
UP Panchayat Merger: उत्तर प्रदेश में 504 ग्राम पंचायतें खत्म! गांवों की सियासत में बड़ा फेरबदल
UP Panchayat Merger: उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। राज्य सरकार के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में अब कुल 504 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। साल 2021 में जहां राज्य में पंचायतों की संख्या 58,199 थी, अब वह घटकर 57,695 रह गई है।
सरकार का कहना है कि यह बदलाव “नगर क्षेत्र विस्तार” और “पंचायतों के विलय” के चलते हुआ है, लेकिन गांव के लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं—क्या अब उनकी आवाज़ भी खो जाएगी?
UP Panchayat Merger: कौन-कौन से ज़िले सबसे ज्यादा प्रभावित?
इस बदलाव का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला है, लेकिन कुछ ज़िले ऐसे हैं जहाँ पंचायतों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट हुई है:
- देवरिया: 64 पंचायतें खत्म
- आजमगढ़: 47 पंचायतें
- प्रतापगढ़: 45 पंचायतें
- गोरखपुर और अमरोहा: 21-21 पंचायतें
- गाजियाबाद: 19 पंचायतें
- फतेहपुर: 18 पंचायतें
- अलीगढ़: 16 पंचायतें
- फर्रुखाबाद: 14 पंचायतें
इस बदलाव से ग्रामीण क्षेत्र में चिंता की लहर है। कई छोटे गांव अब बड़े पंचायतों में समाहित कर दिए गए हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर नेतृत्व और विकास की समस्याएं बढ़ने की आशंका है।
क्या अब गांव की आवाज़ दबेगी?
गांव के लोगों का कहना है कि पहले जहां उनके गांव की अपनी पंचायत और प्रधान होते थे, अब वे किसी और पंचायत का हिस्सा बन गए हैं। इससे उनके मुद्दों को सही मंच नहीं मिल पा रहा है।
“हम तो अब पहचान ही नहीं पा रहे कि हमारे गांव की असली पंचायत कौन सी है,” — एक ग्रामीण बुज़ुर्ग ने बताया।
सरकार की सफाई
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पंचायतों को शहरी क्षेत्रों में शामिल किया गया है या उनका मर्जर कर दिया गया है ताकि प्रशासनिक व्यवस्था बेहतर हो सके। साथ ही वार्ड सिस्टम में भी बदलाव किया गया है जिससे जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय हो सके।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस मौके पर सुझाव दिया है कि अब समय आ गया है जब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी जनता सीधे करे, जैसे ग्राम प्रधानों का चुनाव होता है।
पंचायत चुनाव अप्रैल 2026 में
अगले पंचायत चुनाव अब अप्रैल 2026 में होने वाले हैं। ऐसे में यह मुद्दा न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक रूप से भी चर्चा में आ गया है।
सवाल अब भी कायम
- क्या इन बदलावों से ग्रामीण जनता की आवाज़ और नेतृत्व कमजोर हो जाएगा?
- क्या पंचायतों का मर्जर सच में विकास का रास्ता खोलेगा या फिर केवल संख्या घटाने तक ही सीमित रहेगा?
आपकी पंचायत बची या कट गई?
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी पंचायत अभी मौजूद है या कट लिस्ट में शामिल हो चुकी है, तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं।
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