कम उम्र में ही अपने बच्चों का साथ छोड़ दे तो बच्चे बेसहारा और लाचार हो जाते हैं, ऐसे में यह साफ है कि बिना माता-पिता के बच्चों का जीवन कठिन है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र ने यह फैसला लिया कि ग्लोबल पेरेंट्स दिवस मनाया जाएगा। 1994 में भले ही इसकी शुरुआत हुई हो, परंतु पहली बार 1 जून 2012 को यह दिवस मनाया गया। तब से लेकर आज तक यह दिन बड़े सम्मान के साथ प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
भारत में बढ़ते वृद्धाश्रम!
भारत अपने संस्कारों और बड़े बुजुर्ग को सम्मान देने के लिए जाना जाता था। भारतीय संस्कृति हमेशा यही सिखाती है कि कैसे बड़ो बडो और अपने माता-पिता का सम्मान करें, और कैसे वृद्धा अवस्था में उनका सहारा बने। हालांकि जैसे-जैसे पीढ़ियां आगे बढ़ती जा रही है बच्चों को उनके माता-पिता ही बोझ लगने लग जाते हैं।
वह माता-पिता जिन्होंने अपना मन मार कर अपने बच्चों को अच्छा-अच्छा खाना खिलाया है, वह माता-पिता जिन्होंने कड़ी मेहनत कर कर अपने बच्चों को हर वह सुविधा दी है जिसके लिए उनका भविष्य उज्जवल हो। पर बुढ़ापे में बूढ़े मां-बाप को क्या मिलता है, वृद्ध आश्रम का कमरा?
भारत में बढ़ते वृद्ध आश्रम इस बात को दर्शाते हैं, कि आजकल के युवा पीढ़ी अपने माता-पिता का बोझ नहीं उठा पा रहे हैं, या उठाना ही नहीं चाहते। यह बात काफी चिंताजनक है कि जिस देश की संस्कृति कहती है की माता-पिता से बड़ा कोई नहीं, वहीं पर उनका घर में पनाह नहीं दी जा रही।
वैश्विक माता-पिता दिवस का थीम
प्रत्येक वर्ष “ग्लोबल पेरेंट्स डे की” एक थीम रखी जाती है। हर बार यह थीम अलग-अलग होती है। 2025 में वैश्विक माता-पिता दिवस की थीम रखी गई है, “प्लेफुल पेरेंटिंग का वादा”
इस थीम का मतलब है की माता-पिता के रिश्तों में और भी ज्यादा मजबूती आनी चाहिए और भावनात्मक रूप से पेरेंट्स और बच्चे दोनों ही दूसरे के साथ सुरक्षित महसूस करें।
वैश्विक माता-पिता दिवस कैसे मनाए?
- अपने माता-पिता को उपहार दें।
- अपने माता-पिता से धन्यवाद कहें, क्योंकि उन्होंने मेहनत करके आपके भविष्य को उज्जवल मनाया है।
- अपने माता-पिता को कहीं बाहर जरूर लेकर जाए। अगर आपके माता-पिता आध्यात्मिक से जुड़े हैं तो तीर्थ यात्रा पर भी ले जाएं।
- अपने माता-पिता को घर में आराम ही करने दे और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन अपने हाथों से बनाएं।
- अपने माता-पिता के साथ समय बिताए, बचपन की या पुरानी फोटो एल्बम देखें, बैठकर पुरानी यादों को फिर से ताजा करें।
- अपनी माता-पिता के लिए केक जरूर लेकर आए।
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