
June Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर करें ये काम, पूरी होंगी मनोकामनाएं, जानिए की पूरी विधि
June Shivratri 2025: हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत महिलाएं अपने पति के लंबे उम्र के लिए रखती है, तो वही अविवाहित महिलाएं शिव के समान यानी मनचाहा वर पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं।
मासिक शिवरात्रि 2025
सनातन धर्म में शिवरात्रि की काफी मानता है। हर महीने में आने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहते हैं, जो हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि अगर व्यवाहित महिला मासिक शिवरात्रि का व्रत रखती है तो उसके पति की उम्र लंबी होती है, साथ ही अगर अविवाहित मासिक शिवरात्रि का व्रत रखती है तो उसको मनचाहा व्रत प्राप्त होता है।
मासिक शिवरात्रि में महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है, साथ ही व्रत रखने से आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है। सिर्फ महिला ही नहीं बल्कि पुरुष भी मानसिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं आत्मा शांति और इच्छाएं पूरी करने के लिए। मासिक शिवरात्रि के दिन रात भर जगा कर महादेव क्या जागरण करना पड़ता है और शिव मित्रों का जाप करना पड़ता है।
कब है मासिक शिवरात्रि?
हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि हर महीने आती है, लेकिन जून में आने वाली मासिक शिवरात्रि की शुरुआत 23 जून रात 10:09 से हो रही है, और इसका समापन 24 जून शाम 6:59 पर होगा।
यह शिवरात्रि दिव्या होने वाली है, क्योंकि जून में आने वाले मासिक शिवरात्रि की शुरुआत 23 जून यानि सोमवार के दिन हो रही है। सोमवार का दिन महादेव को समर्पित है और इसी दिन से मासिक शिवरात्रि की शुरुआत हो रही है।
सनातन धर्म में व्रत रखने की प्रथा उदय तिथि के आधार पर होती है, ऐसे में 24 जून को शिवरात्रि का व्रत रखा जाना चाहिए , लेकिन मासिक शिवरात्रि का पूजन निशिता कल में किया जाता है, इस आधार पर मासिक शिवरात्रि का व्रत 23 जून को ही रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
यहां मासिक शिवरात्रि की जानकारी को आसान और सरल हिंदी में बताया गया है:
मासिक शिवरात्रि – 23 जून 2025 (सोमवार)
सबसे पवित्र समय (निशिता काल):
रात 11:40 बजे से 24 जून की रात 12:21 बजे तक।
इसी समय भगवान शिव ‘लिंग रूप’ में प्रकट हुए थे।
इस समय शिव जी का जलाभिषेक, मंत्र जाप, और ध्यान करना बहुत शुभ माना जाता है।
प्रदोष काल:
शाम 6:52 बजे से रात 8:55 बजे तक।
इस दिन प्रदोष व्रत और शिवरात्रि व्रत दोनों एक साथ हैं और वह भी सोमवार को – यह बहुत ही शुभ योग है।
इस समय शिव जी की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।
अभिजीत मुहूर्त (दिन का शुभ समय):
सुबह 11:33 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक।
अगर आप रात में पूजा नहीं कर सकते, तो दिन के इस शुभ समय में भी पूजा कर सकते हैं।
पूजा विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बेचकर महादेव और मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान के आगे दीप जलाकर पुष्प अर्पित करें।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग धतूरा, शमी के पत्ते, गाय का दूध, गंगाजल, दही और धूप अर्पित करें।
- मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा सुनी और दूसरों को भी सुनाएं।
- शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जब करें।
- महादेव की आरती उतार कर उनसे क्षमा याचना जरूर करें।
- और दिन रहे की गलती से भी तुलसी के पत्ते भगवन को अर्पित न करे ।
मासिक शिवरात्रि पर क्या करें?
- सुबह जल्दी उठे।
- काले कपड़े पहनने से बचे
- सात्विक भोजन की ग्रहण करें।
- बुरे विचारों, और बुरे शब्दों का उपयोग ना करें।
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
शिवलिंग पर यह चढ़ाने से दूर होगी समस्या!
आर्थिक समस्या : अगर आप मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चावल से अभिषेक करें। यह करने से धन से जुड़ी समस्याओं का निवारण होगा।
वैवाहिक जीवन के लिए: अगर आपको अपना वैवाहिक जीवन सुख में बनाना है तो मानसिक शिवरात्रि के दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करके शिवलिंग पर गेहूं अर्पित करें।
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