
Panchayat Season 4 Review: सबसे कम रेटिंग के साथ 'पंचायत 4' का फिनाले, दर्शकों ने जताई नाराज़गी
Panchayat Season 4 Review: ”पंचायत सीजन-4” 24 जून को प्राइम वीडियो पर जारी हुआ। सचिव जी, नीना गुप्ता और फुलेरा लौटे, पर इस बार पंचायत चुनावों की कड़ी राजनीति, तनाव और चालबाज़ी कहानी पर हावी रहे। सादगी तथा हसी मज़ाक कही खोया सा लगा। आठों एपिसोड तुरंत लीक हुए, दर्शकों को दोहरी निराशा मिली, फिनाले को सबसे कमजोर बताया।
Panchayat Season 4 Review: अब तक की सीरीज का सबसे कमजोर अंत
कुछ दर्शकों को इसमें पुराने गांव की यादें और भावनाएं पसंद आईं, लेकिन कई लोगों को लगा कि इस बार शो में हास्य और सादगी की कमी हो गई है। खासकर चुनाव की कहानी ने शो के पुराने रंग को हल्का कर दिया।
इस सीजन का फिनाले एपिसोड अब तक की सीरीज का सबसे कमजोर अंत माना जा रहा है। वहीं, ‘पंचायत’ की एक्ट्रेस ”सानविका” ने भी एक संकेत भरा पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा –
”काश मैं भी इंडस्ट्री की अंदरूनी होती, तो सब कुछ बराबरी से मिलता।” यह बात इंडस्ट्री में भेदभाव और पहचान की कमी को लेकर इशारा करती है।
Panchayat Season 4 Review: पंचायत के फिनाले एपिसोड्स की रेटिंग्स (IMDb के अनुसार)
वेब सीरीज ‘पंचायत’ के हर सीजन का आखिरी एपिसोड दर्शकों के लिए खास रहा है, लेकिन सीजन 4 के फिनाले को लेकर थोड़ा निराशाजनक रुझान देखने को मिला है।
सीजन 1, 2, 3, और 4
सीजन 1 का फिनाले एपिसोड “जब जागो तभी सवेरा” को 8.8 की रेटिंग मिली थी।
सीजन 2 का आखिरी एपिसोड “परिवार” को दर्शकों ने खूब पसंद किया और इसे 9.6 की शानदार रेटिंग मिली।
सीजन 3 का फिनाले “हमला” भी काफी दमदार था, जिसे 9.0 की रेटिंग मिली। लेकिन
सीजन 4 के फिनाले एपिसोड “दबदबा” को अब तक की सबसे कम 8.4 की रेटिंग मिली है।
इससे साफ है कि चौथे सीजन के अंत ने दर्शकों को पहले जितना प्रभावित नहीं किया। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने ‘पंचायत सीजन 4’ के फिनाले को लेकर नाराज़गी जताई।
Panchayat Season 4 Review: लोगों के X पर reviews
एक यूज़र ने लिखा, “देख लिया पूरा सीजन… दिल से निराश हूँ। कुछ हिस्से तो इतने धीमे और बोरिंग लगे। पहले जैसी कॉमेडी की झलक ही नहीं मिली… शो का गिरना उम्मीद नहीं थी।”
दूसरे ने कहा, “एंडिंग ने तो पूरी उम्मीद तोड़ दी। लेकिन समझ सकता हूँ कि आगे की कहानी के लिए ऐसा किया गया है।”
एक और यूज़र ने लिखा, “मुझे सीजन 4 बिल्कुल पसंद नहीं आया। बहुत ज़्यादा गंदी राजनीति थी… और सबसे खराब तो इसका अंत था। इतनी अच्छी सीरीज को इस तरह क्यों बिगाड़ दिया?”
वहीं किसी ने यह भी कहा, “पंचायत सीजन 4 ऐसा लगा जैसे किसी की शादी में ज़बरदस्ती बैठा दिया गया हो… न जाने का मन था, न मजा आया, लेकिन फिर भी आखिरी तक देखना पड़ा।” इस तरह, बहुत से दर्शकों ने इसे पहले जैसे मजेदार और दिलचस्प न होने की बात कही है।
एक सोशल मीडिया यूज़र ने साफ तौर पर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए लिखा –
“पंचायत सीजन 4 का सबसे खराब अंत। बहुत निराश हूँ।”
इस तरह के कमेंट्स से पता चलता है कि दर्शकों की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाईं और सीजन 4 का अंत उन्हें काफी फीका और निराशाजनक लगा।
पंचायत सीजन 4
पंचायत वेब सीरीज का चौथा सीजन 24 जून को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुआ। इस सीजन में फिर से ”जितेन्द्र कुमार” (सचिव जी) की वापसी हुई, उनके साथ ”नीना गुप्ता”, ”रघुवीर यादव”, ”फैजल मलिक”, ”चंदन रॉय”, ”दुर्गेश कुमार”, ”सुनीता राजवार” और ”पंकज झा” जैसे कलाकार भी नजर आए। इस बार की कहानी फुलेरा गांव में पंचायत चुनाव के इर्द-गिर्द घूमती है। चुनावी माहौल, तनाव और राजनीति के नाटक को इस सीजन में दिखाया गया है।
लेकिन सीजन की रिलीज के कुछ ही घंटों बाद ये सीरीज पायरेसी (चोरी) का शिकार हो गई और सभी आठ एपिसोड्स कई अवैध वेबसाइट्स पर लीक हो गए। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इस बार की कहानी में वो सादगी और अपनापन नहीं दिखा, जो पहले तीन सीजनों की खासियत थी।
रिपोर्ट में लिखा गया है: ”सीजन 4 में ऐसा लग रहा है कि अब शो एक तय फॉर्मूले पर चलने लगा है। राजनीति का माहौल, इंसानों की सीधी-सरल भावनाओं पर भारी पड़ता दिख रहा है। कहानी अब कुछ बनावटी सी लगती है, और पहले जैसा ताजगी भरा अहसास नहीं देती।”
यानि पहले जैसी ‘पंचायत’ की खास बात – सादगी, मजा और गहराई – इस सीजन में कहीं खो गई।
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