
Professor Ali Khan Arrest: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी: जानिए पूरा विवाद
Professor Ali Khan Arrest: अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अली खान महमूदाबाद (Professor Ali Khan Mahmoodabad) को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर विवादास्पद टिप्पणी करने के मामले में रविवार को पुलिस ने दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया। Haryana Police की यह कार्रवाई भाजपा युवा मोर्चा के एक सदस्य और हरियाणा राज्य महिला आयोग की शिकायतों के आधार पर की गई है।
गिरफ्तारी का कारण क्या है?
पुलिस के अनुसार, प्रोफेसर अली खान ने अशोका यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में चलाए गए Operation Sindoor और उसमें शामिल महिला सैन्य अधिकारियों पर विवादास्पद बयान दिए। यह आरोप भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य एवं जठेड़ी गांव के सरपंच योगेश जठेड़ी ने अपनी शिकायत में लगाया। उनका कहना है कि अली खान ने उनकी उपस्थिति में भारतीय महिला सैन्य अधिकारियों के खिलाफ “आपत्तिजनक” बातें कहीं और ऑपरेशन की आलोचना की।
दर्ज हुई दो FIR
Sonepat Police ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर योगेश जठेड़ी की शिकायत पर Rai Police Station में और दूसरी हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा डॉ. अली के सोशल मीडिया पोस्ट के संदर्भ में की गई। महिला आयोग का कहना है कि प्रोफेसर ने उनके समन के बावजूद आयोग के समक्ष पेश नहीं होकर अवमानना की।
महिला आयोग की नाराजगी
Haryana State Women Commission की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने आरोप लगाया कि डॉ. अली की टिप्पणियाँ न केवल महिला सैन्य अधिकारियों के प्रति अपमानजनक हैं, बल्कि वे सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाली भी हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि डॉ. अली के दादा कभी पाकिस्तान की मुस्लिम लीग को फंडिंग करते थे और यह सोच उन्हें विरासत में मिली है।
रेनू भाटिया ने कहा कि “ऐसे व्यक्ति को भारत की किसी भी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए। उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
Professor Ali Khan Arrest: सोशल मीडिया पर टिप्पणी बनी विवाद का कारण
डॉ. अली खान ने अपने X (पूर्व में Twitter) पोस्ट में लिखा था:
“जो लोग कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा कर रहे हैं, वे उन लोगों के लिए भी सुरक्षा की मांग करें जो उन्मादी भीड़ की हिंसा और सरकारी बुलडोज़र की कार्रवाई के शिकार हो रहे हैं।”
इसके अलावा उन्होंने कहा कि “मीडिया ब्रीफिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखावटी हैं जब तक ये जमीनी स्तर पर बदलाव न लाएं। वरना यह पाखंड है।”
डॉ. अली की सफाई
गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी बातों को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने लिखा,
“मैंने freedom of speech और freedom of expression के तहत शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की कोशिश की थी। महिला आयोग ने मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।”
Professor Ali Khan Arrest: पुलिस कार्रवाई और कोर्ट का फैसला
Delhi के Greater Kailash इलाके से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने डॉ. अली को Sonepat Court में पेश किया और पांच दिन की रिमांड की मांग की। हालांकि कोर्ट ने केवल दो दिन की रिमांड स्वीकृत की। पुलिस अब मामले की और गहराई से जांच कर रही है।
Ashoka University का बयान
Ashoka University ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि वे इस मामले की पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं और अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि वह संबंधित अधिकारियों से संपर्क में है और सभी तथ्यों का संज्ञान लेने के बाद ही कोई निर्णय लेगा।
Professor Ali Khan Arrest: किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?
पुलिस ने डॉ. अली खान पर जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, वे गंभीर हैं:
- Section 152 IPC: देश को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य (सात साल से आजीवन कारावास)
- Section 196(1): विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाना
- Section 197(1): देश की संप्रभुता को खतरे में डालने वाली झूठी जानकारी फैलाना
- Section 299 IPC: किसी धर्म की भावनाओं को आहत करना
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