मनमोहन सिंह के अंतिमसंस्कार के दिन प्रणब मुखर्जी जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी का दुःख उमड़ा। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करी , साथ ही एक पोस्ट जारी किया जिस उन्होंने लिखा उनके पिता प्रणब मुखर्जी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह इन दोनों के निधन में कांग्रेस ने शोक सभा आयोजित करना ज़रूरी नहीं समजा।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जताया आक्रोश।
डॉ मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कई विवादित बयान सामने आते है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को लेकर टिप्पणी के है जिसमे उन्होंने सोशल मीडिया प्लॅटफॉम X पर ट्वीट कर कहा की कांग्रेस ने उनके पिता प्रणब मुखर्जी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह इन दोनों के निधन में शोक सभा आयोजित करने की जहमत भी नहीं करी।
When baba passed away, Congress didnt even bother 2 call CWC 4 condolence meeting. A senior leader told me it’s not done 4 Presidents. Thats utter rubbish as I learned later from baba’s diaries that on KR Narayanan’s death, CWC was called & condolence msg was drafted by baba only https://t.co/nbYCF7NsMB
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) December 27, 2024
मिललकार्जुन खरगे pm मोदी को बेजा पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के सम्मान में स्मारक का निर्माण किया जाना चाहिए। मनमोहन सिंह का गुरुवार को नई दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया था। खरगे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारक बनाने की परंपरा रही है। खरगे के इस पत्र पर भाजपा नेता सीआर केसवन ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस की आलोचना की और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का जिक्र किया, जिनका दिल्ली में स्मारक नहीं बनाया गया।
भाजपा नेता के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘जब बाबा का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।’ बता दें कि मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस की कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कार्यसमिति की बैठक रद्द कर दी गई और शुक्रवार को कार्यसमिति की बैठक बुलाकर मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कब हुआ मनमोहन सिंह का अंतिमसंस्कार ?
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 26 दिसंबर 2024 को 92(बानबे) साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन के बाद अब उनकी समाधि को लेकर राजनीति तेज हो गई है।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर बीजेपी से सवाल उठाए हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर की सुबह 11:45बजे दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया ।
कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया
कांग्रेस चाहती है कि उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाए, जहां बाद में उनकी समाधि या स्मारक बनाया जा सके। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मांग को दोहराया।
खरगे ने लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के विकास में जो योगदान दिया है, वह ऐतिहासिक है।
उनके सम्मान में एक ऐसा स्मारक बनाया जाए, जो उनकी यादों को हमेशा जीवित रखे।” उन्होंने यह भी कहा कि इस परंपरा का पालन करना पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
इस पर अखिलेश यादव ने उठाई आवाज।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि के विषय में देश की सम्मान की परंपरा का पालन होना चाहिए।
निगम बोध घाट पर होगा पूर्व पीएम का अंतिम सस्कार।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए उपयुक्त जगह का चयन न करके देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान किया जा रहा है।
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